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मेरठ का दारा सिंह कुश्ती स्टेडियम, जो बन गया वेस्टर्न यूपी में रेसलर बनाने की फैक्ट्री - मेरठ महिला पहलवान

मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के रुस्तम ए जमां दारा सिंह कुश्ती स्टेडियम ऐसी जगह है, जहां के पहलवान देश दुनिया में अपनी पहचान बना रहे हैं. साथ ही अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भारत का नाम भी रोशन कर रहे हैं (women wrestler in meerut). अब इस स्टेडियम में बेटियां भी कुश्ती सीख रही हैं (factory for making wrestlers in Western UP). लड़कियों की पहलवानी कोई हैरत की बात नहीं है, क्योंकि कई महिला पहलवान ओलंपिक जैसे स्टेज पर मेडल जीत चुकी हैं. मगर वेस्टर्न यूपी में लड़कियों का कुश्ती रिंग में आना परंपरा के बदलाव का बड़ा संकेत दे रही है.

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Published : Dec 3, 2022, 4:46 PM IST

मेरठ : मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के रुस्तम ए जमां दारा सिंह कुश्ती स्टेडियम (Dara Singh Wrestling Stadium Meerut) में बेटियां भी कुश्ती सीख रही हैं. यहां पहलवानी सीखने वाली की बेटियां अपने दांव पेंच से अच्छे से अच्छे धुरंधर पहलवानों को भी पटखनी दे रही हैं. कई दशक से पहलवानों को तैयार कर रहे कोच डॉक्टर जबर सिंह कहते हैं कि एक वक्त था इस इलाके में बेटियों का घर से निकलना मुश्किल था. अब यहां प्रशिक्षण लेकर लड़कियां भी बेटों से बढ़कर देश का मान बढ़ा रही हैं. अभी करीब 150 से बच्चे रुस्तम-ए- जमां दारा सिंह कुश्ती स्टेडियम में हर दिन अखाड़े में आकर पहलवान बनने का प्रशिक्षण ले रहे हैं.

women wrestler
मेरठ का दारा सिंह कुश्ती स्टेडियम में रोजाना 150 बच्चे कुश्ती का गुर सीखते हैं.

कोच डॉक्टर जबर सिंह सोम कहते हैं कि बेटियों ने यहां बेटों से आगे निकलकर ऊंचाइयां हासिल की हैं (women wrestler in meerut). इस कुश्ती स्टेडियम में देशभर से अलग-अलग जगहों से आए बच्चे पहलवानी सीख रहे हैं. अंतराष्ट्रीय पहलवान सुशील कुमार और अलका तोमर भी इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं. यहां की 23 महिला पहलवान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए पदक ला चुकी हैं. उनकी शिष्या अलका तोमर ने एक ओलंपिक को छोड़कर दुनिया की सभी प्रतियोगिताओं में सारे मेडल अपने नाम कर रखा है. अलका तोमर ने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 39 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ कर गोल्ड मेडल जीता था.

Dara Singh Wrestling Stadium Meerut
यहां की 23 बेटियां जीतकर ला चुकी हैं अंतरराष्ट्रीय मेडल : रुस्तम ए जमां दारा सिंह कुश्ती स्टडियम से पहलवानी के गुर सीखकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रतिद्वंदी को पटखनी देकर मेडल जीतने वाली 23 बेटियां हैं. इन महिला पहलवानों में अलका तोमर, गार्गी यादव, इंदु तोमर, शीतल, दिव्या तोमर, इंदु चौधरी, रूबी चौधरी, पूजा तोमर, अंशु गुर्जर, जैस्मिन सोम, कविता गोस्वामी, अंजू चौधरी, कीर्ति राजपूत, प्रियंका सिंह, निशा तोमर, अर्चना तोमर, अनुराधा तोमर, बबीता गुर्जर, बबीता सिंह, दिव्या तोमर, वंशिका, मनु तोमर, रजनी चौधरी, दीक्षा शामिल हैं.
women wrestler
कुश्ती में कामयाबी हासिल करने वाले पहलवानों का नाम मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चमक रहा है.
पुरुष पहलवानों ने भी मनवाया है अपना लोहा : ऐसा नहीं है कि रुस्तम ए जमां दारा सिंह कुश्ती स्टेडियम में पहलवानी की गुर खीखने के बाद कामयाबी हासिल करने में लड़के पीछे रहे हैं. यहां के पहलवान गौरव शर्मा और रणविंदर सिंह, गुलाम साबिर को भी सारा देश जानता है. इस स्टेडियम से कुश्ती का ककहरा सीखने वाले 8 पहलवानों को तो सरकार अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित कर चुकी है, जिनमें अनुज चौधरी, राजीव तोमर, अलका तोमर , सुमित पहलवान, सुशील कुमार, दिव्या काकरान और नेहा राठी प्रमुख हैं. बेटियां बनना चाहती हैं अलका तोमर की तरह : दारा सिंह कुश्ती स्टेडियम में पहलवानी की बारीकी सीख रही लड़कियों की आइडल फिलहाल अलका तोमर हैं. इन बेटियों का कहना है कि वे अंतरराष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी रही अलका तोमर से प्रेरणा लेकर कुश्ती के मैदान में उतरी हैं और उनकी तरह ही कुश्ती में अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती हैं. बता दें कि पहले मेरठ के चुनिंदा कुश्ती खिलाड़ियों को हरियाणा पंजाब में कोचिंग के लिए जाना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें मेरठ में ही अच्छी प्रैक्टिस कराई जा रही है. पढ़ें : योगी सरकार की अभ्युदय योजना युवाओं के लिए बनी वरदान, युवा बना रहे कीर्तिमान

मेरठ : मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के रुस्तम ए जमां दारा सिंह कुश्ती स्टेडियम (Dara Singh Wrestling Stadium Meerut) में बेटियां भी कुश्ती सीख रही हैं. यहां पहलवानी सीखने वाली की बेटियां अपने दांव पेंच से अच्छे से अच्छे धुरंधर पहलवानों को भी पटखनी दे रही हैं. कई दशक से पहलवानों को तैयार कर रहे कोच डॉक्टर जबर सिंह कहते हैं कि एक वक्त था इस इलाके में बेटियों का घर से निकलना मुश्किल था. अब यहां प्रशिक्षण लेकर लड़कियां भी बेटों से बढ़कर देश का मान बढ़ा रही हैं. अभी करीब 150 से बच्चे रुस्तम-ए- जमां दारा सिंह कुश्ती स्टेडियम में हर दिन अखाड़े में आकर पहलवान बनने का प्रशिक्षण ले रहे हैं.

women wrestler
मेरठ का दारा सिंह कुश्ती स्टेडियम में रोजाना 150 बच्चे कुश्ती का गुर सीखते हैं.

कोच डॉक्टर जबर सिंह सोम कहते हैं कि बेटियों ने यहां बेटों से आगे निकलकर ऊंचाइयां हासिल की हैं (women wrestler in meerut). इस कुश्ती स्टेडियम में देशभर से अलग-अलग जगहों से आए बच्चे पहलवानी सीख रहे हैं. अंतराष्ट्रीय पहलवान सुशील कुमार और अलका तोमर भी इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं. यहां की 23 महिला पहलवान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए पदक ला चुकी हैं. उनकी शिष्या अलका तोमर ने एक ओलंपिक को छोड़कर दुनिया की सभी प्रतियोगिताओं में सारे मेडल अपने नाम कर रखा है. अलका तोमर ने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 39 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ कर गोल्ड मेडल जीता था.

Dara Singh Wrestling Stadium Meerut
यहां की 23 बेटियां जीतकर ला चुकी हैं अंतरराष्ट्रीय मेडल : रुस्तम ए जमां दारा सिंह कुश्ती स्टडियम से पहलवानी के गुर सीखकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रतिद्वंदी को पटखनी देकर मेडल जीतने वाली 23 बेटियां हैं. इन महिला पहलवानों में अलका तोमर, गार्गी यादव, इंदु तोमर, शीतल, दिव्या तोमर, इंदु चौधरी, रूबी चौधरी, पूजा तोमर, अंशु गुर्जर, जैस्मिन सोम, कविता गोस्वामी, अंजू चौधरी, कीर्ति राजपूत, प्रियंका सिंह, निशा तोमर, अर्चना तोमर, अनुराधा तोमर, बबीता गुर्जर, बबीता सिंह, दिव्या तोमर, वंशिका, मनु तोमर, रजनी चौधरी, दीक्षा शामिल हैं.
women wrestler
कुश्ती में कामयाबी हासिल करने वाले पहलवानों का नाम मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चमक रहा है.
पुरुष पहलवानों ने भी मनवाया है अपना लोहा : ऐसा नहीं है कि रुस्तम ए जमां दारा सिंह कुश्ती स्टेडियम में पहलवानी की गुर खीखने के बाद कामयाबी हासिल करने में लड़के पीछे रहे हैं. यहां के पहलवान गौरव शर्मा और रणविंदर सिंह, गुलाम साबिर को भी सारा देश जानता है. इस स्टेडियम से कुश्ती का ककहरा सीखने वाले 8 पहलवानों को तो सरकार अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित कर चुकी है, जिनमें अनुज चौधरी, राजीव तोमर, अलका तोमर , सुमित पहलवान, सुशील कुमार, दिव्या काकरान और नेहा राठी प्रमुख हैं. बेटियां बनना चाहती हैं अलका तोमर की तरह : दारा सिंह कुश्ती स्टेडियम में पहलवानी की बारीकी सीख रही लड़कियों की आइडल फिलहाल अलका तोमर हैं. इन बेटियों का कहना है कि वे अंतरराष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी रही अलका तोमर से प्रेरणा लेकर कुश्ती के मैदान में उतरी हैं और उनकी तरह ही कुश्ती में अपने माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती हैं. बता दें कि पहले मेरठ के चुनिंदा कुश्ती खिलाड़ियों को हरियाणा पंजाब में कोचिंग के लिए जाना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें मेरठ में ही अच्छी प्रैक्टिस कराई जा रही है. पढ़ें : योगी सरकार की अभ्युदय योजना युवाओं के लिए बनी वरदान, युवा बना रहे कीर्तिमान
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