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प्लॉट के नाम पर फूड इंस्पेक्टर से लाखों की ठगी, जीजा-साला गिरफ्तार - प्लॉट

यूपी के मेरठ में प्लॉट दिलाने के नाम पर फूड इंस्पेक्टर के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. पुलिस ने जीजा-साले की जोड़ी को फूड इंस्पेक्टर से धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है.

जीजा-साला गिरफ्तार.
जीजा-साला गिरफ्तार.
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Published : Feb 2, 2021, 10:29 AM IST

मेरठ: प्लॉट दिलाने के नाम पर फूड इंस्पेक्टर से लाखों की ठगी का मामला सामने आया है. जनपद में तैनात फूड इंस्पेक्टर के दोस्त के जीजा ने लखनऊ में प्लॉट दिलाने के नाम पर 11 लाख 33 हजार रुपये हड़प लिए.

मामले में चौकाने वाली बात तो ये है कि पैसे लेने के बाद बहुत ही कम समय में फूड इंस्पेक्टर को आवंटन पत्र और LDA से स्वीकृत मानचित्र के दस्तावेज भी भेज दिए गए. जिसके बाद फूड इंस्पेक्टर को शक होने पर LDA में कागजों की जांच कराई तो वे हैरान रह गए. जहां सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए. जब फूड इंस्पेक्टर ने अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपी एक साल तक पैसे देने से आनाकानी कर रहा था. जिससे परेशान होकर पीड़ित इंस्पेक्टर ने थाना मेडिकल कॉलेज में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है.

आरोपी जीजा-साला गिरफ्तार
मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी जीजा-साला को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि पकड़े गए अभियुक्त दर्जनों लोगों से प्लॉट के नाम पर मोटी रकम ठग चुके हैं.

थाना मेडिकल इलाके की सोमदत्त सिटी निवासी अमित सिंह खाद्य विभाग में फूड इंस्पेक्टर हैं. अमित सिंह ने बताया कि करीब एक साल पहले दोस्त के जीजा से मुलाकात हुई थी. दोस्त ने बताया था कि उसका जीजा श्रीनाथ तिवारी प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है. फूड इंस्पेक्टर अमित सिंह ने भी प्लॉट करने के लिए श्रीनाथ तिवारी से संपर्क किया था. श्रीनाथ तिवारी ने एक साल पहले लखनऊ के फैजाबाद रोड पर अरिहंत सोसायटी में प्लॉट दिखाया था.

प्लॉट के नाम पर ठगे 11 लाख
बताया जा रहा है कि प्लॉट देखने के बाद अमित को प्लॉट पसंद आ गया. जिसके बाद श्रीनाथ तिवारी को बतौर पेशगी के कुछ पैसे देकर कागजी कार्रवाई की बात कही गई.

श्रीनाथ तिवारी ने कुछ समय बाद सोसाइटी का आवंटन पत्र और लखनऊ विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत के दस्तावेज फूड इंस्पेक्टर को दिया. सभी दस्तावेज मिलने के बाद फूड इंस्पेक्टर ने तय हुए 11 लाख 33 हजार रुपये श्रीनाथ तिवारी को दिए, लेकिन श्रीनाथ द्वारा दिये गए कागजों में शक हुआ तो फूड इंस्पेक्टर ने लखनऊ विकास प्राधिकरण पहुंच कर जानकारी निकाली तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई. फूड इंस्पेक्टर के साथ फर्जीवाड़ा हो चुका था.

जीजा-साले पर मुकदमा दर्ज
जब अमित सिंह ने पैसे मांगे तो श्रीनाथ तिवारी आनाकानी करने लगा. मामले को लेकर अमित सिंह ने अपने दोस्त और श्रीनाथ तिवारी के साले से बात की तो उसने अमित को चेक थमा दिया, लेकिन वह चेक भी बाउंस हो गया. जिसके बाद पीड़ित फूड इंस्पेक्टर ने जीजा-साले पर मुकदमा दर्ज करवाया. हैरान करने वाली बात तो है को मुकदमा दर्ज होने के बाद दोस्त ने फर्जी आरटीजीएस करा कर मुकदमा वापस लेने की बात करने लगा.

वहीं, मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद पुलिस ने दबिश दी तो आरोपी घर से फरार हो गए. फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ तो अरिहंत सोसायटी ने भी आरोपी श्रीनाथ तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

दो दिन पहले अमित सिंह ने श्रीनाथ तिवारी को बहाने से मेरठ बुलाकर पुलिस के हवाले कर दिया. थाना मेडिकल प्रभारी प्रशांत गौतम ने बताया कि प्लॉट के नाम पर फर्जीवाड़े के मामले में जीजा-साले को गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे प्लॉट के नाम पर दर्जनों लोगों से ठगी कर चुके हैं. फिलहाल दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है.

इसे भी पढे़ं- मुख्यमंत्री के फर्जी हस्ताक्षर कर ठगी करने वाले दबोचे

मेरठ: प्लॉट दिलाने के नाम पर फूड इंस्पेक्टर से लाखों की ठगी का मामला सामने आया है. जनपद में तैनात फूड इंस्पेक्टर के दोस्त के जीजा ने लखनऊ में प्लॉट दिलाने के नाम पर 11 लाख 33 हजार रुपये हड़प लिए.

मामले में चौकाने वाली बात तो ये है कि पैसे लेने के बाद बहुत ही कम समय में फूड इंस्पेक्टर को आवंटन पत्र और LDA से स्वीकृत मानचित्र के दस्तावेज भी भेज दिए गए. जिसके बाद फूड इंस्पेक्टर को शक होने पर LDA में कागजों की जांच कराई तो वे हैरान रह गए. जहां सभी दस्तावेज फर्जी पाए गए. जब फूड इंस्पेक्टर ने अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपी एक साल तक पैसे देने से आनाकानी कर रहा था. जिससे परेशान होकर पीड़ित इंस्पेक्टर ने थाना मेडिकल कॉलेज में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है.

आरोपी जीजा-साला गिरफ्तार
मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी जीजा-साला को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि पकड़े गए अभियुक्त दर्जनों लोगों से प्लॉट के नाम पर मोटी रकम ठग चुके हैं.

थाना मेडिकल इलाके की सोमदत्त सिटी निवासी अमित सिंह खाद्य विभाग में फूड इंस्पेक्टर हैं. अमित सिंह ने बताया कि करीब एक साल पहले दोस्त के जीजा से मुलाकात हुई थी. दोस्त ने बताया था कि उसका जीजा श्रीनाथ तिवारी प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है. फूड इंस्पेक्टर अमित सिंह ने भी प्लॉट करने के लिए श्रीनाथ तिवारी से संपर्क किया था. श्रीनाथ तिवारी ने एक साल पहले लखनऊ के फैजाबाद रोड पर अरिहंत सोसायटी में प्लॉट दिखाया था.

प्लॉट के नाम पर ठगे 11 लाख
बताया जा रहा है कि प्लॉट देखने के बाद अमित को प्लॉट पसंद आ गया. जिसके बाद श्रीनाथ तिवारी को बतौर पेशगी के कुछ पैसे देकर कागजी कार्रवाई की बात कही गई.

श्रीनाथ तिवारी ने कुछ समय बाद सोसाइटी का आवंटन पत्र और लखनऊ विकास प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत के दस्तावेज फूड इंस्पेक्टर को दिया. सभी दस्तावेज मिलने के बाद फूड इंस्पेक्टर ने तय हुए 11 लाख 33 हजार रुपये श्रीनाथ तिवारी को दिए, लेकिन श्रीनाथ द्वारा दिये गए कागजों में शक हुआ तो फूड इंस्पेक्टर ने लखनऊ विकास प्राधिकरण पहुंच कर जानकारी निकाली तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई. फूड इंस्पेक्टर के साथ फर्जीवाड़ा हो चुका था.

जीजा-साले पर मुकदमा दर्ज
जब अमित सिंह ने पैसे मांगे तो श्रीनाथ तिवारी आनाकानी करने लगा. मामले को लेकर अमित सिंह ने अपने दोस्त और श्रीनाथ तिवारी के साले से बात की तो उसने अमित को चेक थमा दिया, लेकिन वह चेक भी बाउंस हो गया. जिसके बाद पीड़ित फूड इंस्पेक्टर ने जीजा-साले पर मुकदमा दर्ज करवाया. हैरान करने वाली बात तो है को मुकदमा दर्ज होने के बाद दोस्त ने फर्जी आरटीजीएस करा कर मुकदमा वापस लेने की बात करने लगा.

वहीं, मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद पुलिस ने दबिश दी तो आरोपी घर से फरार हो गए. फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ तो अरिहंत सोसायटी ने भी आरोपी श्रीनाथ तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.

दो दिन पहले अमित सिंह ने श्रीनाथ तिवारी को बहाने से मेरठ बुलाकर पुलिस के हवाले कर दिया. थाना मेडिकल प्रभारी प्रशांत गौतम ने बताया कि प्लॉट के नाम पर फर्जीवाड़े के मामले में जीजा-साले को गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे प्लॉट के नाम पर दर्जनों लोगों से ठगी कर चुके हैं. फिलहाल दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है.

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