मेरठ: जिले के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज सहित अन्य सभी अस्पतालों में मरीजों के तीमारदार हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की कमी को लेकर आए दिन बवाल कर रहे हैं. वहीं मेडिकल कॉलेज से एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसने सोचने पर मजबूर कर दिया है. मेडिकल कॉलेज की एक स्टाफ नर्स ने ही आईसीयू में भर्ती अपने पति को तीन दिन तक वेंटिलेटर उपलब्ध न कराए जाने का आरोप लगाया है. देर रात स्टाफ नर्स के पति को वेंटिलेटर उपलब्ध कराया गया. लेकिन, कुछ देर बाद ही उसकी की मौत हो गई. पीड़िता स्टाफ नर्स का रोते बिलखते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उधर, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल नर्स द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बता रहे हैं.
नर्स के पति को नही मिला वेंटिलेटर
बताते चलें अमृता पीटर मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स है. अमृता के पति अमित कुमार की हालत पिछले चार दिनों से खराब थी. कोरोना का टेस्ट हुआ, मगर रिपोर्ट आज तक नहीं आई. जिसके चलते अमित को संदिग्ध कोविड पेशेंट मानकर मेडिकल कॉलेज की आईसीयू में भर्ती कराया गया था. अमृता का आरोप है कि वह पिछले तीन दिनों से आईसीयू के स्टाफ से अपने पति की उखड़ती सांसों को वापस लाने के लिए वेंटिलेटर की डिमांड कर रही थी. मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
रविवार देर रात अमित की हालत ज्यादा बिगड़ी तो आनन-फानन में मेडिकल के स्टाफ ने अमित को वेंटिलेटर पर ले लिया. मगर चंद मिनटों बाद ही अमित की मौत हो गई. अमृता ने रोते बिलखते अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि वह सिर्फ एक अच्छी नर्स बन कर रह गईं. अपना फर्ज निभाते निभाते परिवार को भूल बैठीं. यहां तक की इतने साल मेडिकल कॉलेज में सेवा देने के बाद भी वह अपने पति को नहीं बचा सकीं.
इसे भी पढ़ें-मेरठ मेडिकल कॉलेजः वायरल वीडियो में लगाया ऑक्सीजन की कमी का आरोप
उधर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ ज्ञानेंद्र कुमार ने स्टाफ नर्स द्वारा लगाए गए आरोप को गलत बताया है. उनका कहना है कि अमित कुमार को समय से वेंटिलेटर उपलब्ध कराया गया था, लेकिन उनकी हालत गंभीर होने के कारण उन्हें नहीं बचाया जा सका.