मेरठ: यूपी विधानसभा में सपा मुखिया अखिलेश यादव और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच हुई तीखी नोक झोंक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जनपद में गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उनका पुतला दहना किया. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि बीते दिन सदन में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के लिए अखिलेश यादव के द्वारा जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया गया, वो निंदनीय है. बीजेपी इसका विरोध करती है. इसके साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं ने केशव प्रसाद मौर्य को पिछड़े समाज का मसीहा बताया.
दरअसल, विधानसभा में बीते दिन चर्चा के दौरान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सैफई के विकास को लेकर अपनी बात कही थी, जिस पर अखिलेश यादव ने आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग कर उपमुख्यमंत्री पर पलटवार किया. इसके चलते भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष फैल गया और उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम केशव मौर्य बेहद ही सम्मानित हैं. उन पर चर्चा के दौरान जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया है, वो स्वीकार्य नहीं है.
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बीजेपी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के महानगर अध्यक्ष विनोद उपाध्याय ने कहा कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पिछड़े वर्ग के मसीहा हैं. उनको लेकर जो टिप्पणी अखिलेश यादव ने की है वो अमर्यादित है, उन्होंने कहा कि वे मांग करते हैं कि अखिलेश यादव समूचे पिछड़े समाज से माफी मांगें.
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के द्वारा विधानसभा में दिये गए बयान का असर गुरुवार को अमेठी के सड़कों पर दिखाई दिया. जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश मसाला ने पूर्व मुख्यमंत्री के व्यवहार को अमर्यादित और गैर जिम्मेदार बताया. इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ प्रदर्शन कर अखिलेश यादव का पुतला दहन किया और सपा नेता ने जिस तरह यूपी के उप मुख्यमंत्री के साथ अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया उससे प्रतीत होता है कि पूर्व में मिली हार से सपा नेताओं का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है.
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