मेरठ: मेरठ में एक बार फिर नगर आयुक्त का तानाशाह रवैया देखने को मिला. नगर आयुक्त केतानाशाहरवैएने नगर निगम के ही एक ठेकेदार को अस्पताल भेज दिया, जहां ठेकेदार जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है. वहीं गुस्साए भाजपा के पार्षदों ने नगर आयुक्त से आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है.
नगर निगम गौ संरक्षण केंद्र के ठेकेदार राकेश गौड़ का कहना है कि उन्होंने योगी जी के इस प्रोजेक्ट को मेरठ में शुरू किया था और जब उन्होंने मेरठ में गौ संरक्षण केंद्र खोला था तब कोई सुविधा नहीं थी. लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे गोवंश के लिए अच्छी व्यवस्था की और गौ संरक्षण केंद्र को सुचारूरूप से चलाया.लेकिन जब उन्होंने नगर निगम से अपने बिल के भुगतान की बात की तो नगर आयुक्त ने उनका बिल देने से इंकार कर दिया और उनकी जगह ठेका किसी और को दे दिया.
नगर आयुक्त के इस रवैये से परेशान राकेश गौ संरक्षण केंद्र छीन जाने का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके और उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई. उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर उनका इलाज चल रहा है. राकेश गौड़ का कहना है कि तबीयत ठीक होने के बाद वह लगातार नगर आयुक्त के खिलाफ आंदोलन और अनशन करेंगे.