मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के दिन काले झंडे दिखाने वाले छात्रों सहित माहौल खराब करने वाले छात्रों पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार को बड़ा एक्शन लिया. 4 छात्रों की विश्ववविद्यालय में एंट्री बैन कर दी गई है. जबकि, एक छात्र को निलंबित कर दिया गया है.
चौधरी चरण सिंह विश्ववविद्यालय में 15 दिसंबर को 34वें दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ था. इसमें गवर्नर और कुलाधिपति ने मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया था. इस कार्यक्रम की शुरुआत से ठीक पहले विश्ववविद्यालय में कुछ छात्रों ने काले झंडे लेकर यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन किया था. अब इस मामले में विश्ववविद्यालय ने इन छात्रों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए 4 स्टूडेंट्स के विश्ववविद्यालय में प्रवेश पर रोक लगा दी है. वहीं, एक छात्र को निलंबित कर दिया गया है. यह निर्णय विश्ववविद्यालय में प्रॉक्टोरियल बोर्ड की बैठक में लिया गया.
विश्ववविद्यालय की तरफ से जारी की गई विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी दी गई है कि विश्ववविद्यालय में प्रॉक्टोरियल बोर्ड की बैठक में यह बात निकलकर सामने आई कि छात्रों ने विवि का माहौल खराब कर अनुशासन बिगाड़ा है. इतना ही नहीं इसके साथ ही कुलाधिपति को काले झंडे दिखाकर अभद्रता करना अनुचित था. प्रोक्टोरियल बोर्ड की बैठक में यूनिवर्सिटी में मारपीट के एक मामले में बीए-एलएलबी चतुर्थ सेमेस्टर के छात्र शिवम चौधरी को आरोपी पाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसे निलंबित कर दिया है. शिवम से पूरे मामले में स्पष्टीकरण भी मांगा गया है. साथ ही एमबीए के पूर्व छात्र प्रवीण शर्मा और बिलाल गाजी सहित पत्रकारिता विभाग के भूतपूर्व छात्र अक्षय बैसला और शुभम बढ़ाना के कैंपस में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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बता दें कि अक्षय बैंसला ने 15 दिसंबर को सीसीएसयू में दीक्षांत समारोह के दिन राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के कार्यक्रम में काले झंडे दिखाए थे. एसपी सिटी के निर्देश पर तब आनन-फानन में पुलिस उसे पकड़ कर ले गई थी. विश्वविद्यालय प्रशासन ने निर्णय लिया है कि अब कैंपस में माहौल बिगाड़ने वालों को नहीं घूमने दिया जाएगा. इतना ही नहीं जो भी ऐसे छात्र या पूर्व छात्र होंगे उनकी सूची विश्ववविद्यालय प्रशासन की तरफ एसएसपी को सौंपी जाएगी. इस बारे में विश्ववविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर बीरपाल सिंह ने बताया कि जिन छात्रों का प्रवेश प्रतिबंधित है, उनकी सूची तैयार कर ली गई है. यह सूची एसएसपी को दी जाएगी. अगर ऐसा कोई भी पुरातन छात्र भविष्य में कैंपस में देखा गया तो पुलिस उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.