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मेरठ में पार्षदों की मारपीट का मामला गर्माया, अमिताभ ठाकुर ने आरोपियों पर बुलडोजर कार्रवाई की मांग की - दलित पार्षद मारपीट

मेरठ में पार्षदों की मारपीट का मामला (Councilors Beating Case) थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. पूर्व आईपीएस और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने योगी सरकार से दोषियों पर बुलडोजर चलाने की मांग की है.

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अमिताभ ठाकुर
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 1, 2024, 9:04 PM IST

आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने दी जानकारी

मेरठ: नगर निगम दफ्तर में हुई पार्षदों की मारपीट के मामले में अब पश्चिमी यूपी में सर्दी के सीजन में माहौल गर्म हो गया है. सोमवार को आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने भी अब इस मामले में एंट्री कर दी है. सोमवार को मेरठ पहुंचकर अमिताभ ठाकुर ने एडीजी और संबंधित थाना प्रभारी से मुलाकात की, उन्होंने प्रदेश सरकार के मंत्री और एमएलसी पर FIR हेतु थाने पर प्रार्थनापत्र दिया.

आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने कहा, मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक के बाद प्रदेश के मंत्री और एमएलसी द्वारा सार्वजनिक रूप से पार्षद की पिटाई की वीडियो उन्होंने देखी, जिससे वह आहत हैं. उन्होंने मेरठ पहुंच कर इस मामले में थाना दिल्ली गेट पर जाकर FIR के लिए प्रार्थना पत्र दिया. इसके साथ ही उन्होंने एडीजी मेरठ राजीव सब्बरवाल से मुलाकात कर मंत्री और विधायक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की मांग की.

इसे भी पढ़े-जयंत चौधरी बोले- पार्षदों की पिटाई शर्मनाक, यूपी में दलितों की आवाज को सरकार दबा रही

अमिताभ ठाकुर ने कहा कि इंस्पेक्टर और एडीजी ने मामले में पहले से अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की बात कही है. जबकि जो वीडियो सामने आई है उसमें सब कुछ साफ साफ देखा जा सकता है कि किस-किसने दलित पार्षद के साथ मारपीट की है. मेरठ पुलिस जानबूझकर सत्ता के दबाव में इस प्रकरण में कार्रवाई नहीं कर रही है. यदि भाजपा के लोगों का यह कहना है कि दूसरे पक्ष के लोगों ने मारपीट और बदसलूकी की है तो दोनों पक्षों की एफआईआर दर्ज की जाए. लेकिन, मंत्री के खिलाफ निश्चित रूप से एफआईआर और कार्रवाई हो. साथ ही इस मामले में मंत्री और विधायक के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई भी सरकार करे. अमिताभ ठाकुर ने कहा कि किसी भी मामले में सीएम योगी लोगों पर तत्काल कार्रवाई करते हैं. ऐसे में जब मुकदमा दर्ज हुआ है, तो पार्षदों के साथ सरेआम की गई मारपीट के मामले में कार्रवाई क्यों नहीं की गई. अमिताभ ठाकुर ने बताया कि दो दिन का समय एडीजी को दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद शर्मनाक है. अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं की जाती, तो फिर वे स्वयं कोर्ट के माध्यम से उन जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.

गौरतलब है कि यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है, बीते दिनों हुए इस घटनाक्रम के मामले में जहां पहले चंद्रशेखर ने आकर पीटे पार्षदों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात करके इस मुद्दे पर पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया था. वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी बरेली में अपनी यात्रा को बीच में छोड़कर मेरठ पहुंचे थे. वहीं, रालोद अध्यक्ष ने भी इस मामले में पहले ही एलान कर दिया है कि वह पीड़ित परिवार के साथ हैं.

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आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने दी जानकारी

मेरठ: नगर निगम दफ्तर में हुई पार्षदों की मारपीट के मामले में अब पश्चिमी यूपी में सर्दी के सीजन में माहौल गर्म हो गया है. सोमवार को आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने भी अब इस मामले में एंट्री कर दी है. सोमवार को मेरठ पहुंचकर अमिताभ ठाकुर ने एडीजी और संबंधित थाना प्रभारी से मुलाकात की, उन्होंने प्रदेश सरकार के मंत्री और एमएलसी पर FIR हेतु थाने पर प्रार्थनापत्र दिया.

आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने कहा, मेरठ नगर निगम की बोर्ड बैठक के बाद प्रदेश के मंत्री और एमएलसी द्वारा सार्वजनिक रूप से पार्षद की पिटाई की वीडियो उन्होंने देखी, जिससे वह आहत हैं. उन्होंने मेरठ पहुंच कर इस मामले में थाना दिल्ली गेट पर जाकर FIR के लिए प्रार्थना पत्र दिया. इसके साथ ही उन्होंने एडीजी मेरठ राजीव सब्बरवाल से मुलाकात कर मंत्री और विधायक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की मांग की.

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अमिताभ ठाकुर ने कहा कि इंस्पेक्टर और एडीजी ने मामले में पहले से अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की बात कही है. जबकि जो वीडियो सामने आई है उसमें सब कुछ साफ साफ देखा जा सकता है कि किस-किसने दलित पार्षद के साथ मारपीट की है. मेरठ पुलिस जानबूझकर सत्ता के दबाव में इस प्रकरण में कार्रवाई नहीं कर रही है. यदि भाजपा के लोगों का यह कहना है कि दूसरे पक्ष के लोगों ने मारपीट और बदसलूकी की है तो दोनों पक्षों की एफआईआर दर्ज की जाए. लेकिन, मंत्री के खिलाफ निश्चित रूप से एफआईआर और कार्रवाई हो. साथ ही इस मामले में मंत्री और विधायक के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई भी सरकार करे. अमिताभ ठाकुर ने कहा कि किसी भी मामले में सीएम योगी लोगों पर तत्काल कार्रवाई करते हैं. ऐसे में जब मुकदमा दर्ज हुआ है, तो पार्षदों के साथ सरेआम की गई मारपीट के मामले में कार्रवाई क्यों नहीं की गई. अमिताभ ठाकुर ने बताया कि दो दिन का समय एडीजी को दिया गया है. उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद शर्मनाक है. अगर इस मामले में कार्रवाई नहीं की जाती, तो फिर वे स्वयं कोर्ट के माध्यम से उन जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.

गौरतलब है कि यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है, बीते दिनों हुए इस घटनाक्रम के मामले में जहां पहले चंद्रशेखर ने आकर पीटे पार्षदों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात करके इस मुद्दे पर पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया था. वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी बरेली में अपनी यात्रा को बीच में छोड़कर मेरठ पहुंचे थे. वहीं, रालोद अध्यक्ष ने भी इस मामले में पहले ही एलान कर दिया है कि वह पीड़ित परिवार के साथ हैं.

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