मेरठः साइबर फ्रॉड के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. साइबर ठग लोगों को आसानी से अपने जाल में फंसा लेते हैं, फिर उनके खाते से पैसे उड़ा देते हैं. ये अलग-अलग तरीके से लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. समय के साथ-साथ इनका तरीका भी बदल रहा है. ऐसे में हमारी जरा सी चूक हमारा बैंक अकाउंट खाली कर सकती है. साइबर ठगी से बचने का क्या उपाय है? ईटीवी भारत ने इसे लेकर साइबर एक्सपर्ट आर्य त्यागी ने बातचीत की. उन्होंने साइबर ठगी से बचने के उपाय बताए. आर्य त्यागी बताते हैं कि अगर हम छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखें, तो ठगों से सुरक्षित रहा जा सकता है.
साइबर एक्सपर्ट आर्य त्यागी ने कहा कि 'सबसे पहले जरूरी है कि हम हर दिन अपने एंड्रॉयड मोबाइल फोन की सिक्योरिटी चेक करें, अगर वहां किसी तरह का कोई वायरस होगा तो वह ऐसा करने से पता चल जाएगा और वह हर दिन अपडेट करने से हट जाएगा.'
टू फैक्टर ऑथेंटिकेशनः उन्होंने बताया कि 'अगर हम सोशल मीडिया अकाउंट बनाते हैं, तो हमें टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन रखना चाहिए. इससे हमें आसानी से किसी भी समस्या से उभरने में मदद मिलेगी, साथ ही अगर कोई हमारी मेल आईडी या सोशल मीडिया अकाउंट से कोई छेड़खानी करने की कोशिश करेगा तो भी आसानी से पता चल जाएगा. सोशल मीडिया से संबंधित स्ट्रांग पासवर्ड बनाना चाहिए और उसमें अलग-अलग तरह के स्पेशल कैरेक्टर, नंबर, कैपिटल और स्मॉल लेटर का प्रयोग करना चाहिए, ताकि आसानी से कोई उसका पता न लगा पाए.
रखें ये ध्यानः साइबर एक्सपर्ट त्यागी ने बताया कि 'हमें कोई भी पासवर्ड बनाते समय ध्यान रखना चाहिए कि उसमें अपनी कोई भी कॉमन जानकारी न डालें. आमतौर पर देखा जाता है कि जो साइबर ठग होते हैं. वह हमारी प्रोफाइल को चेक करते हैं. इसी के आधार पर जानकारी जुटा लेते हैं. इसके बाद फ्रॉड करने की कोशिश करते हैं.'
बैंक एकाउंट में कॉमन नंबर न करें लिंकः उन्होंने कहा कि बैंक एकाउंट आदि में हमें जो नम्बर लिंक करना चाहिए. वह नंबर अगर कॉमन न हो तो बेहतर होगा. बैंक अकाउंट में प्राइवेट नम्बर लिंक करने से फ्रॉड की संभावना न के बराबर होती है.
वहीं, साइबर फ्रॉड को लेकर एसपी क्राइम अनीत कुमार ने बताया कि जो शिकायतें मिलती हैं. उनमें सोशल मीडिया साइट्स का इस्तेमाल करते हुए लोगों को शादी, दोस्ती का झांसा देकर फंसाने की कोशिश की जाती है. वहीं, किसी तरह पर्सनल डिटेल एकत्र करके भी ठगी करने की कोशिश करते हैं.
मेरठ में 2022 में 70 मामले हुए दर्जः एसपी क्राइम ने बताया कि साल 2022 में जिले में 70 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. इनमें सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर साइबर अपराधों को अंजाम दिया गया. ऐसी शिकायतों पर पुलिस की साइबर एक्सपर्ट टीम लगातार कार्रवाई कर रही है. लेकिन, साइबर अपराध से बचने का मूलमंत्र यही है कि अनजान और अन्य लोगों से संपर्क न किया जाए.
अनजान लिंक खोलने से करें परहेजः उन्होंने कहा कि साइबर फ्रॉड से बचने के लिए अनजान नंबर पर कॉल करने या अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए. इस तरीके के साइबर अपराधों के जरिए होने वाले हनी ट्रैप या अन्य प्रकार की ठगी का शिकार होने से बचा जा सकता है.
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