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छात्राओं के बिना ही खर्च दिए 26 लाख, कस्तूरबा विद्यालय की खुली पोल

मेरठ के 5 कस्तूरबा विद्यालयों में बिना छात्राओं की उपस्थिति के भोजन मेडिकल केयर और शिक्षण सामग्री के नाम पर 26 लाख का भुगतान किया गया. मामला उच्चाधिकारियों के पास पहुंचने पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जवाब तलब किया है.

छात्राओं के बिना ही खर्च दिए 26 लाख
छात्राओं के बिना ही खर्च दिए 26 लाख
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Published : May 31, 2021, 6:08 PM IST

मेरठ: कोरोना संक्रमण की वजह से उत्तर प्रदेश में मेरठ समेत 18 जिलों के सभी कस्तूरबा विद्यालय बंद चल रहे हैं. करीब 49 दिन छात्राएं विद्यालय में नहीं आई, बावजूद इसके मेरठ के कस्तूरबा विद्यालय में छात्राओं के नाम पर लाखों रुपये हड़पने का मामला सामने आया है. कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छात्राओं के खाने और मेंटिनेंस के नाम पर 26 लाख रुपये निकाले गए हैं, बल्कि पैसे शिक्षा विभाग के अधिकारियों और विद्यालय के वार्डन और प्रिंसिपल ने बंदरबांट कर लिया है. घोटाले का खुलासा हुआ तो शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. खुलासा होने के बाद विभागीय अधिकारी जहां मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं कागजी खानापूर्ति कर रहे हैं. हालांकि शिक्षा निदेशक ने बीएसए से घोटाले को लेकर जवाब तलब किया है.

छात्राओं के बिना ही खर्च दिए 26 लाख

जानिए कैसे हुआ घोटाला
आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर से पहले ही यूपी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों को बंद कर दिया गया था. सभी छात्राएं 49 दिनों के लिए अपने घर चली गई थी, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कस्तूरबा गांधी विद्यालय के चीफ वार्डन एवं प्रिंसिपल ने खर्च के नाम पर मोटी रकम सरकारी खाते से निकाल ली. जबकि विद्यालयों में 11 फरवरी 2021 से 31 मार्च 2021 तक 49 दिन छात्राओं की उपस्थिति सरकार के प्रेरणा पोर्टल पर शून्य दर्शा रही हैं. लेकिन भोजन, मेडिकल केयर, स्टेशनरी और शिक्षण सामग्री के नाम पर बैंक खातों से 26 लाख रुपये खर्च होना बता रहा है. बिना छात्राओं के खातों से धनराशि निकाले जाने पर प्रदेश के महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब तलब किया है. जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. शिक्षा अधिकारी कागजी खानापूर्ति कर अपनी कुर्सी बचाने की जुगत में जुट गए हैं.

कस्तूरबा विद्यालय में 26 लाख का घोटाला
जिले के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में छात्राओं के खाना, और अन्य जरूरतों के नाम पर 26 लाख रुपये निकाल लिए गए. हैरानी की बात तो ये है कि खातों से बड़ी रकम निकालने के बाद भी पोर्टल पर इसका ब्यौरा दर्ज नहीं है. जबकि 49 दिन तक छात्राओं की छुट्टी दिखाई गई हैं. जिसके बाद छात्राओं के नाम पर घोटाले का खुलासा हुआ है. खुलासे के बाद विभागीय अधिकारी खानापूर्ति करने में जुटे हुए हैं. सरकारी खातों से जहां 26 लाख रुपये निकले गए हैं, वहीं प्रेरणा पोर्टल पर छात्राओं की कोई उपस्थित दर्ज नहीं है. ऐसे में बड़ी रकम का निकालने पर विभागीय अधिकारियों पर सवाल खड़े होना लाजमी है.

इसे भी पढ़ें-यूपी के 18 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में 9 करोड़ का घोटाला

बीएसए की भी सुनिए
बीएसए सत्येंद्र कुमार का कहना है कि जिले में 5 कस्तूरबा गांधी विद्यालय हैं. 10 फरवरी को जब स्कूल खुले थे, तो उसी दौरान सभी विद्यालयों के वार्डन और अकॉउंटटेंट को सभी बच्चों और टीचर्स की उपस्थिति और भोजन, मेडिकल केयर और स्टेशनरी की मद में खर्च हुई धनराशि का ब्यौरा प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज कर दें. लेकिन उस वक्त तकनीकी खराबी के चलते पोर्टल पर उपस्थित दर्ज नहीं हो पाई. इस संबंध में वार्डन से स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं मामले के उजागर होने के बाद विद्यालयों में हुए कुल खर्चे के ब्यौरे को पोर्टल पर दर्ज कराने के प्रयास किये जा रहे हैं.

मेरठ: कोरोना संक्रमण की वजह से उत्तर प्रदेश में मेरठ समेत 18 जिलों के सभी कस्तूरबा विद्यालय बंद चल रहे हैं. करीब 49 दिन छात्राएं विद्यालय में नहीं आई, बावजूद इसके मेरठ के कस्तूरबा विद्यालय में छात्राओं के नाम पर लाखों रुपये हड़पने का मामला सामने आया है. कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छात्राओं के खाने और मेंटिनेंस के नाम पर 26 लाख रुपये निकाले गए हैं, बल्कि पैसे शिक्षा विभाग के अधिकारियों और विद्यालय के वार्डन और प्रिंसिपल ने बंदरबांट कर लिया है. घोटाले का खुलासा हुआ तो शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. खुलासा होने के बाद विभागीय अधिकारी जहां मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं कागजी खानापूर्ति कर रहे हैं. हालांकि शिक्षा निदेशक ने बीएसए से घोटाले को लेकर जवाब तलब किया है.

छात्राओं के बिना ही खर्च दिए 26 लाख

जानिए कैसे हुआ घोटाला
आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर से पहले ही यूपी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों को बंद कर दिया गया था. सभी छात्राएं 49 दिनों के लिए अपने घर चली गई थी, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कस्तूरबा गांधी विद्यालय के चीफ वार्डन एवं प्रिंसिपल ने खर्च के नाम पर मोटी रकम सरकारी खाते से निकाल ली. जबकि विद्यालयों में 11 फरवरी 2021 से 31 मार्च 2021 तक 49 दिन छात्राओं की उपस्थिति सरकार के प्रेरणा पोर्टल पर शून्य दर्शा रही हैं. लेकिन भोजन, मेडिकल केयर, स्टेशनरी और शिक्षण सामग्री के नाम पर बैंक खातों से 26 लाख रुपये खर्च होना बता रहा है. बिना छात्राओं के खातों से धनराशि निकाले जाने पर प्रदेश के महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब तलब किया है. जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. शिक्षा अधिकारी कागजी खानापूर्ति कर अपनी कुर्सी बचाने की जुगत में जुट गए हैं.

कस्तूरबा विद्यालय में 26 लाख का घोटाला
जिले के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में छात्राओं के खाना, और अन्य जरूरतों के नाम पर 26 लाख रुपये निकाल लिए गए. हैरानी की बात तो ये है कि खातों से बड़ी रकम निकालने के बाद भी पोर्टल पर इसका ब्यौरा दर्ज नहीं है. जबकि 49 दिन तक छात्राओं की छुट्टी दिखाई गई हैं. जिसके बाद छात्राओं के नाम पर घोटाले का खुलासा हुआ है. खुलासे के बाद विभागीय अधिकारी खानापूर्ति करने में जुटे हुए हैं. सरकारी खातों से जहां 26 लाख रुपये निकले गए हैं, वहीं प्रेरणा पोर्टल पर छात्राओं की कोई उपस्थित दर्ज नहीं है. ऐसे में बड़ी रकम का निकालने पर विभागीय अधिकारियों पर सवाल खड़े होना लाजमी है.

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बीएसए की भी सुनिए
बीएसए सत्येंद्र कुमार का कहना है कि जिले में 5 कस्तूरबा गांधी विद्यालय हैं. 10 फरवरी को जब स्कूल खुले थे, तो उसी दौरान सभी विद्यालयों के वार्डन और अकॉउंटटेंट को सभी बच्चों और टीचर्स की उपस्थिति और भोजन, मेडिकल केयर और स्टेशनरी की मद में खर्च हुई धनराशि का ब्यौरा प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज कर दें. लेकिन उस वक्त तकनीकी खराबी के चलते पोर्टल पर उपस्थित दर्ज नहीं हो पाई. इस संबंध में वार्डन से स्पष्टीकरण मांगा गया है. वहीं मामले के उजागर होने के बाद विद्यालयों में हुए कुल खर्चे के ब्यौरे को पोर्टल पर दर्ज कराने के प्रयास किये जा रहे हैं.

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