मेरठ: इन दिनों पश्चमी उत्तर प्रदेश में किसान महापंचायतों की बाढ़ सी आ गई है. भारतीय किसान यूनियन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के साथ पंचयत कर रही है. वहीं राजनीतिक दलों ने भी किसान पंचायतों के जरिये वोट समीकरण बनाने शुरू कर दिए हैं. शनिवार को रालोद नेता जयंत चौधरी ने किसान पंचायत को संबोधित किया. जिसके बाद अब 28 फरवरी यानी आज आप नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मेरठ आएंगे. यहां वह किसानों की महापंचायत को संबोधित करेंगे. आप के राष्ट्रीय संयोजक के आगमन को लेकर आप नेता और कार्यकर्ता तैयारियो में जुटे हुए हैं. कयास लगाए जा रहे है कि किसान पंचायत के जरिये दिल्ली सीएम केजरीवाल पश्चमी उत्तर प्रदेश में मिशन-2022 का आगाज कर सकते हैं.
सांसद संजय सिंह ने की प्रेस कांफ्रेंस. रविवार को किसान पंचायत में आएंगे सीएम केजरीवाल
बता दें कि रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल संस्कृति रिजॉर्ट में किसान महापंचायत को संबोधित करने पहुंच रहे हैं. आम आदमी पार्टी पश्चिमी यूपी के मेरठ जिले से किसान महापंचायत की शुरुआत करने जा रही है. इस महापंचायत में मेरठ समेत पश्चमी उत्तर प्रदेश के 10 जिलों से आप नेता और किसानों को बुलाया गया है.
पंचायत की तैयारियां पूरी. किसान पंचायत की तैयारियां पूरीशनिवार की शाम तक पंचायत की तैयारियां पूरी कर ली गई थीं. यूपी प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने किसान महापंचायत की तैयारियों का जायजा लिया. AAP की पहली किसान महापंचायत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कृषि कानूनों और पश्चिम यूपी के किसानों के मुद्दों को लेकर संवाद करेंगे.कृषि कानूनों के खिलाफ होगी पंचायत
सांसद संजय सिंह ने कहा कि मेरठ की यह किसान महापंचायत ऐतिहासिक होगी. यहां आयोजित पंचायत से एक नया संदेश पूरे प्रदेश और देश में जाएगा. संजय सिंह ने भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार को केवल पूंजीपति मित्रों की चिंता है, किसानों से उनका कोई वास्ता नहीं है. उन्होंने बताया कि किसान महापंचायत में पश्चिम यूपी के विभिन्न जिलों से किसान अपने वाहनों और बसों से रैली स्थल तक आएंगे.
यूपी में सियासी जमीन की तलाश
कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम केजरीवाल पश्चमी उत्तर में आयोजित किसान पंचायत के जरिये वोट समीकरण बनाने में लगे हैं. आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा केजरीवाल पहले ही कर चुके हैं. अब रविवार को वह किसानों को संबोधित कर यूपी अपनी राजनीतिक पकड़ मज़बूत करने के भी प्रयास करेगें.