मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इन दिनों कांवड़ यात्रा के अजब रंग और गजब नजारे हैं. लेकिन कांवड़ यात्रा की शान कहे जाने वाले गोल्डन बाबा की सुनहरी चमक पर इस बार बीमारी का ग्रहण लग गया है. हालांकि गोल्डन बाबा अपनी सुनहरी यात्रा के 25 साल पूरे कर चुके हैं और इस बार 26 वीं कांवड़ लाकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे. लेकिन पिछले साल की अपेक्षा उन्होंने इस बार कम सोना पहनकर कांवड़ यात्रा की. बीमारी के चलते उन्होंने इस बार 16 किलो सोना पहना हुआ है 5 किलो सोना कम कर दिया है. सिक्योरिटी में उनके साथ 85 पुरुष भक्त लगे हैं जो कि उनकी लगातार सेवा करते आ रहे हैं.
गोल्डन बाबा ने क्या कुछ कहा
गोल्डन बाबा ने बताया कि काफी समय से वह बीमार चल रहे हैं. जिससे उनका शरीर काफी कमजोरी महसूस कर रहा है, इसलिए उन्होंने इस बार अपने शरीर पर केवल 16 किलो ही सोना धारण कर रखा है. उनकी सुरक्षा में पुलिस भी तैनात की गई है. गोल्डन बाबा का कपड़ों और प्रॉपर्टी का भी कारोबार था लेकिन 2013 में कुंभ के मेले में शामिल होने के बाद उन्होंने अपना कारोबार बंद कर दिया है और महात्मा बन गए हैं.
गोल्डन बाबा भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त हैं और वह हर साल अपने लोगों के साथ हरिद्वार से जल लेकर आते हैं. उनका बहुत बड़ा काफिला रहता है जिसमें पुरुष उनकी सेवा लगातार करते रहते हैं. उनके काफिले में खाने और सभी चीजों की व्यवस्था साथ में रहती है. उनका काफिला 29 तारीख को दिल्ली पहुंचेगा जहां से वह 30 तारीख को दिल्ली के अशोक गली के लक्ष्मी नारायण मंदिर में जल चढ़ायेंगे.
गोल्डन बाबा की मानें तो 25वीं कांवड़ के बाद उन्होंने अपने स्वास्थ्य को देखते हुए कांवड़ यात्रा से संन्यास का मन बना लिया था. लेकिन भक्तों के बुलावे और भगवान शिव की भक्ति ने उन्हें एक बार फिर कांवड़ लाने पर मजबूर कर दिया. लेकिन इस बार उन्होंने अपने शरीर पर धारण किए हुए सोने का वजन 5 किलो घटा दिया है. लोगों में गोल्डन बाबा को देखने के लिए विशेष क्रेज है. जहां से भी बाबा का काफिला निकलता रहा वहां पर उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है.