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कोरोना वायरस का कहर: बासमती चावल का निर्यात अटका, बंदरगाह पर रूके ऑर्डर

कोरोना वायरस का असर बासमती चावल के निर्यात पर भी पड़ रहा है. यूपी के मेरठ में कोरोना वायरस की वजह से ईरान से मिलने वाले बासमती चावल के ऑर्डर इस समय बंद हैं.

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बासमती चावल का निर्यात
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Published : Mar 9, 2020, 3:51 PM IST

मेरठ: चीन से दुनिया में फैल रहे कोरोना वायरस का असर भारत के बासमती चावह निर्यात पर भी पड़ रहा है. सबसे अधिक बासमती का निर्यात ईरान में होता है. वहां भी कोरोना वायरस फैला हुआ है. ऐसे में ईरान से मिलने वाले ऑर्डर इस समय बंद हैं. बासमती चावल का जो निर्यात किया गया था, वह भी अभी बंदरगाह पर ही फंसा हुआ है.

कोरोना वायरस की वजह से अटका बासमती चावल का निर्यात.


बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रितेश शर्मा ने बताया कि जब से कोरोना वायरस सामने आया है, तब से बासमती निर्यात पर भी इसका असर दिख रहा है. पिछले साल बासमती चावल का निर्यात 44.15 लाख टन किया गया था, जिससे करीब 32,806 करोड़ रुपये प्राप्त किए गए थे. इस बार अभी तक 28.43 लाख टन ही बासमती चावल का निर्यात किया गया है. जिससे करीब 20,925 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे.

इसे पढ़ें - 'आया आया कोरोना होली'... 'बच के रहिया होली में'

ईरान को पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 में 14.84 लाख टन बासमती का निर्यात किया गया था. जिससे 10,700 करोड़ रुपये की आय हुई थी. वहीं इस बार वित्तीय वर्ष 2019-20 में दिसंबर 2019 तक केवल 7.8 लाख टन बासमती का निर्यात ही ईरान को हुआ है. जिससे करीब 5,800 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे.

कोरोना से हो सकता है नुकसान
डॉ. रितेश शर्मा ने बताया कि पिछले साल अधिक बासमती चावल का निर्यात हुआ था. इस बार डिमांड भी कम है, दूसरी ओर रही सही कसर कोरोना ने पूरी कर दी. कोरोना वायरस की वजह से ईरान में फिलहाल बासमती का निर्यात नहीं हो रहा है. बासमती चावल के जो भी ऑर्डर एक्सपोर्टर ने भेजा था, वह भी बंदरगाह पर अटका हुआ है. इससे उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना का असर कम होने पर ही निर्यात में इजाफा होने की संभावना है.

मेरठ: चीन से दुनिया में फैल रहे कोरोना वायरस का असर भारत के बासमती चावह निर्यात पर भी पड़ रहा है. सबसे अधिक बासमती का निर्यात ईरान में होता है. वहां भी कोरोना वायरस फैला हुआ है. ऐसे में ईरान से मिलने वाले ऑर्डर इस समय बंद हैं. बासमती चावल का जो निर्यात किया गया था, वह भी अभी बंदरगाह पर ही फंसा हुआ है.

कोरोना वायरस की वजह से अटका बासमती चावल का निर्यात.


बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रितेश शर्मा ने बताया कि जब से कोरोना वायरस सामने आया है, तब से बासमती निर्यात पर भी इसका असर दिख रहा है. पिछले साल बासमती चावल का निर्यात 44.15 लाख टन किया गया था, जिससे करीब 32,806 करोड़ रुपये प्राप्त किए गए थे. इस बार अभी तक 28.43 लाख टन ही बासमती चावल का निर्यात किया गया है. जिससे करीब 20,925 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे.

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ईरान को पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 में 14.84 लाख टन बासमती का निर्यात किया गया था. जिससे 10,700 करोड़ रुपये की आय हुई थी. वहीं इस बार वित्तीय वर्ष 2019-20 में दिसंबर 2019 तक केवल 7.8 लाख टन बासमती का निर्यात ही ईरान को हुआ है. जिससे करीब 5,800 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे.

कोरोना से हो सकता है नुकसान
डॉ. रितेश शर्मा ने बताया कि पिछले साल अधिक बासमती चावल का निर्यात हुआ था. इस बार डिमांड भी कम है, दूसरी ओर रही सही कसर कोरोना ने पूरी कर दी. कोरोना वायरस की वजह से ईरान में फिलहाल बासमती का निर्यात नहीं हो रहा है. बासमती चावल के जो भी ऑर्डर एक्सपोर्टर ने भेजा था, वह भी बंदरगाह पर अटका हुआ है. इससे उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना का असर कम होने पर ही निर्यात में इजाफा होने की संभावना है.

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