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डाक बचत खाते के नियमों में बदलाव से गरीबों की बढ़ीं मुश्किलें

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Published : Dec 24, 2020, 4:44 PM IST

डाक विभाग ने अपने बचत खातों के नियमों में बदलाव किया है. अब प्रत्येक खाते में न्यूनतम 500 रुपये की राशि निर्धारित कर दी है. सौ रुपये से 500 रुपये खाते में न्यूनतम बैलेंस रखने की शर्त से गरीब एवं निम्न वर्ग के खाताधारकों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं.

Meerut Cantt Head Post Office.
मेरठ कैंट प्रधान डाकघर.

मेरठ: डाक बचत खाते अभी तक न्यूमतम मात्र 100 रुपये की धनराशि से खोले जाते थे. लेकिन डाक विभाग ने नियमों में बदलाव कर प्रत्येक खाते में न्यूनतम 500 रुपये की राशि निर्धारित कर दी है. जिससे गरीब एवं निम्न वर्ग के खाताधारकों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई है. बचत खाताधारकों का कहना है कि जो लोग 100 रुपये मुश्किल से जमा कर पाते थे उनके लिए 500 रुपये जमा कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा. हालांकि नौकरी पेशा वर्ग के लोग इन नियमों का स्वागत कर रहे हैं.

डाक बचत खाते के नियमों में बदलाव से गरीबों की बढ़ी मुश्किलें

12 दिसंबर से बचत खाते के नियमों में हुआ बदलाव
आपको बता दें कि 12 दिसंबर 2020 से डाक विभाग ने डाक बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस 100 से रुपये से बढ़ा कर 500 रुपये कर दिये हैं. यानि अब डाक बचत खातों में कम से कम 500 रुपये होना जरूरी है. यदि खाता धारक 500 रुपये जमा नहीं कर पाते तो उनको भुगतान करना पड़ सकता है. फिलहाल यह नियम चेकबुक की सुविधा लेने वाले ग्राहकों के लिए लागू की गई है. जबकि बिना चेकबुक वाले खाताधारक केवल 50 रुपये का बैलेंस रख सकते हैं. डाक विभाग के नये नियमानुसार न्यूनतम बैलेंस नहीं रख पाने पर उन खाताधारकों को बतौर टैक्स 100 रुपये सर्विस चार्ज और 18 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ेगा. यानि 500 से कम बैलेंस होने पर आपको 118 रुपये की चपत लग सकती है. इतना ही नहीं नियमो की अवहेलना करने पर ग्राहकों का खाता बंद भी किया जा सकता है.

निष्क्रिय खाताधारकों से हो रहा पत्राचार
डाक विभाग के इस नियम के बाद खाताधारकों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए न सिर्फ जागरूकता अभियान चलाया हुआ है बल्कि खाताधारकों को पत्र भेज कर खाते में ट्रांजक्शन करने को कहा गया है. ग्राहकों को बचत खातों के लिए आये नए नियम के बारे में बताया जा रहा है. विभागीय अधिकारियों की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा खाताधारकों तक इस नियम एवं गाइडलाइन के बारे में जानकारी पहुंचाई जाए. ताकि निष्क्रिय खातों में कम से कम 500 रुपये जमा कर अपने खाते को सुचारू रूप से चालू रख सकें.


अब 500 रुपये में खुलेगा खाता
डिप्टी पोस्टमास्टर नंद कुमार ने बताया कि डाकघर में पहले 100 रुपये की राशि मे बचत खाता खुल जाता था लेकिन अब 500 रुपये की राशि जमा करना अनिवार्य है. वर्तमान में डाकघर में बचत खाता धारक को 4 प्रतिशत सालाना ब्याज दिया जा रहा है. एक व्यक्ति डाकघर में केवल एक ही खाता खुलवा सकता है और किसी भी खाते को एक्टिव रखने के लिए तीन साल में एक बार ट्रांजेक्शन करना अनिवार्य है. उन्होंने बताया कि डाक बचत खाते पर चेकबुक, एटीएम, नॉमिनेशन, इंट्रा ऑपरेबल नेटवर्किंग, मोबाइल बैंकिंग, खाते को एक डाकघर से दूसरे डाकघर में ट्रांसफर की सुविधाएं दी जा रही है.

खाताधारकों ने नियमों पर जताई आपत्ति

ETV भारत की टीम ने डाक बचत खाताधारकों से बात की तो ज्यादातर ग्राहकों ने डाक विभगा के इन नियमों का विरोध किया. उन्होंने कहा कि डाक विभाग की ओर से बचत खातों के नियमों में बदलाव निम्न वर्ग एवं गरीब खाताधारकों के लिए मुसीबत बन सकता है. कम आमदनी वाले ग्राहक जैसे तैसे तो 100 रुपये जमा कर पाते हैं, उन्हें 500 रुपये जमा करना बहुत मुश्किल होगा. बढ़ती मंहगाई में घर के खर्च में से 100 रुपये बचाना ही मजदूर तबके के लिए बड़ी बात है. 500 रुपये से खाता खुलवाना या फिर न्यूनतम बैलेंस 500 रुपये मेंटेन करना मुश्किल ही नही नामुमकिन है.

मेरठ: डाक बचत खाते अभी तक न्यूमतम मात्र 100 रुपये की धनराशि से खोले जाते थे. लेकिन डाक विभाग ने नियमों में बदलाव कर प्रत्येक खाते में न्यूनतम 500 रुपये की राशि निर्धारित कर दी है. जिससे गरीब एवं निम्न वर्ग के खाताधारकों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई है. बचत खाताधारकों का कहना है कि जो लोग 100 रुपये मुश्किल से जमा कर पाते थे उनके लिए 500 रुपये जमा कर पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा. हालांकि नौकरी पेशा वर्ग के लोग इन नियमों का स्वागत कर रहे हैं.

डाक बचत खाते के नियमों में बदलाव से गरीबों की बढ़ी मुश्किलें

12 दिसंबर से बचत खाते के नियमों में हुआ बदलाव
आपको बता दें कि 12 दिसंबर 2020 से डाक विभाग ने डाक बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस 100 से रुपये से बढ़ा कर 500 रुपये कर दिये हैं. यानि अब डाक बचत खातों में कम से कम 500 रुपये होना जरूरी है. यदि खाता धारक 500 रुपये जमा नहीं कर पाते तो उनको भुगतान करना पड़ सकता है. फिलहाल यह नियम चेकबुक की सुविधा लेने वाले ग्राहकों के लिए लागू की गई है. जबकि बिना चेकबुक वाले खाताधारक केवल 50 रुपये का बैलेंस रख सकते हैं. डाक विभाग के नये नियमानुसार न्यूनतम बैलेंस नहीं रख पाने पर उन खाताधारकों को बतौर टैक्स 100 रुपये सर्विस चार्ज और 18 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ेगा. यानि 500 से कम बैलेंस होने पर आपको 118 रुपये की चपत लग सकती है. इतना ही नहीं नियमो की अवहेलना करने पर ग्राहकों का खाता बंद भी किया जा सकता है.

निष्क्रिय खाताधारकों से हो रहा पत्राचार
डाक विभाग के इस नियम के बाद खाताधारकों को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए न सिर्फ जागरूकता अभियान चलाया हुआ है बल्कि खाताधारकों को पत्र भेज कर खाते में ट्रांजक्शन करने को कहा गया है. ग्राहकों को बचत खातों के लिए आये नए नियम के बारे में बताया जा रहा है. विभागीय अधिकारियों की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा खाताधारकों तक इस नियम एवं गाइडलाइन के बारे में जानकारी पहुंचाई जाए. ताकि निष्क्रिय खातों में कम से कम 500 रुपये जमा कर अपने खाते को सुचारू रूप से चालू रख सकें.


अब 500 रुपये में खुलेगा खाता
डिप्टी पोस्टमास्टर नंद कुमार ने बताया कि डाकघर में पहले 100 रुपये की राशि मे बचत खाता खुल जाता था लेकिन अब 500 रुपये की राशि जमा करना अनिवार्य है. वर्तमान में डाकघर में बचत खाता धारक को 4 प्रतिशत सालाना ब्याज दिया जा रहा है. एक व्यक्ति डाकघर में केवल एक ही खाता खुलवा सकता है और किसी भी खाते को एक्टिव रखने के लिए तीन साल में एक बार ट्रांजेक्शन करना अनिवार्य है. उन्होंने बताया कि डाक बचत खाते पर चेकबुक, एटीएम, नॉमिनेशन, इंट्रा ऑपरेबल नेटवर्किंग, मोबाइल बैंकिंग, खाते को एक डाकघर से दूसरे डाकघर में ट्रांसफर की सुविधाएं दी जा रही है.

खाताधारकों ने नियमों पर जताई आपत्ति

ETV भारत की टीम ने डाक बचत खाताधारकों से बात की तो ज्यादातर ग्राहकों ने डाक विभगा के इन नियमों का विरोध किया. उन्होंने कहा कि डाक विभाग की ओर से बचत खातों के नियमों में बदलाव निम्न वर्ग एवं गरीब खाताधारकों के लिए मुसीबत बन सकता है. कम आमदनी वाले ग्राहक जैसे तैसे तो 100 रुपये जमा कर पाते हैं, उन्हें 500 रुपये जमा करना बहुत मुश्किल होगा. बढ़ती मंहगाई में घर के खर्च में से 100 रुपये बचाना ही मजदूर तबके के लिए बड़ी बात है. 500 रुपये से खाता खुलवाना या फिर न्यूनतम बैलेंस 500 रुपये मेंटेन करना मुश्किल ही नही नामुमकिन है.

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