मेरठ: जिले में एक शख्स ने किंग कोबरा को बचाने के लिए बहादुरी दिखाई. वह उसे बचाने के लिए एक पानी की हौज में कूद गया. वह किंग कोबरा को सुरक्षित निकालने की कोशिश करने लगा. लेकिन, किंग कोबरा पहले से ही अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहा था. इस दौरान उसने बचाने कूदे शख्स को एक के बाद एक तीन बार डस लिया.
दरअसल, अर्जुन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में कर्मचारी है. वह 7 अक्टूबर को हौज में गिरे किंग कोबरा को बचाने के लिए उतरा था. उसने उसको बाहर निकाल भी लिया. इस दौरान कोबरा ने उसे तीन जगह डस लिया. इस दौरान वहां मौजूद लोग सारा नजारा देख रहे थे. उन्होंने अर्जुन को बाहर निकाला. लेकिन, तब तक वह बेहोश हो चुका था. उसकी आंखें नहीं खुल रही थीं. आनन-फानन में लोगों ने उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया. मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग की प्रोफेसर डॉ. श्वेता शर्मा की देख-रेख में उसका उपचार हुआ.
डॉ. श्वेता शर्मा बताती हैं कि जब अर्जुन को मेडिकल कॉलेज लाया गया था, उस समय उसकी हालत गंभीर थी. वह आंखें भी नहीं खोल पा रहा था. मुंह से भी कुछ नहीं बोल पा रहा था. डॉक्टरों ने उसे भर्ती किया और उसका उपचार किया. उन्होंने बताया कि मरीज की बीच-बीच में कई बार हालत गंभीर हुई. उसे वेंटिलेटर पर रखना पड़ा. उसके बाद धीरे-धीरे उसकी तबीयत में सुधार हुआ. अब उसकी छुट्टी कर दी गई है.
जैसे ही विश्वविद्यालय प्रशासन को यह जानकारी हुई कि उनके एक कर्मचारी को कोबरा ने डस लिया है, सभी परेशान हो गए. फिलहाल. लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स का सभी धन्यवाद कर रहे हैं. डॉक्टर श्वेता ने बताया कि अब मरीज एकदम स्वस्थ है और आज उसकी छुट्टी कर दी गई है. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरसी गुप्ता ने मरीज की जान बचाने पर डॉ श्वेता और उनकी टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते मरीज को सही उपचार मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है.
उन्होंने कहा कि हम सभी को यह जानना बेहद जरूरी है कि सांप अगर किसी को डस ले तो जितनी जल्दी हो सके उसे मेडिकल कॉलेज या किसी भी सरकारी अस्पताल में लेकर जाना चाहिए, ताकि समय रहते जान बचाई जा सके. उन्होंने कहा कि सांप के डसने के बाद झाड़फूंक करने वालों के चक्कर में कभी नहीं पड़ना चाहिए. क्योंकि, सांप के डसने के बाद उसे बचाने के लिए शुरू के कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. ऐसे में अगर किसी जहरीले सांप ने डसा है तो उस व्यक्ति के पास अधिक समय नहीं होता है. ऐसे में जहर के असर को कम करने के लिए तत्काल उपचार बेहद जरूरी है.
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