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अब बिना चीड़-फाड़ किए मेरठ में होगा हार्ट रोगी बच्चों का इलाज

हृदय रोग काफी खतरनाक बीमारी है फिर चाहे वह बच्चों में या हो वयस्कों में, इस बीमारी से ग्रसित रोगी का इलाज समय से नहीं होने पर उसकी मृत्यु हो सकती है. यह बीमारी सौ में से एक नवजात को जन्म के समय ही होती है, लेकिन अब इसका इलाज रोगी की बिना चीड़-फाड़ किए संभव है. पूरी खबर पढ़िए...

अब बिना चीड़-फाड़ किए मेरठ में होगा हार्ट रोगी बच्चों का इलाज
अब बिना चीड़-फाड़ किए मेरठ में होगा हार्ट रोगी बच्चों का इलाज
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Published : Mar 6, 2022, 9:32 AM IST

मेरठ : बच्चों में होने वाली हार्ट की बीमारी का अब बिना चीड़-फाड़ किए ही इलाज संभव है. डॉक्टर्स का दावा है कि देश का हर सौंवा नवजात शिशु दिल की बीमारी से ग्रसित है. ऐसे में अगर उन बच्चों को समय रहते इलाज न मिले, तो यह समस्या गंभीर हो जाती है. इस प्रकार की बीमारी का इलाज अब मेरठ स्थित लाला लाजपतराय मेडिकल कॉलेज में संभव है.

नवजात शिशुओं की दिल की बीमारी यदि गंभीर स्थिति में नहीं है, तो उसके लिए बिना चीड़-फाड़ किए इलाज करने का विकल्प भी मौजूद है. विशेषज्ञों की मानें तो पैदा होने वाले सौ में एक नवजात को दिल की बीमारी होती है. अगर शुरुआत में ही इस बीमारी का पता चल जाता है, तो नवजात को बिल्कुल स्वस्थ जीवन मिल सकता है. वेस्टर्न यूपी के मेरठ में बने लाला लाजपतराय मेडिकल कॉलेज में हृदय संबंधित बामारियों की अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हो गईं हैं.

अब बिना चीड़-फाड़ किए मेरठ में होगा हार्ट रोगी बच्चों का इलाज

लाला लाजपतराय मेडिकल कॉलेज में तैनात पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर मुनीश तोमर का कहना है कि देश के सौ में से एक बच्चे को जन्म के साथ ही दिल की बीमारी के लक्षण होते हैं. जन्मजात हृदय रोग वाले बच्चों का यदि बिना देरी के ट्रीटमेंट मिल जाए, तो बच्चे स्वस्थ हो सकते हैं. साथ ही बच्चे के परिजनों को भी समस्याओं का सामना नहीं करना होगा.

अब बिना चीड़-फाड़ किए मेरठ में होगा हार्ट रोगी बच्चों का इलाज
अब बिना चीड़-फाड़ किए मेरठ में होगा हार्ट रोगी बच्चों का इलाज

डॉक्टर मुनेश तोमर ने बताया कि अब दिल्ली के AIMS की तरह ही मेरठ में भी उपचार संभव हो गया है. मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर वीडी पांडेय बताते हैं कि अब यहां बच्चों में हृदय रोगों की जांच के साथ ही सम्पूर्ण उपचार उपलब्ध है.

इसे पढ़ें- निरहुआ ने अखिलेश यादव पर साधा निशाना, कहाः 10 मार्च के बाद फिर से रिपेयर होकर आ रहा बुलडोजर

मेरठ : बच्चों में होने वाली हार्ट की बीमारी का अब बिना चीड़-फाड़ किए ही इलाज संभव है. डॉक्टर्स का दावा है कि देश का हर सौंवा नवजात शिशु दिल की बीमारी से ग्रसित है. ऐसे में अगर उन बच्चों को समय रहते इलाज न मिले, तो यह समस्या गंभीर हो जाती है. इस प्रकार की बीमारी का इलाज अब मेरठ स्थित लाला लाजपतराय मेडिकल कॉलेज में संभव है.

नवजात शिशुओं की दिल की बीमारी यदि गंभीर स्थिति में नहीं है, तो उसके लिए बिना चीड़-फाड़ किए इलाज करने का विकल्प भी मौजूद है. विशेषज्ञों की मानें तो पैदा होने वाले सौ में एक नवजात को दिल की बीमारी होती है. अगर शुरुआत में ही इस बीमारी का पता चल जाता है, तो नवजात को बिल्कुल स्वस्थ जीवन मिल सकता है. वेस्टर्न यूपी के मेरठ में बने लाला लाजपतराय मेडिकल कॉलेज में हृदय संबंधित बामारियों की अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हो गईं हैं.

अब बिना चीड़-फाड़ किए मेरठ में होगा हार्ट रोगी बच्चों का इलाज

लाला लाजपतराय मेडिकल कॉलेज में तैनात पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर मुनीश तोमर का कहना है कि देश के सौ में से एक बच्चे को जन्म के साथ ही दिल की बीमारी के लक्षण होते हैं. जन्मजात हृदय रोग वाले बच्चों का यदि बिना देरी के ट्रीटमेंट मिल जाए, तो बच्चे स्वस्थ हो सकते हैं. साथ ही बच्चे के परिजनों को भी समस्याओं का सामना नहीं करना होगा.

अब बिना चीड़-फाड़ किए मेरठ में होगा हार्ट रोगी बच्चों का इलाज
अब बिना चीड़-फाड़ किए मेरठ में होगा हार्ट रोगी बच्चों का इलाज

डॉक्टर मुनेश तोमर ने बताया कि अब दिल्ली के AIMS की तरह ही मेरठ में भी उपचार संभव हो गया है. मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर वीडी पांडेय बताते हैं कि अब यहां बच्चों में हृदय रोगों की जांच के साथ ही सम्पूर्ण उपचार उपलब्ध है.

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