मेरठ: शहर की हवा लगातार प्रदूषित हो रही है. वायु प्रदूषण को कम करने के उपाय भी नाकाम साबित हो रहे हैं. शनिवार को मेरठ शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 367 रिकार्ड किया गया, जो अति संवेदनशील स्थिति है. प्रदूषण विभाग के आंकड़ों के अनुसार शनिवार को मेरठ शहर का प्रदूषण और दिल्ली का वायु प्रदूषण बराबर रहा. वहीं दूसरी ओर बिना अनुमित चल रही एक फैक्ट्री के खिलाफ क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने जुर्माना की कार्रवाई की.
फैक्ट्री पर 50 हजार का जुर्माना
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने सरधना थाना क्षेत्र में मेरठ रोड स्थित एक कपड़ों की रंगाई व धुलाई करने वाली फैक्ट्री पर छापेमारी की. यह फैक्ट्री बिना एनओसी के चल रही थी. प्रदूषण विभाग के अवर अभियंता एसपी सिंह ने बताया कि शनिवार को टीम ने बदरूदीनपुर गांव स्थित मैसर्स कृष्णा प्रोसेसिंग फैक्ट्री पर छापेमारी की. फैक्ट्री बिना एनओसी के चलते मिली, फैक्ट्री में ईटीपी प्लांट भी नहीं था. एसपी सिंह के मुताबिक टीम ने फैक्ट्री से पानी के नमूने लिए जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है. इसके अलावा फैक्ट्री पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया और फैक्ट्री बंदी के लिए बोर्ड मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी गई है.
सड़कों पर किया जा रहा पानी का छिड़काव
वायु प्रदूषण को बढ़ने से रोकने के लिए नगर निगम और जिला प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है. इसके लिए नगर निगम की टीम लगातार सड़कों पर पानी का छिड़काव कर रही है. लेकिन, ये नाकाफी साबित हो रहा है. जिन स्थानों पर निर्माण कार्य चल रहे हैं, वहां स्थिति अधिक खराब है. वायु प्रदूषण बढ़ने की वजह से सुबह के समय धुंध अधिक गहरी हो रही है. विशेषज्ञों की मानें तो फिलहाल सुबह के समय सैर पर निकले लोगों के लिए हवा ठीक नहीं है. ऐसे में सांस और एलर्जी के मरीजों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है.
हाइवे पर जल रहा कूड़ा
एक ओर जहां प्रदूषण विभाग वायु प्रदूषण को कम करने में जुटा है, वहीं दूसरी ओर हाइवे पर कई स्थानों पर सड़क के किनारे कूड़ा जलाया जा रहा है. शनिवार को मोदीपुरम से दौराला के बीच कई स्थानों पर कूड़ा जलता हुआ देखा गया, जिससे वायु प्रदूषण में इजाफा होगा. वायु प्रदूषण को कम करने के लिए पानी का छिड़काव शनिवार को भी किया गया. पल्लवपुरम, मोदीपुरम क्षेत्र में नगर निगम के अलावा हाइवे की टीम द्वारा मशीन से पानी का छिड़काव किया गया.
लोगों को जागरूक होने की जरूरत
बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए जहां विभागीय अधिकारी लगातार प्रयास कर रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण कम करने के लिए आम जनता को भी जागरूक होना होगा. सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. आरएस सेंगर का कहना है कि लोग जाने अनजाने में कूड़े को जला रहे हैं, जो ठीक नहीं है. ऐसे में लोगों को स्वयं जागरूक होकर कूड़ा जलने से रोकना होगा. पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए अधिक से अधिक पेड़ पौधे न केवल लगाने होंगे, बल्कि उनका संरक्षण भी करना होगा. घर की छत पर या बाहर आंगन में किचन गार्डन तैयार करने से कम से कम घर के अंदर की हवा को प्रदूषित होने से रोका जा सकता है.
ये हैं एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के मानक
- 0 से 50 तक अच्छा
- 51 से 100 संतोषजनक
- 101 से 200 मध्यम
- 201 से 300 खराब
- 301 से 400 बहुत खराब
- 401 से 500 गंभीर