मऊ: नगर क्षेत्र के नवापुरा मोहल्ला निवासी बुनकर के बेटे का इंडियन नेवी में सब लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हुआ है. पिता ने बचपन से ही बेटे को देशभक्ति का पाठ पढ़ाकर देश सेवा के लिए प्रेरित किया था. बेटे की सफलता की खबर मिलने पर परिजनों ने मिठाई खिलाकर बधाई दी है और उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है.
शहर के नवापुरा पूरब मोहल्ले के रहने वाले इम्तियाज अहमद के बेटे शाह फहद इंडियन नेवी में सब लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात हुए हैं. इसको लेकर परिवार वालों में खुशी का माहौल है. इम्तियाज अहमद एक बुनकर हैं, जिन्होंने आर्थिक मंदी में अपने बच्चे को बड़ी मुश्किल से पढ़ाया है. कक्षा एक से पांच तक शाह फहद ने प्राथमिक विद्यालय से पढ़ाई की थी. फिलहाल बुनकर के बेटे सब लेफ्टिनेंट बन कर पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया.
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इम्तियाज अहमद ने बेटे की सफलता को लेकर बताया कि कारगिल लड़ाई के दौरान से उनका सपना था कि बेटा आर्मी में जाकर देश सेवा करे. मुझे आज गर्व है कि उनका बेटा देश सेवा करेगा. उन्होंने बताय कि बेटे को शिक्षा के लिए आर्मी स्कूल रीवा में भर्ती कराया. जहां 12वीं पास करने के बाद एनडीए पास करने के बाद उसको केरल के अजरीमाला में पोस्टिंग मिली है. उन्होंने बताया कि बड़ी परेशानी से पढ़ाई का खर्च उठाया है. लेकिन, बेटे ने सफलता हासिल कर परिवार के साथ जिले का मान बढ़ाया है.
शाह फहद ने अपनी सफलता को लेकर बताया कि 26 नवंबर 2022 को इंडियन नेवल एकेडमी से वह सब लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात हुए हैं. उनकी सफलता का श्रेय पिता को जाता है. पूरे परिवार ने आर्थिक-मानसिक हर तरह से उनका सपोर्ट किया. पिता का सपना था कि वह आर्मी ज्वाइन कर देश सेवा करें, जिसे उन्होंने पूरा किया है. शुरुआती शिक्षा के बारे में उन्होंने बताया कि प्राइमरी की शिक्षा उन्होंने मऊ से ही ली है. इसके बार रीवा आर्मी से 6 से 12वीं तक पढ़ाई की. युवाओं को सफलता को लेकर उन्होंने कहा कि मेहनत और लगन के बिना कुछ भी हासिल नहीं हो सकता है.
पिता का सपना था बचपन से ही देश की सेवा करने के लिए लेकिन परिवारिक कारणों से पिता असफल होने के बाद अपने बेटे को देशभक्ति के पाठ के साथ उसकी शिक्षा-दीक्षा प्राथमिक विद्यालय से शुरू कर सैनिक स्कूल में भर्ती करवाया। वैसे तो पूरा परिवार साड़ी बुनने का काम करता है। पिता को सबसे छोटे बेटे से उम्मीद थी गोवा सैनिक बने और भारत माता की सेवा करें जिसे बेटे ने चरितार्थ करते हुए अपने पिता का मान सम्मान का लाज रखा. पिता इम्तियाज अहमद आज भी परिवार के अन्य बेटों के साथ बुनकारी का काम बखूबी निभाते हैं.
आर्थिक तंगी के बावजूद भी बेटे को उच्च शिक्षा देकर भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट पद पर चयन हुआ। बेटा शाह फहद बताते हैं कि प्राथमिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय मऊ से शुरुआत कर कक्षा 6 से कक्षा 12 तक सैनिक स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के बाद एनडीए में सिलेक्शन हो गया और मेरे पिता के इच्छा थी कि मैं देश की सेवा के लिए सैनिक बनो जो आज मैंने पूर्ण किया। कोशिश एवं परिश्रम करने वालों की कभी हार नहीं होती उत्पत्ति हरिवंश राय द्वारा लिखा गया है उसे अनुसरण कर हम भी आगे बढ़े हैं. उसके इस कामयाबी से पूरे जनपद के साथ प्रदेश का भी नाम रोशन हुआ.
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