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निजी अस्पताल में मरीज की मौत, बिना बिल का भुगतान किए शव देने से इंकार, परिजनों ने किया हंगामा

मेरठ में बीमारी से एक शख्स की निजी अस्पताल में मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर शव न देने का आरोप लगाते हुए हंगामा (Meerut private hospital commotion) कर दिया. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत कराया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 18, 2023, 12:00 PM IST

मेरठ : पालवपुरम के एक निजी अस्पताल में एक शख्स की मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर शव न देने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया. जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन से बातचीत कर मामले को शांत कराया. इसके बाद परिजन शव लेकर घर चले गए.

पल्लवपुरम के डबल स्टोरी में रहने वाले 53 वर्षीय विनोद कुमार काफी समय से बीमार चल रहे थे. एक महीने पहले भी उनकी तबीयत बिगड़ी थी. उस दौरान उन्हें फ्यूचर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. उस दौरान तबीयत में सुधार होने पर उन्हें अस्पताल से घर भेज दिया गया था. शनिवार को फिर से विनोद की तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद परिवार के लोग फिर से उन्हें फ्यूचर हॉस्पिटल में लेकर पहुंचे. रविवार को दोपहर बाद परिवार के लोगों ने विनोद कुमार का आयुष्मान कार्ड हॉस्पिटल में जमा कर दिया. इससे पहले ही विनोद की मौत हो गई.

परिजनों का आरोप है कि शाम तक मौत की खबर नहीं दी गई. इसके बाद शव भी नहीं दिया जा रहा था. परिजनों का कहना है कि हॉस्पिटल स्टाफ ने हॉस्पिटल का बिल जमा करने को कहा था. वे आयुष्मान कार्ड पहले ही जमा कर चुके थे. अस्पताल ने शव देने से मना कर दिया तो वे विरोध जता रहे थे. इंस्पेक्टर जयप्रकाश यादव पुलिस बल के साथ हॉस्पिटल पहुंचे. इंस्पेक्टर ने बताया कि आयुष्मान कार्ड हॉस्पिटल को सौंप दिया गया था, लेकिन अप्लाई नहीं हुआ था, उससे पहले ही शख्स की मौत हो गई थी.हॉस्पिटल द्वारा बिल जमा करने की बात कही जा रही थी. बातचीत से मामले को शांत करा दिया गया है.

फ्यूचर हॉस्पिटल के मैनेजर संजय का कहना है कि शनिवार को परिवार वाले मरीज को लेकर आए थे. रविवार को आयुष्मान कार्ड जमा किया गया था. कार्ड अप्लाई होने से पहले ही मौत हो चुकी थी. कुछ लोग परिवार के लोगों के साथ थे वे उकसा रहे थे और हॉस्पिटल में हंगामा कर रहे थे.

यह भी पढ़ें : जेल में दिल का दौरा पड़ने से उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी नफीस बिरयानी की मौत, अतीक के परिवार को पहुंचाता था लाखों की मदद

मेरठ : पालवपुरम के एक निजी अस्पताल में एक शख्स की मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर शव न देने का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया. जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन से बातचीत कर मामले को शांत कराया. इसके बाद परिजन शव लेकर घर चले गए.

पल्लवपुरम के डबल स्टोरी में रहने वाले 53 वर्षीय विनोद कुमार काफी समय से बीमार चल रहे थे. एक महीने पहले भी उनकी तबीयत बिगड़ी थी. उस दौरान उन्हें फ्यूचर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. उस दौरान तबीयत में सुधार होने पर उन्हें अस्पताल से घर भेज दिया गया था. शनिवार को फिर से विनोद की तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद परिवार के लोग फिर से उन्हें फ्यूचर हॉस्पिटल में लेकर पहुंचे. रविवार को दोपहर बाद परिवार के लोगों ने विनोद कुमार का आयुष्मान कार्ड हॉस्पिटल में जमा कर दिया. इससे पहले ही विनोद की मौत हो गई.

परिजनों का आरोप है कि शाम तक मौत की खबर नहीं दी गई. इसके बाद शव भी नहीं दिया जा रहा था. परिजनों का कहना है कि हॉस्पिटल स्टाफ ने हॉस्पिटल का बिल जमा करने को कहा था. वे आयुष्मान कार्ड पहले ही जमा कर चुके थे. अस्पताल ने शव देने से मना कर दिया तो वे विरोध जता रहे थे. इंस्पेक्टर जयप्रकाश यादव पुलिस बल के साथ हॉस्पिटल पहुंचे. इंस्पेक्टर ने बताया कि आयुष्मान कार्ड हॉस्पिटल को सौंप दिया गया था, लेकिन अप्लाई नहीं हुआ था, उससे पहले ही शख्स की मौत हो गई थी.हॉस्पिटल द्वारा बिल जमा करने की बात कही जा रही थी. बातचीत से मामले को शांत करा दिया गया है.

फ्यूचर हॉस्पिटल के मैनेजर संजय का कहना है कि शनिवार को परिवार वाले मरीज को लेकर आए थे. रविवार को आयुष्मान कार्ड जमा किया गया था. कार्ड अप्लाई होने से पहले ही मौत हो चुकी थी. कुछ लोग परिवार के लोगों के साथ थे वे उकसा रहे थे और हॉस्पिटल में हंगामा कर रहे थे.

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