मऊ : आजादी के बाद से अब तक गांव में विकास ना होने के कारण आक्रोशित ग्रामीणों ने पूरे गांव में 'रोड नहीं तो वोट नहीं और' वोट फॉर नोटा' के पोस्टर और बैनर से अपना आक्रोश व्यक्त किया. पूरा मामला परदहा ब्लॉक के सनेगपुर गांव का है. रविवार को दोपहर में ग्रामीण इकट्ठा होकर बैनर और स्लोगन लगा कर पूरे गांव में घूमें और जमकर नारेबाजी की. उन्होंने चेतावनी दे डाली कि मतदान के दिन हर घर से एक ताला चुनाव को बंद कराने के लिए पोलिंग बूथ पर जाएगा. वहीं, जिलाधिकारी ने बताया कि मामला सुलझा लिया गया है.
ग्रामीणों ने कहा कि आजादी के बाद भी गुलामी की जंजीरों में अभी हम ग्रामवासी जकड़े हुए हैं. विकास का एक भी काम इस गांव में नहीं हुआ है. गांव अंधेरे में है. भटक रहा है. मुख्य समस्या गांव के रास्ते का है. सड़क न बनने से पूरा गांव आक्रोशित है, जिसका नमूना हर घर के बाहर 'रोड नहीं तो वोट नहीं' या 'वोट फॉर नोटा' के पोस्टर से साफ दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगे नहीं पूरी हुई तो वह मतदान का बहिष्कार करेंगे.
क्या है लोगों की समस्या
रामधन राजभर ने बताया कि अपनी मांगों को कई बार जिला प्रशासन और राजनेताओं को बताया गया लेकिन राजनेता हर पांच साल में चुनाव के समय आते हैं और चुनाव जीत कर चले जाने के बाद वादा भूल जाते हैं. वहीं जिला प्रशासन भी आश्वासन देकर बात को टाल देता है. इस बार पूरा गांव एकजुट और एकमत है कि हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो पोलिंग के दिन हर घर से एक ताला पोलिंग बूथ में जाएगा और मतदान नहीं करने दिया जाएगा और ना ही वोट दिया जाएगा.
गांव के वृद्ध धीरज राजभर ने बताया 1952 से वोट दे रहे हैं लेकिन हमारा कोई विकास नहीं हुआ. इस बार हम लोगों ने मन बना लिए हैं कि पूरे गांव के लोग पोलिंग बूथों पर ताला लगाएंगे. वहीं, इस संबंध में जिला अधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि मामला प्रकाश में आया था. अब सुलझा लिया गया है और गांव वाले मतदान करने के लिए राजी हो गए हैं.