मेरठ: किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए जहां केंद्र सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की दिशा में काम करने का दावा कर रही है, वहीं कृषि विशेषज्ञ और वैज्ञानिक भी किसानों की आय दोगुना करने के तरीकों पर जोर दे रहे हैं. इसके लिए किसानों को परंपरागत फसलों के अलावा अन्य फसलों को उगाने पर जोर दिया जा रहा है. ऐसी फसलों का उत्पादन किसानों लिए मुनाफे की फसल साबित हो सकता है. इसी दिशा में आय बढ़ाने के लिए मशरूम की खेती कर किसानों को जागरूक किया जा रहा है.
मशरूम की खेती से तीन गुना लाभ कमा सकते हैं किसान
- जिले के सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में किसानों को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
- कृषि विशेषज्ञों की मानें तो मशरूम उत्पादन से किसान कम लागत से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं.
- मशरूम का उत्पादन 90 दिन में शुरू हो जाता है यानी मशरूम उत्पादन में किसान 3 महीने में ही लागत का 3 गुना कमा सकते हैं.
- कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मशरूम की खेती किसानों की आमदनी बढ़ाने का एक कारगर विकल्प है.
- मशरूम की खेती झोपड़ियों के अंदर, घर के अंदर किसी कमरे में की जा सकती है.
- मशरूम उत्पादन का सही समय नवंबर से फरवरी माह के बीच होता है.
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि मशरूम उत्पादन शुरू करने से पहले उसके उत्पादन की ट्रेनिंग लेना बेहद जरूरी है. ट्रेनिंग के दौरान ही यह जानकारी भी दी जाती है कि मशरूम की कौन सी प्रजाति का उत्पादन उनके लिए अधिक लाभकारी होगा.
बिना जानकारी के मशरूम का उत्पादन शुरू करने से नुकसान का सामना किसानों को करना पड़ सकता है. लेकिन यदि किसान वैज्ञानिक सलाह और सही जानकारी प्राप्त कर मशरूम का उत्पादन शुरू करें तो यह निश्चित ही किसानों की आय में इजाफे का काम करेगा. कृषि विश्वविद्यालय में किसानों को मशरूम उत्पादन का समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसका लाभ किसान उठा रहे हैं.
-डॉ. गोपाल सिंह, कृषि विशेषज्ञ