मेरठ: यूपी के मेरठ में तैनात रहे पूर्व दरोगा धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मेडिकल थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मुकदमा, भ्रष्टाचार निवारण संगठन प्रभारी निरीक्षक की ओर से कराया गया है. जांच में खुलासा किया है कि धर्मेंद्र सिंह ने आय से 134 प्रतिशत अधिक संपत्ति जुटाई है और इसका कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं करा पाए हैं. अब बड़ी कार्रवाई की तैयारी है.
दरोगा धर्मेंद्र सिंह मेरठ में मेडिकल, सरूरपुर और हस्तिनापुर थाने में तैनात रह चुका है. जब दारोगा हस्तिनापुर थाने में तैनात था, तब उसने यहां पत्नी के नाम पर कुछ जमीन खरीदकर फार्म हाउस बनाया था. इसी दौरान जांच बैठाई गई और सस्पेंड कर दिया गया. इतना ही नहीं, बिजली विभाग के अधिकारियों ने दारोगा के खिलाफ बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज कराया था. पूरे प्रकरण में आय से अधिक संपत्ति को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक भ्रष्टाचार निवारण संगठन की ओर से जांच शुरू कराई गई.
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पूरे प्रकरण में आय से अधिक संपत्ति को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक भ्रष्टाचार निवारण संगठन की ओर से जांच शुरू कराई गई. इस मामले की जांच के लिए मेरठ में तैनात इंस्पेक्टर अशोक कुमार शर्मा को नियुक्त किया गया था. जांच में खुलासा हुआ कि धर्मेंद्र सिंह ने एक सितंबर 2015 से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक की अवधि यानी करीब पांच साल में तमाम ज्ञात वैध साधनों से कुल मिलाकर 62 लाख 51 हजार 929 रुपये की वसूली की थी. साथ ही, पारिवारिक भरण पोषण और परिसंपत्तियां अर्जित करने में कुल करीब 1.46 करोड़ रुपये व्यय किया गया.
जांच में पता चला कि धर्मेंद्र सिंह की आय की तुलना में खर्च 83 लाख 93 हजार 700 रुपये यानी 134.25 प्रतिशत अधिक संपत्ति जुटाई गई. इस संबंध में कोई साक्ष्य भी धर्मेंद्र सिंह की ओर से नहीं दिए गए, जिसके बाद इंस्पेक्टर अशोक शर्मा की ओर से मेडिकल थाने में धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)बी और 13(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.