मेरठः शहर पहुंचे जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सांसद केसी त्यागी ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी (Farm Laws Repeal) के पीएम मोदी (PM Modi) के एलान पर खुशी जताई. कहा कि यह किसी की जय या फिर पराजय नहीं है बल्कि किसान हित में हुआ अच्छा फैसला है. उन्होंने मांग उठाई कि एमएसएपी (MSP) को लेकर सरकार कानूनी वैधता घोषित करे. एमएसपी से कम खरीदना और बेचना अपराध घोषित किया जाए. साथ ही उन्होंने किसान आयोग के गठन की मांग भी उठाई. कहा कि किसान आयोग को कानूनी वैधता दी जाए.
बुनकरों के एक सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने पहुंचे पूर्व सांसद केसी त्यागी ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी के बारे में कहा कि यह न किसी की जय है और न पराजय. यह किसान हित में लिया गया अच्छा फैसला है. हम इसका स्वागत करते हैं. बीते 11 महीनों से किसान इसी मांग को लेकर संघर्ष कर रहे थे. इस आंदोलन में 700 से अधिक किसानों ने जान भी गंवा दी. एक साल तक चला यह आंदोलन विशुद्ध रूप से अहिंसक था जो कि गांधीजी के सिद्धांतों पर चला.
केसी त्यागी ने कहा कि राजनैतिक दल फिराक में थे कि इसे राजनैतिक रूप दिया जाए लेकिन इस आंदोलन की सबसे बड़ी जीत यह रही की कि किसी भी संगठन ने राजनैतिक दलों को अपने मंच पर फटकने नहीं दिया. देशभर के किसानों के आंदोलन व उनकी कुर्बानियों की ये जीत है.
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को गंभीर होना पड़ेगा तभी गांव और शहर की दूरी खत्म होगी. उन्होंने एमएसपी को लेकर कानूनी वैधता और किसान आयोग के गठन की मांग भी उठाई.
जब उनसे यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में जेडीयू की भूमिका को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि यूपी में गठबंधन को लेकर बीजेपी से वार्ता चल रही है. अगर यह नहीं हो सका तो कुछ सीटों पर पार्टी चुनाव जरूर लड़ेगी. हालांकि कितनी सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ेगी इस सवाल को उन्होंने टाल दिया.
जेडीयू के वरिष्ठ नेता ने लखीमपुर खीरी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि मंत्री के घटना से पूर्व के वक्तव्य ठीक नहीं थे. किसान संगठनों की मांग है कि गृह राज्य मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. अगर वह इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें बर्खास्त किया जाए.
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