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बेमौसम बारिश से बढ़ी ठंड, प्रदूषण से मिली राहत

प्रदेश में हुई बेमौसम बारिश ने जहां एक तरफ मेरठ के प्रदूषण को कम कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ बारिश से बढ़ी ठंड बुजुर्गों और बच्चों के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है. साथ ही गेहूं की फसल भी प्रभावित हो गई है.

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बेमौसम बारिश से प्रदूषण से मिली राहत.
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Published : Nov 16, 2020, 2:09 PM IST

मेरठ: प्रदेश में बेमौसम बारिश ने मौसम का मिजाज बिगाड़ दिया है. नवंबर माह की बारिश से जहां तापमान में गिरावट आई है, वहीं गेहूं की बुवाई भी प्रभावित हुई है. हालांकि, ठंड बढ़ने के साथ वायु प्रदूषण पर भी खासा असर पड़ा है. प्रदूषण का आलम यह था कि मेरठ शहर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिवाली के मौके पर हुई आतिशबाजी के बाद एयर क्वॉलिटी इंडेक्स बढ़कर 540 तक पहुंच गया था. तेज हवा के साथ अचानक हुई बारिश से एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में खासी कमी दर्ज की गई है. जानकारों के मुताबिक, बारिश से हवा में फैले प्रदूषित कण धुलने से आसमान साफ हो गया है. कुछ समय के लिए सही वायु प्रदूषण से थोड़ी राहत जरूर मिली है.

540 से ऊपर पहुंच गया था AQI

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर की बात करें तो दिल्ली एनसीआर के साथ वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा था. बिगड़ते प्रदूषण के कारण बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के साथ ही आमजन को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. रविवार की रात में तेज हवा के साथ हुई झमाझम बारिश से पर्यावरण पर खासा प्रभाव पड़ा है. सोमवार सुबह तक हुई बेमौसम बारिश से पर्यावरण में धूल मिट्टी के कण साफ हो गए हैं.

खगोल शास्त्री डॉ. दीपक शर्मा के मुताबिक बारिश से पर्यावरण स्वच्छ हुआ है. एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 540 से घटकर 200 तक आ गया है. महानगर मेरठ में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नगर निगम लगातार पानी का छिड़काव करा रहा है. बारिश के बाद नगर निगम को भी राहत मिली है.

बेमौसम बारिश से लुढ़का तापमान, बढ़ी ठंड

त्योहारों के सीजन में अचानक तेज हवा के साथ हुई बारिश से तामपान में गिरावट आई है. तामपान कम होने से ठिठुरन बढ़ गई है. जहां अभी तक लोगों ने गर्म कपड़े पहनने शुरू नहीं किए थे, वहां अब दिन में भी जैकेट पहन कर घर से निकल रहे हैं. सर्दियों की पहली बारिश बच्चों और बुजुर्गों के लिए नुकसानदायक हो सकती है. ठंड बढ़ने से बुजुर्गों और बच्चों का ध्यान रखने की आवश्यकता है.

गेहूं बुआई में बाधक हुई बारिश

इन दिनों अचानक हुई बारिश से जहां पारा लुढ़का है, वहीं यह बारिश किसानों के लिए भी मुसीबत बनकर आई है. बेमौसम बारिश से गेहूं की बुआई भी प्रभावित हुई है. गेहूं की बुआई के लिए तैयार खेतों में पानी भर गया है. गीले खेतों में गेहूं की बुआई करना मुश्किल हो गया है. किसान गेहूं की बुआई करने में कम से कम 15 दिन पीछे हट गए हैं. खेत सूखने के बाद दोबारा जुताई कर खेतों को गेहूं की बुआई के लिए तैयार किया जाएगा. हालांकि, सब्जियों और अन्य फसलों के लिए यह बारिश फायदेमंद बताई जा रही है.

मेरठ: प्रदेश में बेमौसम बारिश ने मौसम का मिजाज बिगाड़ दिया है. नवंबर माह की बारिश से जहां तापमान में गिरावट आई है, वहीं गेहूं की बुवाई भी प्रभावित हुई है. हालांकि, ठंड बढ़ने के साथ वायु प्रदूषण पर भी खासा असर पड़ा है. प्रदूषण का आलम यह था कि मेरठ शहर समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दिवाली के मौके पर हुई आतिशबाजी के बाद एयर क्वॉलिटी इंडेक्स बढ़कर 540 तक पहुंच गया था. तेज हवा के साथ अचानक हुई बारिश से एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में खासी कमी दर्ज की गई है. जानकारों के मुताबिक, बारिश से हवा में फैले प्रदूषित कण धुलने से आसमान साफ हो गया है. कुछ समय के लिए सही वायु प्रदूषण से थोड़ी राहत जरूर मिली है.

540 से ऊपर पहुंच गया था AQI

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर की बात करें तो दिल्ली एनसीआर के साथ वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा था. बिगड़ते प्रदूषण के कारण बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के साथ ही आमजन को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. रविवार की रात में तेज हवा के साथ हुई झमाझम बारिश से पर्यावरण पर खासा प्रभाव पड़ा है. सोमवार सुबह तक हुई बेमौसम बारिश से पर्यावरण में धूल मिट्टी के कण साफ हो गए हैं.

खगोल शास्त्री डॉ. दीपक शर्मा के मुताबिक बारिश से पर्यावरण स्वच्छ हुआ है. एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 540 से घटकर 200 तक आ गया है. महानगर मेरठ में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नगर निगम लगातार पानी का छिड़काव करा रहा है. बारिश के बाद नगर निगम को भी राहत मिली है.

बेमौसम बारिश से लुढ़का तापमान, बढ़ी ठंड

त्योहारों के सीजन में अचानक तेज हवा के साथ हुई बारिश से तामपान में गिरावट आई है. तामपान कम होने से ठिठुरन बढ़ गई है. जहां अभी तक लोगों ने गर्म कपड़े पहनने शुरू नहीं किए थे, वहां अब दिन में भी जैकेट पहन कर घर से निकल रहे हैं. सर्दियों की पहली बारिश बच्चों और बुजुर्गों के लिए नुकसानदायक हो सकती है. ठंड बढ़ने से बुजुर्गों और बच्चों का ध्यान रखने की आवश्यकता है.

गेहूं बुआई में बाधक हुई बारिश

इन दिनों अचानक हुई बारिश से जहां पारा लुढ़का है, वहीं यह बारिश किसानों के लिए भी मुसीबत बनकर आई है. बेमौसम बारिश से गेहूं की बुआई भी प्रभावित हुई है. गेहूं की बुआई के लिए तैयार खेतों में पानी भर गया है. गीले खेतों में गेहूं की बुआई करना मुश्किल हो गया है. किसान गेहूं की बुआई करने में कम से कम 15 दिन पीछे हट गए हैं. खेत सूखने के बाद दोबारा जुताई कर खेतों को गेहूं की बुआई के लिए तैयार किया जाएगा. हालांकि, सब्जियों और अन्य फसलों के लिए यह बारिश फायदेमंद बताई जा रही है.

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