मेरठ: कृषि विश्वविद्यालय के मत्स्य विभाग के वैज्ञानिक इन दिनों किसानों को मछली पालन करने की ट्रेनिंग दे रहे हैं. इतना ही नहीं वह किसानों को मछली का बीज भी उपलब्ध करा रहे हैं. कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने बताया कि मछली पालन करने वाले किसानों के लिए यह सही समय है. इस समय तालाब में मछली के बीज का संचय किया जा सकता है.
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मत्स्य विभाग के प्रोफेसर डॉ. डीबी सिंह ने बताया कि इस समय मछली उत्पादन करने के लिए सबसे अनुकूल समय है. किसानों को इस समय अपने तालाब को पूरी तरह से तैयार कर उसमें मछली के बीज का संचय करना चाहिए. यदि वह कहीं बाहर से बीज खरीद रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि तालाब में कम से कम 1 फिंगर लिंग साइज का ही बीज डालें.
यदि इस समय किसान किसी अच्छी जगह से गुणवत्ता युक्त बीज की खरीदारी कर तालाब में बीज का संचय करता है तो उसे इसका लाभ मिलेगा. एक हेक्टेयर में करीब 5 हजार फिंगर लिंग साइज का बीज डालना चाहिए. किसान मछली पालन कैसे करें इसकी ट्रेनिंग विश्वविद्यालय द्वारा समय-समय पर दी जाती है. किसानों को व्हाट्सएप के जरिए भी मछली पालन की जानकारी और आधुनिक तकनीक के बारे में अवगत कराया जा रहा है. डॉ. डीबी सिंह का कहना है कि किसानों को मछली पालन करते समय आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए. ऐसा करने से उन्हें अधिक लाभ प्राप्त होगा.
एक हेक्टेयर में 5 लाख तक आमदनी डॉ. डीबी सिंह का कहना है कि मछली उत्पादन किसानों की आमदनी के लिए बढ़िया जरिया है. यदि किसान समेकित मछली पालन करते हैं तब उनकी आमदनी में और अधिक इजाफा होगा. यदि किसान एक हेक्टेयर एरिया के तालाब में मछली पालन करना चाहते हैं तो उन्हें एक साल में कम से कम पांच लाख रुपये की आय प्राप्त होगी. पहले साल खर्च अधिक होता है इसलिए बचत भी कम होती है, लेकिन दूसरे साल यह बचत साढे तीन लाख और तीसरे साल 5 लाख रुपये तक पहुंच जाती है. यदि किसान समेकित मछली पालन करता है साल भर में कम से कम 1 लाख रुपये का अतिरिक्त मुनाफा मिल सकता है.
एक हेक्टेयर में 5 हजार किलो मछली उत्पादन
डाॅ. डीबी सिंह ने बताया कि 1 हेक्टेयर के तालाब में एक साल में करीब 5000 किलो मछली का उत्पादन हो जाता है. बाजार में यदि 100 रुपये किलो भी मछली का भाव हुआ तो मछली बेचने से करीब 5 लाख रुपये की आमदनी होगी. यदि किसान अच्छी गुणवत्ता का बीज इस्तेमाल कर अधिक उत्पादन लेता है तो उसकी साल भर की आय 6 लाख तक पहुंच सकती है.
किसानों में बढ़ रही जागरूकता
वेस्ट यूपी के किसानों में मछली पालन को लेकर जागरूकता बढ़ रही है. डॉ. डीबी सिंह ने बताया कि कुलपति डॉ. आरके मित्तल के निर्देशानुसार किसानों को मछली पालन के लिए जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने भी मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए योजना शुरू की है. उसका लाभ भी किसानों को मिल रहा है. यही कारण है कि मछली पालन करने वाले किसानों की संख्या अब धीरे-धीरे बढ़ रही है.