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डिजिटल इंडिया को पलीता लगा रहा परिवहन विभाग, डिजिटल एमएसटी हुआ बंद - digital mst latest news

मेरठ जिले में यात्री अब लाइन में खड़े होकर मासिक सीजन टिकट (एमएसटी) बनवाने को मजबूर हैं. डिजिटल एमएसटी बंद कर दिया गया है.

डिजिटल एमएसटी हुआ बंद
डिजिटल एमएसटी हुआ बंद
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Published : Sep 3, 2021, 2:30 PM IST

मेरठ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही डिजिटल इंडिया की बात करते हों लेकिन उत्तर प्रदेश परिवहन निगम डिजिटल इंडिया का हिस्सा बनने के बाद भी पुरानी पद्धति को नहीं छोड़ रहा है. परिवहन निगम में शुरू की गई डिजिटल एमएसटी ने अब दम तोड़ दिया है.

दरअसल, लखनऊ मुख्यालय की ओर से डिजिटल एमएसटी पर रोक लगा दी गई है. इसके चलते मेरठ जिले में दैनिक यात्रियों को हाथ से बनी हुई एमएसटी उपलब्ध कराई जा रही है. पूर्व में जारी की गई एमएसटी को रोक दिया गया. जिले के सोहराब गेट बस स्टैंड के एआरएम आर.के यादव की मानें तो उत्तर प्रदेश परिवहन निगम का कांट्रैक्ट हुआ था. कांट्रैक्ट पूरा हो गया. इसी वजह से डिजीटल कार्ड वाली एमएसटी को बंद कर दिया गया है.

डिजिटल एमएसटी हुआ बंद

दैनिक यात्रियों को एमएसटी कार्ड उपलब्ध कराया जाता था. इसमें दो तरह के कार्ड होते थे. सुगम कार्ड एक माह के लिए और ओपन कार्ड 5 साल तक के लिए वैध होता था. इन दोनों कार्ड में एक चिप का उपयोग किया जाता था. यात्रा करने के दौरान इस कार्ड को एटीएम में स्वैप किया जाता था जिससे टिकट के पैसे खुद ही कट जाते थे.

यह भी पढ़ें : मेरठ में 100 करोड़ के फर्जी लोन मामले में CBI का एक साथ चार जगहों पर छापा, खंगाले गए दस्तावेज

मेरठ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही डिजिटल इंडिया की बात करते हों लेकिन उत्तर प्रदेश परिवहन निगम डिजिटल इंडिया का हिस्सा बनने के बाद भी पुरानी पद्धति को नहीं छोड़ रहा है. परिवहन निगम में शुरू की गई डिजिटल एमएसटी ने अब दम तोड़ दिया है.

दरअसल, लखनऊ मुख्यालय की ओर से डिजिटल एमएसटी पर रोक लगा दी गई है. इसके चलते मेरठ जिले में दैनिक यात्रियों को हाथ से बनी हुई एमएसटी उपलब्ध कराई जा रही है. पूर्व में जारी की गई एमएसटी को रोक दिया गया. जिले के सोहराब गेट बस स्टैंड के एआरएम आर.के यादव की मानें तो उत्तर प्रदेश परिवहन निगम का कांट्रैक्ट हुआ था. कांट्रैक्ट पूरा हो गया. इसी वजह से डिजीटल कार्ड वाली एमएसटी को बंद कर दिया गया है.

डिजिटल एमएसटी हुआ बंद

दैनिक यात्रियों को एमएसटी कार्ड उपलब्ध कराया जाता था. इसमें दो तरह के कार्ड होते थे. सुगम कार्ड एक माह के लिए और ओपन कार्ड 5 साल तक के लिए वैध होता था. इन दोनों कार्ड में एक चिप का उपयोग किया जाता था. यात्रा करने के दौरान इस कार्ड को एटीएम में स्वैप किया जाता था जिससे टिकट के पैसे खुद ही कट जाते थे.

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