मेरठ: जनपद में पारा लगातार 40 के पार हो रहा है. नगरीय क्षेत्र में 38 ऐसे सरकारी प्राथमिक स्कूल है, जहां बिजली की कटौती बहुत होती है. छात्र भीषण गर्मी में बिना पंखा के पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
मेरठ में भीषण गर्मी का कहर
यहां कुछ दिनों से लगातार गर्मी बढ़ती जा रही है. मेरठ में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही की पोल खुल गई है. शहर के 38 ऐसे प्राथमिक विद्यालय हैं, जहां बिजली कटी हुई है. वहीं, स्कूलों में तैनात टीचर्स-प्रधानाचार्य के बार-बार रिमाइंडर के बाद भी हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. इसका असर स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर भी पड़ता है. वहीं, पेरेंट्स भी इन विद्यालयों में पर्याप्त सुविधाओं के अभाव की वजह से अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतराते है.
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सरकारी पाठशालाओं में वर्षों से गुल है बिजली
मेरठ नगर क्षेत्र के बेगमबाग इलाके में स्थित सरकारी पाठशाला में पिछले कई वर्षों से बिजली गुल है. टीचर्स बताते हैं कि यहां कनेक्शन कई साल से कटा हुआ है. स्कूल की प्रधान अध्यापिका रेणुका सिंह का कहना है कि उन्होंने काफी बार विभाग के छोटे बड़े हर अधिकारी को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन अधिकारियों ने कोई एक्शन नहीं लिया.
रेणुका सिंह ने बताया कि अपने प्रयासों से एक अलग बिजली का कनेक्शन अपने नाम पर लिया और स्कूल में बिजली का इंतजाम किया. अधिकारी अब भी आंख बंद करके बैठे हैं. अध्यापिका दुर्गेश पाराशर ने बताया कि प्रधानाचार्या के कनेक्शन लेने की वजह से गर्मी से छात्रों को कुछ राहत तो मिली है.
तमाम स्कूलों में यहां कायाकल्प योजना के तहत काम हुए, लेकिन नगरीय क्षेत्र के स्कूलों की हालत अभी भी जस की तस बनी हुई है. बीएसए योगेंद्र का कहना है कि विद्युत विभाग का करीब दो करोड़ रुपये से भी अधिक का बकाया था. एक करोड़ का भुगतान हाल ही में किया गया था. उम्मीद है कि इन स्कूलों में का बिजली कनेक्शन जल्द बहाल होगा.
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