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मऊ के इन गांवों में नहीं पहुंचती एंबुलेंस, टूट जाती हैं शादियां

मऊ में बुधवार को ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने डीएम की ज्ञापन सौंपा. उनका कहना था कि सड़क न होने की वजह से उनके गांव में एंबुलेंस तक नहीं पहुंचती और कई बार शादियां तक टूट चुकी हैं.

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सड़क के लिए ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन.
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Published : Nov 4, 2020, 3:17 PM IST

मऊ: जिले में विकास के खोखले दावों की चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां आज भी 200 घरों को आने-जाने के लिए पगडंडी का सहारा लेना पड़ता है. इतना ही नहीं रास्ता न होने की वजह से लड़के-लड़कियों की शादियां तक कट जा रही हैं. वहीं आज जनपद के सदर तहसील के ग्राम पंचायत दिलसादपुर और जमालपुर के ग्रामीणों ने रास्ते की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने डीएम को ज्ञापन देकर जल्द से जल्द रास्ता बनाने की मांग की. ग्रामीणों ने कहा कि चकबंदी के पहले से गांव वाले रास्ते के लिए परेशान हैं, लेकिन कोई सुन नहीं रहा.

कई बार कट चुकी हैं शादियां
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण चन्द्रशेखर ने बताया कि 200 घरों के निकासी के लिए रास्ता नहीं है. रास्ते के लिए अधिकारियों के चक्कर लगाते रहते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है. हालत यह है कि गांव का कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो एम्बुलेंस आने का रास्ता नहीं है. पगडंडी और खेत के किनारे से गांव वालों का आना-जाना होता है. इतना ही नहीं गांव के किसी लड़के की शादी फसल कटने पर ही होती है. शादी का दिन रखते समय गेहूं-धान की कटाई को देखकर रखा जाता है. इसके चलते कई शादियां रुक जाती हैं तो कई की शादी टूट जाती है.

मऊ: जिले में विकास के खोखले दावों की चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां आज भी 200 घरों को आने-जाने के लिए पगडंडी का सहारा लेना पड़ता है. इतना ही नहीं रास्ता न होने की वजह से लड़के-लड़कियों की शादियां तक कट जा रही हैं. वहीं आज जनपद के सदर तहसील के ग्राम पंचायत दिलसादपुर और जमालपुर के ग्रामीणों ने रास्ते की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर जमकर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने डीएम को ज्ञापन देकर जल्द से जल्द रास्ता बनाने की मांग की. ग्रामीणों ने कहा कि चकबंदी के पहले से गांव वाले रास्ते के लिए परेशान हैं, लेकिन कोई सुन नहीं रहा.

कई बार कट चुकी हैं शादियां
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण चन्द्रशेखर ने बताया कि 200 घरों के निकासी के लिए रास्ता नहीं है. रास्ते के लिए अधिकारियों के चक्कर लगाते रहते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है. हालत यह है कि गांव का कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो एम्बुलेंस आने का रास्ता नहीं है. पगडंडी और खेत के किनारे से गांव वालों का आना-जाना होता है. इतना ही नहीं गांव के किसी लड़के की शादी फसल कटने पर ही होती है. शादी का दिन रखते समय गेहूं-धान की कटाई को देखकर रखा जाता है. इसके चलते कई शादियां रुक जाती हैं तो कई की शादी टूट जाती है.

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