मेरठ: जिले में स्क्रब टाइफस से 4 साल के बच्चे की मौत हो गई है. मेरठ के एक निजी अस्पताल में कई दिनों से बच्चे का इलाज चल रहा था. डॉक्टरों के मुताबिक बच्चा कई बीमारियों से ग्रसित था. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट में स्क्रब टाइफस की पुष्टि हुई थी. मेरठ मंडल में स्क्रब टाइफस की वजह से यह पहली मौत है. बच्चे के परिजनों के मुताबिक बच्चे को कई दिनों से तेज बुखार था और उसके गुर्दे फेल हो गए थे. उसका न्यूटिमा अस्पताल में इलाज चल रहा था और उसे बचाया नहीं जा सका.
बता दें कि जानी क्षेत्र के टीकरा गांव निवासी बच्चे अहमद का कई दिनों से निजी अस्पताल न्यूटिमा में इलाज रहा चल रहा था. अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक रैपिड कार्ड जांच में उसे स्क्रब टाइफस की पुष्टि हुई थी. इसके बाद सैंपल को एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब में भेजा गया था, जहां से आज रिपोर्ट मिल चुकी है. मेडिकल कॉलेज की तरफ से किए गए एलाइजा जांच में भी इसकी पुष्टि हो गई है.
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मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियान ने बताया कि पिछले साल मेरठ मंडल में स्क्रब टाइफस के 50 से ज्यादा मरीज मिले थे. इस साल यह पहला मामला है. स्क्रब टाइफस से बचाव के लिए जरूरी है कि गिलहरियों और चूहों से बचें. उन्होंने बताया कि अगर आसपास जंगल, झाड़ी या खेत हैं तो वहां से चूहों के माध्यम से स्क्रब टाइफस का संक्रमण घेर सकता है. इसलिए जरूरी है कि घर के आसपास अगर अधिक झाड़ियां हैं तो साफ करते रहें और उन्हें पनपने न दें.
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