मेरठ: जिले में एक शावक बीते कई दिनों से अपनी मां से बिछड़ा हुआ है. वन विभाग की टीम दिन-रात उसे उसकी मां तक पहुंचाने की कोशिश में लगी है. वन विभाग के अफसरों के मुताबिक मां से बिछड़ा बच्चा महज दो से तीन सप्ताह का है. वन विभाग की टीम उसे एक छोटे बच्चे की तरह बोतल से दूध पिलाकर इंसानी बच्चे की तरह पाल रही है. फिलहाल शावक को मां से मिलाने के लिए टीम की तरफ से लगातार सर्च ऑपरेशन जारी है.
बता दें कि जिले में एक शावक (तेंदुए का बच्चा) अनाथ होने की कगार पर है. कई दिनों पहले गन्ने के खेत में किसानों को एक शावक मिला था. किसानों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी. वन विभाग ने उसे अपने कब्जे में लेकर शावक को उसकी मां से मिलाने की जतन में जुटा है. कई दिन गुजर जाने के बाद भी शावक अकेला है और मां के इंतजार में विलाप कर रहा है. अधिकारियों के मुताबिक शावक को उसकी मां तक पहुंचाने के उद्देश्य से वन विभाग की टीम ने शावक को सुरक्षा के साथ उसी इलाके में छोड़े हुए हैं, ताकि उसकी मां उसे खोजते आकर उसे ले जाए. मगर अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है.
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अधिकारियों का यह भी कहना है कि हो सकता है इंसानों की गंध की वजह से मादा तेंदुए ने अपने बच्चे को अपनाने से इनकार कर दिया हो. हालांकि वन विभाग की टीम 24 घंटे लगातार निगरानी कर रही है. टीम का दावा है कि मादा तेंदुए ने शावक के नजदीक आई लेकिन बच्चे से बिना मिले और साथ लिए ही लौट गई. डीएफओ राजेश कुमार का कहना है कि मादा तेंदुए की खोज जारी है. शावक बहुत ही छोटा है ऐसे में उसे जंगल में छोड़ा भी नहीं जा सकता. अन्य जंगली जानवर उसे अपना शिकार बना सकते हैं.
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