मेरठ: एक ओर जहां कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के बाद पूरी तरह छूट दे दी गई है. कक्षा 9 से सभी स्कूल कॉलेज रिओपन हो चुके हैं. वहीं ऑटो एवं ई-रिक्शा चालकों में संक्रमण मिलने से न सिर्फ स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. बल्कि जिला प्रशासन और अभिभावकों की भी बेचैनी बढ़ गई हैं. जिले में 12 चालकों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जबकि 500 चालकों में कोरोना के लक्षण मिले हैं. इतना ही नहीं जिले के तीन स्कूलो में कोरोना संक्रमण पहुंच गया है. जिससे एक स्कूली छात्रा को भी कोरोना संक्रमण ने अपनी चपेट में ले लिया है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी चालकों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर स्कूलों को 2 दिन के लिए सील कर दिया है.
शासन आदेश पर चल रहा विशेष टेस्टिंग अभियान
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजकुमार ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर 12 दिन तक टेस्टिंग अभियान चलाया गया है. अभियान के तहत विभिन्न ट्रेडर्स के हिसाब से टेस्टिंग कराई जा रही है. गुरुवार को ऑटो एवं ई रिक्शा चालकों का कोरोना टेस्ट किया गया था. 2204 चालकों की जांच की गई थी, जिनमें से 12 चालकों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जबकि 500 लोगों में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं. शुक्रवार को महानगर के ब्यूटीपार्लर पर काम कर रही महिलाओं एवं कर्मचारियों की जांच कराई है. इसी तरह मिठाइयों की दुकानों पर काम कर रहे लोगों का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा.
बिना मास्क सवारियां ढो रहे रिक्शा चालक
सीएमओ डॉ. राजकुमार के मुताबिक ऑटो एवं ई रिक्शा चालक बिना मास्क के ही सवारियां ढो रहे हैं. बिना मास्क रिक्शा चलाने से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने रिक्शा चालकों का कोरोना टेस्ट कराया है, जबकि जिला प्रशासन ने चेकिंग अभियान चलाकर मास्क लगाने के निर्देश दिए हैं. बिना मास्क मिलने पर जुर्माना वसूला जा रहा है. 12 दिन के अभियान के बाद रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन को भेजी जाएगी.
स्कूल स्टाफ एवं छात्र-छात्रा के संक्रमण मिलने पर स्कूल सील
स्कूल कॉलेज खुलने पर जिले के तीन स्कूलों के कोरोना संक्रमण ने दस्तक दे दी है. स्टाफ और एक छात्रा कोरोना की चपेट में आई हुई है. इस पर उन्होंने बताया कि स्कूल कॉलेज में कोरोना लक्षण मिलने पर 2 दिन के लिए सील कर सैनिटाइजर का छिड़काव कराया जा रहा है. स्कूल स्टाफ और छात्र-छात्रा के पॉजिटिव मिलने पर उन्हें कोविड स्पेशल वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.
अभिभावकों की बढ़ी चिंता
आपको बता दें कि पूरी तरह अनलॉक होने बाद स्कूल कॉलेज खोल दिए गए हैं. स्कूलो में जाने के लिए ऑटो और ई रिक्शा का सहारा लेना पड़ रहा है. रिक्शा चालकों में कोरोना संक्रमण मिलने से अभिभावकों की चिंता बढ़ने लगी है. रिक्शा में सोशल डिस्टेंस का पालन करना तो दूर मॉस्क लगाना भी जरूरी नहीं समझते. सैनिटाइजर का छिड़काव और हैंड वाश करने की भी कोई व्यवस्था नहीं है. त्योहारी सीजन की वजह से बाजारों में भीड़ भी उमड़ने लगी है.