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स्टार्टअप गेटवे फ्री सिटीज कार्यक्रम को लेकर आईआईटी व शहरी-आवास मंत्रालय में करार

कानपुर में स्टार्टअप गेटवे फ्री सिटीज कार्यक्रम को लेकर आईआईटी और शहरी-आवास मंत्रालय में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है.

कानपुर में स्टार्टअप गेटवे फ्री सिटीज
कानपुर में स्टार्टअप गेटवे फ्री सिटीज
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Published : Jan 16, 2023, 9:16 PM IST

कानपुर: आईआईटी कानपुर के टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर, स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआइसी) ने "स्टार्टअप गेटवे फ्री सिटीज कार्यक्रम" के तहत भागीदार बनने के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. इस कार्यक्रम के तहत, एमओएचयू 'स्वच्छता स्टार्टअप चैलेंज' के तहत 30 फाइनलिस्ट में से शीर्ष 10 स्टार्टअप को छोड़कर, पहले चरण में 20 स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए एक निगरानी एजेंसी के रूप में आईआईटी के विशेषज्ञ काम करेंगे. वेस्ट टू वेल्थ डोमेन में विश्व स्तर पर विकसित नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को जोड़ने के लिए आर्थिक सहायता भी देंगे.

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) और एसआइआइसी-आइआइटी (SIIC-IIT) कानपुर के बीच इस सहयोग के नजरिए से अपशिष्ट प्रबंधन दक्षता में सुधार, सामाजिक प्रभाव में वृद्धि और अपशिष्ट मूल्य श्रृंखला की पारदर्शिता में सुधार करके भारत की अपशिष्ट प्रबंधन चुनौतियों को हल करने के लिए प्रौद्योगिकी और सामाजिक नवाचार के गठजोड़ पर काम करने वाले 75 स्टार्टअप का समर्थन करना है.

इन 20 स्टार्टअप का हुआ है चयन
इकोरैप, इकोकारी, पैड केयर लैब्स, सेलिगो नैचुरल फाइबर्स, आर क्यूब रिसाइकलिंग, मडल आर्ट, मिनीमाइंस क्लिनटेक, एलोय ई-सेल, सिटीजेन टेक्नोलॉजी, नीलिका कम्प्लीट सोल्यूसंस, यूनिएको, अंगिरस, क्वालिटी डेकोर डिजाइंस 29, रिसर्कल, ट्रैशबैक इण्डिया, स्ट्राक्चर इको, एआरसी रोबोटिक्स, जीवोल बायोफ्यूल्स, स्पर्स अप इंडस्ट्रीज, वीवॉइस लैब्स शामिल हैं.

"हम इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के साथ साझेदारी करके प्रसन्न हैं. ये 20 स्टार्टअप इस साझेदारी के माध्यम से वेस्ट टू वेल्थ डोमेन में स्वदेशी तकनीकों का निर्माण करके प्रभावशाली व्यवसाय बनाएंगे.

यह भी पढ़ें- Vinay Pathak Case : सीबीआई की नजर उन पर जिन्हें पहुंचाया गया लाभ

कानपुर: आईआईटी कानपुर के टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर, स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआइसी) ने "स्टार्टअप गेटवे फ्री सिटीज कार्यक्रम" के तहत भागीदार बनने के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है. इस कार्यक्रम के तहत, एमओएचयू 'स्वच्छता स्टार्टअप चैलेंज' के तहत 30 फाइनलिस्ट में से शीर्ष 10 स्टार्टअप को छोड़कर, पहले चरण में 20 स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए एक निगरानी एजेंसी के रूप में आईआईटी के विशेषज्ञ काम करेंगे. वेस्ट टू वेल्थ डोमेन में विश्व स्तर पर विकसित नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को जोड़ने के लिए आर्थिक सहायता भी देंगे.

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) और एसआइआइसी-आइआइटी (SIIC-IIT) कानपुर के बीच इस सहयोग के नजरिए से अपशिष्ट प्रबंधन दक्षता में सुधार, सामाजिक प्रभाव में वृद्धि और अपशिष्ट मूल्य श्रृंखला की पारदर्शिता में सुधार करके भारत की अपशिष्ट प्रबंधन चुनौतियों को हल करने के लिए प्रौद्योगिकी और सामाजिक नवाचार के गठजोड़ पर काम करने वाले 75 स्टार्टअप का समर्थन करना है.

इन 20 स्टार्टअप का हुआ है चयन
इकोरैप, इकोकारी, पैड केयर लैब्स, सेलिगो नैचुरल फाइबर्स, आर क्यूब रिसाइकलिंग, मडल आर्ट, मिनीमाइंस क्लिनटेक, एलोय ई-सेल, सिटीजेन टेक्नोलॉजी, नीलिका कम्प्लीट सोल्यूसंस, यूनिएको, अंगिरस, क्वालिटी डेकोर डिजाइंस 29, रिसर्कल, ट्रैशबैक इण्डिया, स्ट्राक्चर इको, एआरसी रोबोटिक्स, जीवोल बायोफ्यूल्स, स्पर्स अप इंडस्ट्रीज, वीवॉइस लैब्स शामिल हैं.

"हम इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) के साथ साझेदारी करके प्रसन्न हैं. ये 20 स्टार्टअप इस साझेदारी के माध्यम से वेस्ट टू वेल्थ डोमेन में स्वदेशी तकनीकों का निर्माण करके प्रभावशाली व्यवसाय बनाएंगे.

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