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नगर आयुक्त की तानाशाही ने ठेकेदार को भेजा अस्पताल

नगर आयुक्त की लापरवाही की वजह से मेरठ स्मार्ट सिटी की दौड़ से बाहर निकला और फिर स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 की लिस्ट से भी पिछड़ गया, क्योंकि नगर आयुक्त लगातार सफाई कर्मचारियों का भी उत्पीड़न करते आ रहे हैं.

ठेकेदार को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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Published : Mar 12, 2019, 7:46 PM IST

मेरठ: मेरठ में एक बार फिर नगर आयुक्त का तानाशाह रवैया देखने को मिला. नगर आयुक्त केतानाशाहरवैएने नगर निगम के ही एक ठेकेदार को अस्पताल भेज दिया, जहां ठेकेदार जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है. वहीं गुस्साए भाजपा के पार्षदों ने नगर आयुक्त से आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है.

ठेकेदार को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

नगर निगम गौ संरक्षण केंद्र के ठेकेदार राकेश गौड़ का कहना है कि उन्होंने योगी जी के इस प्रोजेक्ट को मेरठ में शुरू किया था और जब उन्होंने मेरठ में गौ संरक्षण केंद्र खोला था तब कोई सुविधा नहीं थी. लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे गोवंश के लिए अच्छी व्यवस्था की और गौ संरक्षण केंद्र को सुचारूरूप से चलाया.लेकिन जब उन्होंने नगर निगम से अपने बिल के भुगतान की बात की तो नगर आयुक्त ने उनका बिल देने से इंकार कर दिया और उनकी जगह ठेका किसी और को दे दिया.

नगर आयुक्त के इस रवैये से परेशान राकेश गौ संरक्षण केंद्र छीन जाने का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके और उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई. उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर उनका इलाज चल रहा है. राकेश गौड़ का कहना है कि तबीयत ठीक होने के बाद वह लगातार नगर आयुक्त के खिलाफ आंदोलन और अनशन करेंगे.

मेरठ: मेरठ में एक बार फिर नगर आयुक्त का तानाशाह रवैया देखने को मिला. नगर आयुक्त केतानाशाहरवैएने नगर निगम के ही एक ठेकेदार को अस्पताल भेज दिया, जहां ठेकेदार जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है. वहीं गुस्साए भाजपा के पार्षदों ने नगर आयुक्त से आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है.

ठेकेदार को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

नगर निगम गौ संरक्षण केंद्र के ठेकेदार राकेश गौड़ का कहना है कि उन्होंने योगी जी के इस प्रोजेक्ट को मेरठ में शुरू किया था और जब उन्होंने मेरठ में गौ संरक्षण केंद्र खोला था तब कोई सुविधा नहीं थी. लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे गोवंश के लिए अच्छी व्यवस्था की और गौ संरक्षण केंद्र को सुचारूरूप से चलाया.लेकिन जब उन्होंने नगर निगम से अपने बिल के भुगतान की बात की तो नगर आयुक्त ने उनका बिल देने से इंकार कर दिया और उनकी जगह ठेका किसी और को दे दिया.

नगर आयुक्त के इस रवैये से परेशान राकेश गौ संरक्षण केंद्र छीन जाने का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके और उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई. उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर उनका इलाज चल रहा है. राकेश गौड़ का कहना है कि तबीयत ठीक होने के बाद वह लगातार नगर आयुक्त के खिलाफ आंदोलन और अनशन करेंगे.

Intro:मेरठ में एक बार फिर नगर आई उसका तानाशाह रवैया देखने को मिला। नगर आयुक्त की तानाशाही रवैया ने नगर निगम के ही एक ठेकेदार को अस्पताल भेज दिया जहां ठेकेदार जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है वहीं गुस्साए भाजपा के पार्षदों ने नगर आयुक्त से आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है।


Body:नगर निगम गौ संरक्षण केंद्र के ठेकेदार राकेश गौड़ का कहना है कि उन्होंने योगी जी के इस प्रोजेक्ट को मेरठ शुरू किया था और जब उन्होंने मेरठ में गौ संरक्षण केंद्र खोला था तब उनके कोई सुविधा नहीं थी। लेकिन उन्होंने धीरे-धीरे गोवंश के लिए अच्छी व्यवस्था की और गौ संरक्षण केंद्र को सुचारू रूप से चलाया। लेकिन जब उन्होंने नगर निगम से अपने बिल के भुगतान की बात की तो नगर आयुक्त ने उनका बिल देने से इंकार कर दिया और उनकी जगह ठेका किसी और को दे दिया जिसके सदमा बहुत सहन नहीं कर पाए और अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई जिससे बात उन्होंने एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर उनका इलाज चल रहा है राकेश कॉल भाजपा के पूर्व पार्षद प्रत्याशी रहे और आर एस एस के वरिष्ठ कार्यकर्ता भी रहे हैं जिस वजह से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेई मेरठ सांसद राजेंद्र अग्रवाल समेत कई नेताओं ने नगर आयुक्त को फोन कर भुगतान करने की बात भी कही लेकिन नगर आयुक्त के कान पर जूं तक नहीं रेंगी अब नगर निगम के भाजपा पार्षदों ने नगर आयुक्त के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ने का मूड बना लिया है वहीं राकेश कौल का कहना है कि अगर ठीक होकर हॉस्पिटल से जाते हैं तो वह लगातार नगर आयुक्त के खिलाफ आंदोलन करेंगे धरना करेंगे और अनशन भी करेंगे।

बता दें कि नगर आयुक्त के तानाशाह रवैया की वजह से मेरठ स्मार्ट सिटी की दौड़ दौड़ से बाहर निकला फिर स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 की लिस्ट से भी पिछड़ गया क्योंकि नगर आयुक्त लगातार सफाई कर्मचारियों का भी उत्पन्न करते आ रहे हैं जिसकी वजह से कहीं ना कहीं मेरठ की जनता को भी अब अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है भाई जब हम इस मामले में नगर आयुक्त से बात करने की कोशिश की कोशिश की तो उन्होंने ना तो फोन उठाया और ना ही वह अपने ऑफिस में मिले।

बाइट राकेश गौड़ पीड़ित ठेकेदार


पारस गोयल मेरठ
9412785769


Conclusion:
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