मेरठ: जिले में ब्लैक फंगज के मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. पिछले 24 घंटे में 14 नए मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई, जबकि दो मरीजों की मौत हो गई. जनपद में ब्लैक फंगस के मरीजों का आंकड़ा 66 पहुंच चुका है. वहीं 5 लोगों की मौत हो चुकी है.
24 घंटे में दो मरीजोंं की मौत
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस मरीजों की बढ़ती संख्या ने स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. मेरठ शहर के मेडिकल कॉलेज समेत विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कोविड मरीजों में इस जानलेवा बीमारी के लक्षण मिल रहे हैं. बुधवार को देर रात आई रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 14 नए मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई, जबकि दो मरीजों की जान चली गई.
स्वास्थ्य विभाग की आपात बैठक शुरू
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन का कहना है कि ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ आपात बैठक की जा रही है. मेडिकल कॉलेज से लेकर सभी अस्पतालों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. आनंद अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 13 तक पहुंच गई है. न्यूटीमा, होप, लोकप्रिय, केएमसी एवं कैलाशी समेत सभी कोविड अस्पतालों में मरीज मिल रहे हैं.
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जानिए कितना खतरनाक है ब्लैक फंगस
विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि ब्लैक फंगस खतरनाक बीमारी है. यह मरीज के नाक से होकर साइनस में संक्रमित होकर आखों, जबड़े एवं दिमाग को संक्रमित करती है. कोविड के चलते मरीजों में ब्लैक फंगस की पहचान नहीं हो पा रही है, जिससे ऐसे मरीजों की आंख और जबड़ा खराब हो रहा है. खास बात यह है कि ब्लैक फंगस के लक्षण पांंच दिनों में दिखते हैं. दस दिन में यह ब्रेन को डैमेज करते हैं, जिससे मरीजों की मौत हो रही है.