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Asian Games 2023 : कांस्य पदक विजेता किरण बलियान बोलीं- कड़ी मेहनत से मिला मुकाम, अब ओलंपिक पर नजर - शॉटपुट महिला वर्ग कीर्तिमान

चीन में आयोजित एशियन गेम्स (Asian Games 2023 ) में शॉटपुट में मेरठ की किरण बलियान ने कांस्क पदक हासिल किया. उनकी इस उपलब्धि पर परिवार के लोग काफी खुश हैं. उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

Asian Games 2023
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 8, 2023, 5:42 PM IST

मेडल जीतने के बाद घर पहुंचीं किरण बालियान.

मेरठ : चीन में हुए एशियन गेम्स के शॉटपुट में मेरठ की खिलाड़ी किरण बलियान ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया. अहम बात ये कि उन्होंने 72 साल बाद शॉटपुट महिला वर्ग में देश को मेडल दिलाया. उनकी इस कामयाबी पर परिवार के लोग बेहद खुश हैं. शहर से लेकर गांव तक जश्न का माहौल है. शहर में दाखिल होते ही खिलाड़ी का जोरदार स्वागत किया गया. उन्हें खुली कार में घुमाया गया. इस दौरान खिलाड़ी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने अपने कामयाबी के इस सफर के बारे में बताया.

किरण बालियान ने मेडल जीतकर कई साल का सूखा खत्म किया.
किरण बालियान ने मेडल जीतकर कई साल का सूखा खत्म किया.

शहर की सीमा पर जोरदार स्वागत : मुजफ्फरनगर के पुरबालियान की मूल निवासी किरण बलियान के पिता सतीश बालियान मेरठ पुलिस में इंस्पेक्टर हैं. परिवार काफी समय से मेरठ के एकता नगर में रह रहा है. एशियन गेम्स में शॉटपुट में कांस्य पदक जीतने पर परिवार खुशी से झूम उठा. दावा है कि देश को 72 साल पहले शॉटपुट में एशियन गेम्स में मेडल मिला था. इसके बाद लंबा सूखा चला आ रहा था. खिलाड़ी ने मेडल लाकर नया कीर्तिमान बना दिया. खिलाड़ी के पहुंचते ही शहर की सीमा पर परतापुर टोल प्लाजा के पास उनका स्वागत किया गया. इसके बाद खुली कार में काफिले के साथ किरण बालियान अपने घर पहुंचीं. यहां सैकड़ों लोगों ने उन्हें फूल-मालाओं से लाद दिया.

बेटी की उपलब्धि पर परिवार के लोगों ने खुशी जताई है.
बेटी की उपलब्धि पर परिवार के लोगों ने खुशी जताई है.

देश के लिए मेडल जीतने का था सपना : खेल कोटे से राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात किरण बालियान ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उन्होंने गोला फेंकना शुरू किया. धीरे-धीरे यह जुनून में बदलता चला गया. उसके बाद मन में ठाना कि मेहनत करनी है और देश के लिए मेडल लाना है. कड़ी मेहनत की. किरण कहती हैं कि वह सोचा करती थीं कि जो भी मेडल लाते हैं, उन्हें सभी लोग कैसे पूछते हैं, इसका जवाब अब उन्हें मिल गया. अब यह समझ में आया कि मेडल देश के लिए कितना मायने रखता है. वह कहती हैं कि अपने माता-पिता और गुरुजनों के आशीर्वाद से ही यह संभव हो पाया.

शहर की सीमा पर खिलाड़ी का जोरदार स्वागत किया गया.
शहर की सीमा पर खिलाड़ी का जोरदार स्वागत किया गया.

मुश्किलों से नहीं मानी हार : खेलते वक्त कोई तनाव था क्या, इस सवाल के जवाब में किरण कहती हैं कि पहले कुछ तनाव था, लेकिन जब उन्होंने कोशिश की, और अपना गेम खेला तो फिर हर मुश्किल आसान होती चली गई. किरण बालियान ने बताया कि मेरठ कॉलेज से पढ़ाई की है. एमए किया है. खेल कोटे से उन्हें राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर की नौकरी मिल गई. किरण ने बताया कि इंटरनेशनल में छह-सात टूर अब तक लग चुके हैं. अगले लक्ष्य पर अब उनकी निगाह है. ओलंपिक में भी मेडल लाने का उनका पूरा प्रयास रहेगा. परिवार और गुरजनों का साथ मिला, इसलिए उन्होंने हार नहीं मानी. गलतियों से सीखें और ज्यादा से ज्यादा मेहनत करें तो कामयाबी जरूर मिल जाती है.

परिवार में खुशी का माहौल है.
परिवार में खुशी का माहौल है.

साकार हो गया सौ के पार का नारा : किरण का कहना है कि अब केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार खिलाड़ियों का खूब सहयोग कर रही है. सुविधाएं पहले से बेहतर हुईं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खिलाड़ियों का जिस तरह से उत्साहवर्धन कर रहे हैं, उससे खिलाड़ियों में पदक लाले की लालसा और बढ़ गई है. सभी कड़ी मेहनत कर रहे हैं. जब हम एशियन गेम्स में चीन गए थे, तब यह नारा दिया गया था कि अबकी बार 100 के पार. इस बार खिलाड़ियों ने ऐसा करके दिखा भी दिया.

देश के लिए मेडल जीतने पर परिवार खुशी से झूम उठा.
देश के लिए मेडल जीतने पर परिवार खुशी से झूम उठा.

किरण अब पूरे देश की बेटी : किरण बालियान के पिता सतीश कहते हैं कि सरकार ने खिलाड़ियों के लिए काफी प्रयास किए हैं. खिलाड़ियों को नौकरी और पैसा भी दिया जा रहा है. इससे उनमें उत्साह रहता है. पीएम मोदी और सीएम योगी के प्रयासों का वह आभार जताते हैं. किरण अब केवल मेरी ही बेटी नहीं बल्कि पूरे देश की बेटी है. किरण के भाई देव बालियान ने बताया कि मैं और मां टीवी पर मैच देख रहे थे. जैसे ही कांस्य पदक कंफर्म हुआ, इसके बाद पता चला कि यह ऐतिहासिक पल है, तो दीदी के लिए काफी प्राउड फील हुआ.

अंतरराष्ट्रीय पुलिस गेम्स में भी बेहतर प्रदर्शन : किरण बालियान की मां बॉबी भी बेटी की उपलब्धि पर काफी खुश है. उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे. खिलाड़ी ने बताया कि मां हमेशा साए की तरह उनके साथ थीं. वह कोच की तरह उनका हौसला बढ़ाती रहीं. किरण ने अभी अगस्त माह में ही कनाडा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पुलिस गेम्स में शाटपुट में हिस्सा लेकर 18.13 मीटर की दूरी तय कर स्वर्ण पदक जीता था. इसके साथ ही वह प्रतियोगिता में नया मीट रिकार्ड बना चुकी हैं. इसी वर्ष चंडीगढ़ में आयोजित हुई इंडियन ग्रांड प्रिक्स में किरण इस सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 17.92 मीटर तक गोला फेंका था.

यह भी पढ़ें : Asian Games 2023 में स्वर्ण पदक जीतने वाले ये हैं 28 भारतीय एथलीट

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मेडल जीतने के बाद घर पहुंचीं किरण बालियान.

मेरठ : चीन में हुए एशियन गेम्स के शॉटपुट में मेरठ की खिलाड़ी किरण बलियान ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया. अहम बात ये कि उन्होंने 72 साल बाद शॉटपुट महिला वर्ग में देश को मेडल दिलाया. उनकी इस कामयाबी पर परिवार के लोग बेहद खुश हैं. शहर से लेकर गांव तक जश्न का माहौल है. शहर में दाखिल होते ही खिलाड़ी का जोरदार स्वागत किया गया. उन्हें खुली कार में घुमाया गया. इस दौरान खिलाड़ी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने अपने कामयाबी के इस सफर के बारे में बताया.

किरण बालियान ने मेडल जीतकर कई साल का सूखा खत्म किया.
किरण बालियान ने मेडल जीतकर कई साल का सूखा खत्म किया.

शहर की सीमा पर जोरदार स्वागत : मुजफ्फरनगर के पुरबालियान की मूल निवासी किरण बलियान के पिता सतीश बालियान मेरठ पुलिस में इंस्पेक्टर हैं. परिवार काफी समय से मेरठ के एकता नगर में रह रहा है. एशियन गेम्स में शॉटपुट में कांस्य पदक जीतने पर परिवार खुशी से झूम उठा. दावा है कि देश को 72 साल पहले शॉटपुट में एशियन गेम्स में मेडल मिला था. इसके बाद लंबा सूखा चला आ रहा था. खिलाड़ी ने मेडल लाकर नया कीर्तिमान बना दिया. खिलाड़ी के पहुंचते ही शहर की सीमा पर परतापुर टोल प्लाजा के पास उनका स्वागत किया गया. इसके बाद खुली कार में काफिले के साथ किरण बालियान अपने घर पहुंचीं. यहां सैकड़ों लोगों ने उन्हें फूल-मालाओं से लाद दिया.

बेटी की उपलब्धि पर परिवार के लोगों ने खुशी जताई है.
बेटी की उपलब्धि पर परिवार के लोगों ने खुशी जताई है.

देश के लिए मेडल जीतने का था सपना : खेल कोटे से राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात किरण बालियान ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उन्होंने गोला फेंकना शुरू किया. धीरे-धीरे यह जुनून में बदलता चला गया. उसके बाद मन में ठाना कि मेहनत करनी है और देश के लिए मेडल लाना है. कड़ी मेहनत की. किरण कहती हैं कि वह सोचा करती थीं कि जो भी मेडल लाते हैं, उन्हें सभी लोग कैसे पूछते हैं, इसका जवाब अब उन्हें मिल गया. अब यह समझ में आया कि मेडल देश के लिए कितना मायने रखता है. वह कहती हैं कि अपने माता-पिता और गुरुजनों के आशीर्वाद से ही यह संभव हो पाया.

शहर की सीमा पर खिलाड़ी का जोरदार स्वागत किया गया.
शहर की सीमा पर खिलाड़ी का जोरदार स्वागत किया गया.

मुश्किलों से नहीं मानी हार : खेलते वक्त कोई तनाव था क्या, इस सवाल के जवाब में किरण कहती हैं कि पहले कुछ तनाव था, लेकिन जब उन्होंने कोशिश की, और अपना गेम खेला तो फिर हर मुश्किल आसान होती चली गई. किरण बालियान ने बताया कि मेरठ कॉलेज से पढ़ाई की है. एमए किया है. खेल कोटे से उन्हें राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर की नौकरी मिल गई. किरण ने बताया कि इंटरनेशनल में छह-सात टूर अब तक लग चुके हैं. अगले लक्ष्य पर अब उनकी निगाह है. ओलंपिक में भी मेडल लाने का उनका पूरा प्रयास रहेगा. परिवार और गुरजनों का साथ मिला, इसलिए उन्होंने हार नहीं मानी. गलतियों से सीखें और ज्यादा से ज्यादा मेहनत करें तो कामयाबी जरूर मिल जाती है.

परिवार में खुशी का माहौल है.
परिवार में खुशी का माहौल है.

साकार हो गया सौ के पार का नारा : किरण का कहना है कि अब केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार खिलाड़ियों का खूब सहयोग कर रही है. सुविधाएं पहले से बेहतर हुईं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खिलाड़ियों का जिस तरह से उत्साहवर्धन कर रहे हैं, उससे खिलाड़ियों में पदक लाले की लालसा और बढ़ गई है. सभी कड़ी मेहनत कर रहे हैं. जब हम एशियन गेम्स में चीन गए थे, तब यह नारा दिया गया था कि अबकी बार 100 के पार. इस बार खिलाड़ियों ने ऐसा करके दिखा भी दिया.

देश के लिए मेडल जीतने पर परिवार खुशी से झूम उठा.
देश के लिए मेडल जीतने पर परिवार खुशी से झूम उठा.

किरण अब पूरे देश की बेटी : किरण बालियान के पिता सतीश कहते हैं कि सरकार ने खिलाड़ियों के लिए काफी प्रयास किए हैं. खिलाड़ियों को नौकरी और पैसा भी दिया जा रहा है. इससे उनमें उत्साह रहता है. पीएम मोदी और सीएम योगी के प्रयासों का वह आभार जताते हैं. किरण अब केवल मेरी ही बेटी नहीं बल्कि पूरे देश की बेटी है. किरण के भाई देव बालियान ने बताया कि मैं और मां टीवी पर मैच देख रहे थे. जैसे ही कांस्य पदक कंफर्म हुआ, इसके बाद पता चला कि यह ऐतिहासिक पल है, तो दीदी के लिए काफी प्राउड फील हुआ.

अंतरराष्ट्रीय पुलिस गेम्स में भी बेहतर प्रदर्शन : किरण बालियान की मां बॉबी भी बेटी की उपलब्धि पर काफी खुश है. उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे. खिलाड़ी ने बताया कि मां हमेशा साए की तरह उनके साथ थीं. वह कोच की तरह उनका हौसला बढ़ाती रहीं. किरण ने अभी अगस्त माह में ही कनाडा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पुलिस गेम्स में शाटपुट में हिस्सा लेकर 18.13 मीटर की दूरी तय कर स्वर्ण पदक जीता था. इसके साथ ही वह प्रतियोगिता में नया मीट रिकार्ड बना चुकी हैं. इसी वर्ष चंडीगढ़ में आयोजित हुई इंडियन ग्रांड प्रिक्स में किरण इस सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 17.92 मीटर तक गोला फेंका था.

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