मेरठ: जिले में डेंगू का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है अब तक 21 मरीज डेंगू के सामने आ चुके हैं ऐसे में स्वास्थ्य विभाग लगातार घर-घर फागिंग और मरीज खोजने का अभियान चला रहा है. इसी अभियान के तहत मलयाना के 20 घरों में लारवा भी मिले हैं.
जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 21 हो चुकी है. इनमें से 11 मरीजों का घर में ही इलाज चल रहा है जबकि 10 मरीज गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. गनीमत की बात यह है कि जिले में अभी तक डेंगू से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है ना ही किसी बच्चे में डेंगू के लक्षण मिले हैं. जिस तरह से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है वह जरूर एक चिंता का विषय है.
फिलहाल डेंगू और वायरल बुखार के बढ़ते मामलों को देखकर नगर निगम की टीम घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं. टीमें घरों में, गमलों और कूलर में जमा पानी चेक कर रही हैं. इसी के साथ अगर सड़क और गड्ढे में पानी जमा है तो उसे भी निकाल रही है. इसके अलावा कॉलोनियों और मोहल्लों में रोजाना फागिंग भी कराई जा रही है.
मलयाना के 20 घरों में मिले लारवा के बाद सीएमओ ने सभी घरों के मालिकों को नोटिस जारी कर दिया है. इसके साथ ही सैनिक विहार में भी लारवा मिला है. चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर अखिलेश मोहन की मानें तो सभी अस्पतालों को गाइडलाइन जारी कर दी गई है. अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है. अगर किसी भी मरीज में बुखार के गंभीर या अलग लक्षण मिलते हैं तो फौरन सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी जाए इसी के साथ अस्पतालों में डेंगू वार्ड भी बनाए गए हैं.
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द कमजोरी लगना, भूख न लगना व मरीज का जी मिचलाना चेहरे, गर्दन, चेस्ट, पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज पड़ना है. वहीं डेंगू हेमरेजिक में नाक, मुंह, मसूड़े व मल मार्ग से खून आना है. साथ ही डेंगू शॉक सिंड्रोम में ब्लडप्रेश लो होना, बेहोशी होना शरीर में प्लेटलेट्स लगातार कम होने लगना है.
ऐसे करें डेंगू से बचाव
घर व आस-पास पानी को जमा न होने दें. कूलर, बाथरूम, किचन में जलभराव पर ध्यान दें. एकत्र पानी में मच्छर का लार्वा नष्ट करने का तेल स्प्रे करें. एसी की पानी टपकने वाली ट्रे को रोज साफ करें. घर में रखे गमले में पानी जमा न होने दें. छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज साफ करें. शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें. बच्चों को फुल पेंट व पूरी बाजू की शर्ट पहनाएं. संभव हो तो मच्छरदानी लगाकर सोएं.
खानपान का रखें ध्यान
बुखार में आहार का ध्यान रखें. हरी सब्जियां, फलों के साथ सुपाच्य भोजन करें. तरल चीजें खूब पिएं. पानी सूप, दूध, छाछ, नारियल पानी, ओआरएस का घोल, जूस, शिकंजी आदि लें. बासी व तैलीय खाना न खाएं.
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