मेरठ: कोरोना का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. आये दिन कोरोना से बड़ी संख्या में मौत हो रही है. आलम यह है कि कई घर पूरी तरह उजड़ गए. संक्रमित शवों को मुखाग्नि और कंधा देने वाले भी नसीब नहीं हुए. ऐसा पहली बार हुआ जब महिलाओं और बेटियों ने अपनों को मुखाग्नि देनी पड़ी. ऐसा ही कुछ मेरठ में देखने को मिला. यहां कुछ परिवारों को मिले जख्म पूरी उम्र भर नहीं पाएंगे. मेरठ में 4 दिनों के भीतर कोरोना ने डॉ. पूजा के ससुर और पति की जान ले ली. जिस पति के साथ दो साल पहले सात फेरे लेकर सात जिंदगी जीने के सपने संजोये थीं, श्मशान घाट जाकर उनको खुद मुखाग्नि देनी पड़ेगी. पूजा का दर्द देखकर न सिर्फ पूरा श्मशान रो पड़ा बल्कि वहां मौजूद आचार्य भी अपने आंसू नही रोक पाए.
महिला डॉक्टर समेत पूरा परिवार हुआ संक्रमित
ब्रह्मापुरी इलाके की शास्त्री की कोठी निवासी राकेश रस्तोगी हिमाचल प्रदेश के नांगल डैम से रिटायर्ड होने के अपने बेटे और बहू के साथ कंकरखेड़ा के सैनिक विहार में रह रहे थे. बेटा मंयक रस्तोगी गांव खड़ौली के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे, वहीं बहू पूजा सरधना के सीएचसी में डॉक्टर हैं. प्रशासन ने मंयक रस्तोगी को गांव में बीएलओ की जिम्मेदारी भी दी हुई थी. बताया जा रहा है कि चुनाव ड्यूटी से लौटने के बाद 18 मई को मंयक रस्तोगी को हल्का बुखार हुआ था. जब जांच रिपोर्ट कराई तो रिपोर्ट पाजिटिव आई. कोरोना की पुष्टि होने पर डॉक्टरों की सलाह के बाद दंपति ने घर पर ही इलाज शुरू कर दिया. इसी दौरान पूजा के ससुर राकेश रस्तोगी भी कोरोना की चपेट में आ गए. परिवार के तीनों लोग संक्रमित होने के बाद भी महिला डॉक्टर ने हिम्मत नहीं हारी.
4 दिन में बाप-बेटे की मौत
पिता-पुत्र की तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो पूजा ने अपने भाई राहुल की मदद से ससुर को मेडिकल कालेज और पति को सुभारती अस्पताल में भर्ती कराया था. 2 जून को इलाज के दौरान पूजा के ससुर राकेश की मौत हो गई. पति के अस्पताल में भर्ती होने के चलते महिला डॉक्टर ने ससुर को मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया. ससुर की मौत के बाद संक्रमित हालत में पूजा को अब पति की चिंता सताने लगी थी. ससुर की चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई कि चार दिन बाद ही पति मंयक ने भी दम तोड़ दिया. लाचार बेबश पूजा ने ससुर के बाद पति को भी मुखाग्नि देनी पड़ी.
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ससुर और पति को महिला डॉक्टर ने दी मुखाग्नि
सुसर को मुखाग्नि देने चार दिन बाद डॉ. पूजा शुक्रवार को पति के शव को मुखाग्नि देने मोक्षधाम आई थी. इस दौरान श्मशान घाट का दुःखद दृश्य देखकर मानो पूरा श्मशान रो पड़ा हो. रोटी बिलखती पूजा पति के शव का अतिंम संस्कार करा रहे पुरोहित भी आंसू नही रोक पाए. इस दौरान परिवार की अन्य महिलाओं ने पति मयंक की चिता पर पूजा से चूड़ियां तुड़वाई. पूजा का रो-रो रोकर बुरा हाल हो रहा था. वहां मौजूद हर कोई रो रहा था. हर किसी को बेबश लाचार डॉ. पूजा ने दहाड़ मार कर रोते हुए पति मंयक को अंतिम विदाई दी.