मऊ: कोरोना काल में कमजोर वर्ग के लोगों की आर्थिक स्थिति पर सीधे असर पड़ा है. ऐसे में जनवरी 2017 में शुरू की गयी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य गर्भवती और गर्भस्थ शिशु को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व उपलब्ध कराना है. योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली गर्भवती के खाते में तीन किस्तों में 5000 रुपये दिए जाते हैं. इससे वह गर्भावस्था में पर्याप्त पोषक आहार ले सकें.
लोगों की आय पर पड़ा था असर
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीशचंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत पहली बार गर्भवती हुई महिला को तीन किश्तों में 5000 रुपये उनके बैंक खाते में दिए जाते हैं. कोरोना काल में लोगों की आय पर असर पड़ा है और अन्य प्रांतों से मजदूरों ने घर वापसी की है. इस योजना का शत प्रतिशत लाभ गर्भवती को दिलाने के लिए सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित किया जाता है.
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2017 में हुआ था शुभारंभ
गर्भवती और धात्री महिलाओं के सही खान-पान व पोषण की स्थिति में सुधार लाना इस योजना का उद्देश्य है. इस योजना के जिला नोडल अधिकारी डॉ पीके राय ने बताया कि केंद्र सरकार ने जनवरी 2017 में इस योजना का शुभारंभ किया था. विभाग का पूरा प्रयास रहता है कि इस योजना का लाभ शत प्रतिशत पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे. प्रत्येक माह लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत लाभ दिलाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. 28 फरवरी 2021 तक 48,863 लाभार्थियों के सापेक्ष 47,520 पात्र लाभार्थियों को लाभ देने के लिए पंजीकरण किया जा चुका है.
यह कहते हैं लाभार्थी
कोपागंज ब्लॉक की लाभार्थी शिखा तिवारी ने बताया कि योजना की धनराशि उनके बैंक खाते में आई है. इससे उनको बहुत फायदा हुआ है. नगर स्थित रम्भा ने बताया कि उनके पति दिहाड़ी मजदूरी करते हैं. उनकी कमाई से बड़ी मुश्किल से गुजरा हो पाता है. सरकार की ओर से उन्हें सहायता मिलने से गर्भावस्था के दौरान बहुत फायदा हुआ. वहीं अफसा कौसर ने बताया कि पति पावरलूम में मजदूर हैं. जितना कमाते हैं वह परिवार में ही खर्च हो जाता है. इस योजना से मिले पैसे से गर्भावस्था के समय खाने वाली पोषण की चीजें उनको समय पर मिलती रहीं.
तीन किस्तों में मिलते हैं 5 हजार रुपये
योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक विवेक कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पोषण के लिए 5000 रुपये का लाभ तीन किश्तों में दिया जाता है. पंजीकरण कराने के साथ गर्भवती को पहली किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं. प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं. तीन किस्तों में 5000 रुपये की धनराशि खाते में डीबीटी के माध्यम से दी जाती है. इसके साथ ही पीएमएमवीवाई के हेल्प लाइन नम्बर 7998799804 को भी जारी किया जा चुका है. कोई भी लाभार्थी इस हेल्पलाइन नम्बर पर फोन कर योजना से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकता है. साथ ही लाभार्थियों को किसी तरह की समस्या आये तो मोबाइल नम्बर 9918004222 पर सम्पर्क कर सकते हैं.
ऐसे मिलेगा योजना का लाभ
सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत प्रभारी चिकित्साधिकारी की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम, बीसीपीएम/बीपीएम के माध्यम से फार्म भरा जाता है. लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड, गर्भवती महिला और उसके पति का आधार कार्ड और लाभार्थी के खाते की पासबुक की फोटो कॉपी फार्म भरते समय जमा करनी होती है.
फोन पर कोई भी लाभार्थी न बताये खाता संख्या और ओटीपी
फोन पर यदि कोई व्यक्ति किसी तरह की खाते की डिटेल या वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) मांगे तो कोई भी लाभार्थी न दें. पीएमएमवीवाई योजना से जुड़े किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा फोन पर खाता या ओटीपी सम्बन्धी कोई जानकारी नही मांगी जाती है.