मेरठः प्रदेश में निकाय चुनावों की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है. इसी कड़ी में पिछले कई चुनावों से जिले का पंजाबी समाज चुनाव में अपनी हिस्सेदारी मांग रहा है. लेकिन, उसे निराशा ही हाथ लग रही है. निकाय चुनाव 2023 को देखते हुए पंजाबी समाज एक बार फिर एकजुट होकर शक्तिप्रदर्शन कर रहा हैं. ये लोग बीजेपी से अपने समाज के मेयर प्रत्याशी की मांग कर रहे हैं. इनका दावा है कि ये लोग हमेशा से बीजेपी के समर्थक रहे हैं. ऐसे में अब उन्हें भी आगे आने का अवसर मिलना चाहिए.
संयुक्त पंजाबी संघ के अध्यक्ष सरदार मनमोहन सिंह आहूजा का कहना है कि इसी सप्ताह में पंजाबी समाज ने मेरठ में अलग अलग कार्यक्रम किये. इसमें उन्होंने एकजुटता भी दिखाई कि सभी साथ हैं. वह कहते हैं कि पंजाबी समाज हमेशा से बीजेपी के साथ रहा है. एकजुट रहा है, लेकिन काफी समय से उनके समाज की अनदेखी हो रही है. विधानसभा चुनाव में भी समाज ने अपने लिए दावेदारी मांगी थी. तब पार्टी ने किसी पंजाबी समाज के व्यक्ति पर जिले में भरोसा ही नहीं जताया. समाज में मायूसी भी है कि विधानसभा चुनाव और उससे पहले के चुनावों में भी उनकी अनदेखी की गई थी. बीजेपी इस पर विचार करे ताकि पंजाबी समाज भी आगे बढ़ सके. उन्होंने कहा कि वो लोग मेयर से लेकर पार्षदों के लिए भी अलग-अलग कुछ वार्डों से टिकट मांग रहे हैं.
पंजाबी समाज से ताल्लुक रखने वाली बीजेपी नेत्री बीना वाधवा ने बताया कि पंजाबी समाज के मेरठ शहर में करीब डेढ़ लाख वोटर हैं. वह कहती हैं कि ऐसे में बीजेपी से समाज के लोग बार-बार अनुरोध करते हैं कि राजनैतिक तौर पर उन्हें आगे आने का मौका दिया जाए. उन्होंने बताया कि पंजाबी समाज से मेरठ से तीन दावेदार हैं, जिनकी सूची दी गई है. उनमें एक नाम वह अपना खुद का भी बताती हैं. मेरठ कैंट बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष सुनील वाधवा का कहना है कि समाज हमेशा बीजेपी का साथ देता आया है. इसीलिए बीजेपी से ही मेरठ में मेयर के लिए दावेदारी रखी जा रही है.
वहीं, इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार और राजनैतिक विश्लेषक हरिशंकर जोशी का कहना है कि बीजेपी को मालूम है कि पंजाबी समाज हमेशा उनके साथ रहा है. ऐसे में उनकी जो मांग है उस पर निर्णय तो बीजेपी ही करेगी. पूर्व में बीजेपी की तरफ से चुनाव लड़कर पंजाबी समाज के हरिकांत अहलूवालिया मेयर रह चुके हैं. इस बार यहां बीजेपी किस पर भरोसा जताती है कुछ भी कह पाना मुश्किल है.
जोशी कहते हैं कि पंजाबी समाज के लोग शक्तिप्रदर्शन भी कर रहे हैं, ताकि उन्हें नजरंदाज न किया जा सके. हालांकि बीजेपी को यह लगता हो कि वह लोग तो बीजेपी के समर्थक हैं. इसलिए बीजेपी उन्हें लेकर ज्यादा गंभीर न हो. क्योंकि बीजेपी इस निकाय चुनाव में 2024 के समीकरण को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशी तय करेगी.
बता दें कि अब तक मेरठ में सिर्फ आम आदमी पार्टी ने जाट समाज की महिला को प्रत्याशी घोषित किया है. वहीं, समाजवादी पार्टी ने गुर्जर समाज से महिला प्रत्याशी दिया है. ऐसे में बीजेपी को यहां बहुत सोच समझकर प्रत्याशी देना होगा, वहीं, जिस तरह पंजाबी समाज पिछले कई चुनावी मौसम से चुनाव लड़ने के लिए भाजपा से हक मांग रहा है. समाज के लोग दबी जुबान यह भी कह रहे हैं कि उन्हें हर बार नजरअंदाज करना भाजपा के लिए मुसीबत बन सकता है.
ये भी पढ़ेंः यूपी निकाय चुनाव: लखनऊ में मेयर पद के लिए 13 प्रत्याशियों ने किया नामांंकन