मेरठ : पश्चमी उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. कोरोना से संक्रमण के साथ ही मरीजों की मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. मेरठ की हालत भी बद से बदतर होती जा रही है. यहां के सूरजकुंड श्मशान घाट पर चिता जलाने की जगह तक नहीं मिल रही है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना से 8 से 10 मरीज़ों की रोज मौत हो रही है. उधर, कब्रिस्तानों में भी कोरोना संक्रमित शवों को सभी एहतियात बरतते हुए सपुर्द-ए-खाक किया जा रहा है.
मेरठ में बिगड़ रहे हालात
बता दें कि मेरठ जिला दिल्ली एनसीआर और हरियाणा राज्य से जुड़ा हुआ है. इसके चलते दिल्ली, हरियाणा, नोएडा गाजियाबाद से रोजाना यहां के लोगों का आना-जाना लगा रहता है. यही वजह है कि मेरठ में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
जिला प्रशासन द्वारा मेरठ मेडिकल कॉलेज, शुभारती मेडिकल कॉलेज, एनसीआर मेडिकल कॉलेज समेत कई प्राइवेट अस्पतालों को कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है. यहां बड़ी संख्या में पॉजिटिव मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को घरों में क्वारंटीन भी करवा रहा है. बावजूद इसके मेरठ शहर में हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं.
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पॉजिटिव मरीजों के साथ बढ़ रहा मौत का आंकड़ा
जनपद मेरठ में जहां शनिवार को 716 मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि के साथ 10 लोगों की मौत हुई, वहीं रविवार देर शाम आई रिपोर्ट में 24 घंटे के अंदर 741 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले है. 11 मरीजों की मौत हो गई है. इससे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. आये दिन पॉजिटिव मरीजों के साथ मौत का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है.
सूरजकुंड श्मशान घाट के हालात बदतर
पश्चमी उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर की बात करें तो यहां सूरजकुंड, कंकरखेड़ा, परतापुर, शास्त्रीनगर समेत 6 प्रमुख श्मशान घाट और 25 कब्रिस्तान है. लेकिन मुख्य रूप से सूरजकुंड के श्मशान घाट में सबसे ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है. सामान्य दिनों में श्मशान घाट पर 7-8 शव ही आते हैं लेकिन कोरोना वायरस के बाद यहां आने वाले शवों की संख्या बढ़ गई है.
इन दिनों यहां रोजाना 20-25 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. श्मशान प्रबंधक के मुताबिक जिला प्रशासन ने सूरजकुंड श्मशान घाट को कोविड श्मशान घाट घोषित 8-10 कोरोना संक्रमित शवों को जलाया जा रहा है जबकि प्रशासनिक अधिकारी श्मशान घाट में हो रहे अंतिम संस्कार पर कुछ भी बोलने को तैयार नही हैं.
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6 नए प्लेटफाॅर्म बना रहा नगर निगम
कोरोना से हालात अब इतने बिगड़ चुके हैं कि मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पर जगह नहीं मिल रही. ऐसे में कोरोना से संक्रमित होकर मरे लोगों के शवों के अंतिम संस्कार में दिक्कत पेश आ रही है. उधर, सूरजकुंड में कोविड मरीजों के 4 प्लेटफॉर्म भी यहां अब कम नजर आ रहे हैं. इस श्मशान घाट में 6 नए प्लेट फार्म कोरोना से संक्रमित होकर मरे लोगों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए तैयार किए जा रहे हैं.