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दीक्षांत समारोह में बोलीं आनंदी बेन पटेल, G-20 की बैठकों में विश्ववविद्यालयों को आगे आना चाहिए

प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ में शुक्रवार को 15 वें दीक्षांत समारोह में पहुंची. उन्होंने दीक्षांत समारोह में मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित कर कहा कि जी-20 (G-20)की बैठकें होना प्रदेश के लिए गर्व की बात है.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
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Published : Dec 16, 2022, 7:31 PM IST

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कही ये बातें..

मेरठः सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्ववविद्यालय मेरठ (Sardar Vallabhbhai Patel University of Agriculture and Technology Meerut) में शुक्रवार को 15 वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने विश्वविद्यालय में मेधावी छात्रों को पदक और डिग्रियां देकर सम्मानित किया. दीक्षांत समारोह में इस बार 7 छात्र-छात्राओं को मेडल दिया गया. जबकि 353 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई. 7 मेडल में से 5 पर इस बार छात्राओं का कब्जा रहा है. इस दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जी-20 की बैठकों को लेकर विश्वविद्यालयों को आगे आना चाहिए.

छात्राओं को सम्मानित करती राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
छात्राओं को सम्मानित करती राज्यपाल आनंदीबेन पटेल


राज्यपाल ने आगे कहा कि लौह पुरुष सरदार बल्लभभाई पटेल के बारे में सभी अच्छी तरह जानते हैं. लेकिन मुझे लगता है कि सरदार पटेल के नाम पर अगर विश्ववविद्यालय बनता है तो हमें उनके पथ पर चलना चाहिए. यह हमारा कर्तव्य है. कृषि विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में उन्होंने देखा है कि यहां छात्रों के साथ उनके माता-पिता को भी बुलाया गया है. यह एक बहुत ही सुंदर संदेश देता है. वह विश्वविद्यालय इस पहल की सराहना करती हैं. उन्होंने कहा कि दीक्षांत के दौरान जो चीजें देखने को मिली हैं, वह लोगों को एक संदेश दे रही हैं. दीक्षांत समारोह में जिन्हें सम्मानित किया जा रहा है. उनमें से कोई रेलवे में सर्विस करते हैं, जिनकी बेटी कृषि विश्वविद्यालय में पढ़ती है. जबकि एक परिवार आंध्रा से आया हुआ है. जिनकी बेटी मेरठ के इस विश्वविद्यालय में पढ़ती है. उन्होंने कहा कि बेटा हो या बेटी जो भी हो उसे पढ़ाना चाहिए.

छात्राओं को सम्मानित करती राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
छात्राओं को सम्मानित करती राज्यपाल आनंदीबेन पटेल


राज्यपाल ने कहा कि मौजूदा समय में कृषि क्षेत्र में काफी बदलाव आया है. सबसे पहला बदलाव यही है कि बेटियां आगे आ रही हैं. नई शिक्षा नीति 2020 पर राज्यपाल ने कहा कि सबसे पहले आपको यह पता है कि नई शिक्षा निति आई है. नीति आयोग के चर्चा में एक्सपर्टस ने भी बताया है कि इसमें क्या करना है. छात्र-छात्राओं के तो दो साल कोरोना में ही चले गए. विश्वविद्यालयों में वीसी बदलते रहते हैं. ऐसे में अध्यापकों को निरन्तर विद्यार्थियों के लिए कार्य करने होंगे. राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा में हर साल 30 प्रतिशत बदलाव होना ही चाहिए.

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि जी -20 देशों का एक बड़ा सम्मेलन है. यह हमारे लिए गौरव की बात है कि अध्यक्षता भारत को दी गई है. जी-20 देशों के सभी देश इसमें शामिल होने आएंगे. मेरा उद्देश्य यह है कि विश्वविद्यालय इसमें कैसे हिस्सा ले सकती है. छात्र-छात्राओं को सोचना चाहिए. जी -20 देशों का सम्मेलनों की बैठकें प्रदेश के आगरा, वाराणसी, लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में होंगी. यह हमारे लिए बेहद ही गर्व की बात है. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों से कहना चाहती हूं कि कुछ मेधावी छात्रों को तैयार करें. जो सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को रखें. हमारी परम्पराओं और सांस्कृतिक विरासत को रखें. जापानी भाषा सीखने वाले कितने बच्चे कहां कहां पढ़ रहे हैं. इसकी लिस्ट विश्ववविद्यालयों के पास होनी चाहिए. साथ ही विश्ववविद्यालयों में होने वाले नवाचारों का प्रदर्शन किया जाना चाहिए.


यह भी पढ़ें-लखनऊ में तैनात मेजर हुआ हनी ट्रैप का शिकार, ब्लैकमेल से परेशान होकर दर्ज कराई FIR

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कही ये बातें..

मेरठः सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्ववविद्यालय मेरठ (Sardar Vallabhbhai Patel University of Agriculture and Technology Meerut) में शुक्रवार को 15 वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने विश्वविद्यालय में मेधावी छात्रों को पदक और डिग्रियां देकर सम्मानित किया. दीक्षांत समारोह में इस बार 7 छात्र-छात्राओं को मेडल दिया गया. जबकि 353 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई. 7 मेडल में से 5 पर इस बार छात्राओं का कब्जा रहा है. इस दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जी-20 की बैठकों को लेकर विश्वविद्यालयों को आगे आना चाहिए.

छात्राओं को सम्मानित करती राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
छात्राओं को सम्मानित करती राज्यपाल आनंदीबेन पटेल


राज्यपाल ने आगे कहा कि लौह पुरुष सरदार बल्लभभाई पटेल के बारे में सभी अच्छी तरह जानते हैं. लेकिन मुझे लगता है कि सरदार पटेल के नाम पर अगर विश्ववविद्यालय बनता है तो हमें उनके पथ पर चलना चाहिए. यह हमारा कर्तव्य है. कृषि विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में उन्होंने देखा है कि यहां छात्रों के साथ उनके माता-पिता को भी बुलाया गया है. यह एक बहुत ही सुंदर संदेश देता है. वह विश्वविद्यालय इस पहल की सराहना करती हैं. उन्होंने कहा कि दीक्षांत के दौरान जो चीजें देखने को मिली हैं, वह लोगों को एक संदेश दे रही हैं. दीक्षांत समारोह में जिन्हें सम्मानित किया जा रहा है. उनमें से कोई रेलवे में सर्विस करते हैं, जिनकी बेटी कृषि विश्वविद्यालय में पढ़ती है. जबकि एक परिवार आंध्रा से आया हुआ है. जिनकी बेटी मेरठ के इस विश्वविद्यालय में पढ़ती है. उन्होंने कहा कि बेटा हो या बेटी जो भी हो उसे पढ़ाना चाहिए.

छात्राओं को सम्मानित करती राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
छात्राओं को सम्मानित करती राज्यपाल आनंदीबेन पटेल


राज्यपाल ने कहा कि मौजूदा समय में कृषि क्षेत्र में काफी बदलाव आया है. सबसे पहला बदलाव यही है कि बेटियां आगे आ रही हैं. नई शिक्षा नीति 2020 पर राज्यपाल ने कहा कि सबसे पहले आपको यह पता है कि नई शिक्षा निति आई है. नीति आयोग के चर्चा में एक्सपर्टस ने भी बताया है कि इसमें क्या करना है. छात्र-छात्राओं के तो दो साल कोरोना में ही चले गए. विश्वविद्यालयों में वीसी बदलते रहते हैं. ऐसे में अध्यापकों को निरन्तर विद्यार्थियों के लिए कार्य करने होंगे. राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा में हर साल 30 प्रतिशत बदलाव होना ही चाहिए.

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि जी -20 देशों का एक बड़ा सम्मेलन है. यह हमारे लिए गौरव की बात है कि अध्यक्षता भारत को दी गई है. जी-20 देशों के सभी देश इसमें शामिल होने आएंगे. मेरा उद्देश्य यह है कि विश्वविद्यालय इसमें कैसे हिस्सा ले सकती है. छात्र-छात्राओं को सोचना चाहिए. जी -20 देशों का सम्मेलनों की बैठकें प्रदेश के आगरा, वाराणसी, लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में होंगी. यह हमारे लिए बेहद ही गर्व की बात है. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों से कहना चाहती हूं कि कुछ मेधावी छात्रों को तैयार करें. जो सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को रखें. हमारी परम्पराओं और सांस्कृतिक विरासत को रखें. जापानी भाषा सीखने वाले कितने बच्चे कहां कहां पढ़ रहे हैं. इसकी लिस्ट विश्ववविद्यालयों के पास होनी चाहिए. साथ ही विश्ववविद्यालयों में होने वाले नवाचारों का प्रदर्शन किया जाना चाहिए.


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