मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ के कंकरखेड़ा की रहने वाली तापसी उपाध्याय ने नौ नवंबर को अपना 22 वां जन्मदिन मनाया है. लेकिन इस बेटी में कुछ अलग करने की लगन हर किसी को प्रभावित कर सकती है. ताप्सी बीटेक स्टूडेंट हैं और वर्तमान में 50 से भी अधिक लोगों को रोजगार इस बिटिया ने दिया है. पानीपूरी, चाट और पापड़ी से लेकर अब इस बेटी ने अपनी कुछ मिठाई भी लॉन्च करने की प्लानिंग कर ली है.
एक ही साल में कमाया नाम और पैसाः देश के अलग अलग राज्यों में अब इस बेटी का ब्रांड "बीटेक पानीपूरी वाली" लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है. खास बात यह है कि अधिकतर बेटियों को ही वह रोजगार भी दे रही हैं. BTech Pani Puri वाली के नाम से तापसी उपाध्याय प्रसिद्ध हो चुकी हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में तापसी ने बताया कि बीटेक पानीपूरी वाली की जो शुरुआत थी वह एंबीशन यानी कुछ करने की अभिलाषा से हुई थी. परिवार में वे खाने को लेकर बेहद ही चूजी थीं.
देश में जब कहीं भी हम टूर करते हैं तो उम्मीद करते हैं कि हेल्दी और क्वालिटी फूड अफॉर्डेबल प्राइस में मिल जाए, लेकिन काफी खोजने पर भी कई बार ऐसा नहीं होता. वह खुद बाहर जाने पर यही खोजा करती थीं कि क्या ऐसा लें जो हेल्थ के लिए ठीक हो. जो हेल्दी खाना होता है वह घर के बाहर उपलब्ध नहीं होता है. उनके खुद के साथ जो समस्या थी उन्होंने उसी पर काम किया.
कैसे ब्रांड बन गया बीटेक पानीपुरी वालीः तापसी कहती हैं कि उन्होंने बहुत सारे प्रोडक्ट पर काम किया, उसके बाद उन्होंने पानीपूरी पर ही काम किया. पानीपूरी वाली नाम इसलिए रखा क्योंकि वह बीटेक की स्टूडेंट हैं और उनकी कम्प्यूटर साइंस से बीटेक चल रही है. वहीं उन्हें खुशी है कि अपने माता पिता को कार गिफ्ट करने की स्थिति में वह आ गई हैं.
मेहनत के बल पर चमक रहीं ताप्सी: तापसी कहती हैं कि वह तो लोगों से सहयोग मांग रही हैं और लोगों को प्रोत्साहित करने का काम कर रही हैं. सभी टीम की तरह इस नाम को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने इसकी शुरुआत दिल्ली से की थी. दिल्ली में तिलकनगर से शुरुआत की थी. वहां से एक मार्केट से दूसरे मार्केट वह अपनी पानीपूरी वाली गाड़ी (ठेली को दो पहिया वाहन) से लेकर जाती थीं.
बीटेक पानीपुरी वाली का कैसे आया विचारः तिलकनगर, हरिनगर के अलावा और भी कई जगह स्टॉल लगता है, इसके अलावा अब और भी जगहों पर स्टॉल लगते हैं. तापसी कहती हैं कि वह मोदी जी के स्वस्थ भारत अभियान से प्रभावित हैं, इसीलिए उन्होंने सब कुछ विचार करने के बाद पानीपूरी से शुरुआत की थी. क्योंकि पानीपूरी पूरे भारत में लोगों को हर जगह पसंद है. पानीपूरी के बाद उसमें दहीपूरी, पापड़ी चाट भी एड किया जो पूरी तरह से हेल्दी है.
दीपावली पर लॉन्च की मिठाईः तापसी बताती हैं कि दीपावली पर बिना किसी रिफाइंड, बिना कोई खोवा या मावा के और बिना चीनी के ऑर्गेनिक ड्राई फ़्रूटस की मदद से बहुत सारी मिठाईयां तैयार की थीं. बहुत अच्छा परिणाम आया है. जो भी कुछ उन्होंने तैयार किया, हाथों हाथ मार्केट में उन्हें लोगों ने पसंद किया. टीम को अलग अलग सेक्शन में बांटा गया है. सिर्फ पानीपूरी ही नहीं लगाते हैं. एक प्रोडक्शन टीम है जो रात दिन कोड करके रेसिपीज को देखती रहती है कि और बेहतर कैसे बनाया जाए. उसको एक अच्छा टेस्ट कैसे दिया जाए.
हर काम के लिए अलग टीमः ऑफिस को भी मैनेज करते हैं, क्योंकि देशभर से हमें सपोर्ट करने वाले लोग हैं, बहुत सारी कॉल आती हैं पीआर टीम भी है, कॉल हैंडलिंग के लिए अलग से टीम है, सप्लाई के लिए अलग से टीम है कार्ट हेंडलिंग के लिए अलग से टीम है. कार्ट्स को चलाने के लिए ज्यादातर लड़कियों को ही साथ जोड़ा हुआ है.
50 से अधिक को दिया रोजगारः तापसी कहती हैं कि जितना उनसे हो सकता है, उतना महिला सशक्तिकरण के लिए भी वह करने की कोशिश कर रही हैं. उनके पास अभी 50 से अधिक लोगों की टीम है जिसमें 90 प्रतिशत लड़कियों को ही जोड़कर उन्हें भी रोजगार दे रही हैं. किसी से तुलना तो अपने प्रोडक्टस की नहीं करतीं लेकिन अपने प्रोडक्ट को अलग बनाने की ही कोशिश उनकी रहती है. अगर तुलना करेंगे तो उस तरह से अच्छा नहीं बना पाएंगे, लेकिन कोशिश यह की जाती है कि जो भी तैयार किया जा रहा है, वह पूरी तरह से शुद्ध व उच्च गुणवत्ता का और पूरी तरह से शरीर के लिए सुरक्षित हो.
बहुत लोगों से ली है प्रेरणाः अगर आप पूछेंगे कि मेरा रोल मॉडल कौन है तो नहीं बता पाऊंगी. क्योंकि, बचपन से ही पेरेंट्स ने बहुत सपोर्ट किया है. माता पिता भी रोल मॉडल की तरह हैं, लेकिन उनके अलावा भी बहुत से गुरु रहे हैं जिनसे बहुत सारी चीजें सीखीं इनके अलावा दोस्तों से भी बहुत कुछ सीखने को मिला. तापसी ने बताया कि वह देश भर में अलग-अलग जगह पर गई है और वहां भी जाकर उन्होंने काफी कुछ सीखा है जिसकी वजह से वह किसी एक को अपना रोल मॉडल नहीं कह सकतीं.
आईएएस बनने का ताप्सी का था सपनाः तापसी के पिता बलवीर सिंह बताते हैं कि मेरठ से वह पढ़ाई करने के लिए गई थी. वहां बीटेक में एडमिशन लिया था और साथ में उसने यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी. आईएएस अफसर बनने का बेटी का ख़्वाब था. वह बस यह जानती हैं कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. तापसी का कहना है कि भले ही बीटेक करके मैं एक अच्छी लाइफ जी लेती, लेकिन मेरी मंशा थी समाज सेवा करना और उसके लिए मैं UPSC की तैयारी कर रही थी.
सेवा करने के लिए चुन लिया रास्ताः वह कहती है कि भले ही उनका वह सपना पूरा ना हुआ हो, लेकिन उन्हें खुशी है कि वह लोगों के लिए हेल्दी प्रोडक्ट्स बनाकर उनकी सेवा कर रही हैं. क्योंकि सेवा तो इस तरह से भी की जा सकती है. तापसी ने बताया कि वर्तमान में वृंदावन, गुजरात के कच्छ और अहमदाबाद और भुज समेत दिल्ली के तिलकनगर, जनकपुरी, सागरपुर, नांगल कैंट, विकासपुरी, द्वारका, हरीनगर में, बिहार सीतामढ़ी, राजस्थान के जयपुर में पानीपूरी, दहीपूरी, पापड़ी चाट के अपने स्टॉल लग रहे हैं.
फ्रेंचाइजी लेकर काम करने के लिए आए कई आवेदनः ताप्सी बताती हैं कि फ्रेंचाइजी लेने वालों की बड़ी संख्या है. देशभर से दस हजार से ज्यादा अप्लीकेशन
पानीपूरी, दहीपूरी, पापड़ी चाट के स्टॉल के लिए उनके पास आए हैं, अब फ्रेंचाइजी नहीं देंगे बल्कि जगह जगह सीधे सीधे अपने ही आउटलेट्स खोलने की तैयारी है. आने वाले दिनों में अब बिना शुगर की मिठाईयों को बड़े पैमाने पर अपने शामिल किया जाएगा.
तापसी के पिता बलवीर सिंह बताते हैं कि परिवार में ताप्सी की दादी शीला देवी, मम्मी अनीता हैं. छोटी बहन एलिश कक्षा 12 में पढ़ती है जबकि छोटा भाई तुषार दिल्ली से पत्रकारिता एवं जनसंचार में पढ़ाई कर रहा है. तापसी घर की बड़ी बेटी है.