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मऊ : ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का किया बहिष्कार, बोले-रोड नहीं तो वोट नहीं - voting

मऊ के परदहा ब्लॉक के सनेगपुर गांव के लोगों ने गांव में विकास न होने पर रविवार को इकट्ठा होकर 'रोड नहीं तो वोट नहीं' के नारे लगाए. उनका कहना है कि विकास का एक भी काम इस गांव में नहीं हुआ है. यदि उनकी मांगे नहीं पूरी हुई तो वह मतदान का बहिष्कार करेंगे.

लोगों ने लोकसभा चुनाव का किया बहिष्कार
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Published : Apr 7, 2019, 8:51 PM IST

मऊ : आजादी के बाद से अब तक गांव में विकास ना होने के कारण आक्रोशित ग्रामीणों ने पूरे गांव में 'रोड नहीं तो वोट नहीं और' वोट फॉर नोटा' के पोस्टर और बैनर से अपना आक्रोश व्यक्त किया. पूरा मामला परदहा ब्लॉक के सनेगपुर गांव का है. रविवार को दोपहर में ग्रामीण इकट्ठा होकर बैनर और स्लोगन लगा कर पूरे गांव में घूमें और जमकर नारेबाजी की. उन्होंने चेतावनी दे डाली कि मतदान के दिन हर घर से एक ताला चुनाव को बंद कराने के लिए पोलिंग बूथ पर जाएगा. वहीं, जिलाधिकारी ने बताया कि मामला सुलझा लिया गया है.

ग्रामीणों ने कहा कि आजादी के बाद भी गुलामी की जंजीरों में अभी हम ग्रामवासी जकड़े हुए हैं. विकास का एक भी काम इस गांव में नहीं हुआ है. गांव अंधेरे में है. भटक रहा है. मुख्य समस्या गांव के रास्ते का है. सड़क न बनने से पूरा गांव आक्रोशित है, जिसका नमूना हर घर के बाहर 'रोड नहीं तो वोट नहीं' या 'वोट फॉर नोटा' के पोस्टर से साफ दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगे नहीं पूरी हुई तो वह मतदान का बहिष्कार करेंगे.

मऊ के इस गांव में लोगों ने लोकसभा चुनाव का किया बहिष्कार, देखें वीडियो

क्या है लोगों की समस्या

रामधन राजभर ने बताया कि अपनी मांगों को कई बार जिला प्रशासन और राजनेताओं को बताया गया लेकिन राजनेता हर पांच साल में चुनाव के समय आते हैं और चुनाव जीत कर चले जाने के बाद वादा भूल जाते हैं. वहीं जिला प्रशासन भी आश्वासन देकर बात को टाल देता है. इस बार पूरा गांव एकजुट और एकमत है कि हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो पोलिंग के दिन हर घर से एक ताला पोलिंग बूथ में जाएगा और मतदान नहीं करने दिया जाएगा और ना ही वोट दिया जाएगा.

गांव के वृद्ध धीरज राजभर ने बताया 1952 से वोट दे रहे हैं लेकिन हमारा कोई विकास नहीं हुआ. इस बार हम लोगों ने मन बना लिए हैं कि पूरे गांव के लोग पोलिंग बूथों पर ताला लगाएंगे. वहीं, इस संबंध में जिला अधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि मामला प्रकाश में आया था. अब सुलझा लिया गया है और गांव वाले मतदान करने के लिए राजी हो गए हैं.

मऊ : आजादी के बाद से अब तक गांव में विकास ना होने के कारण आक्रोशित ग्रामीणों ने पूरे गांव में 'रोड नहीं तो वोट नहीं और' वोट फॉर नोटा' के पोस्टर और बैनर से अपना आक्रोश व्यक्त किया. पूरा मामला परदहा ब्लॉक के सनेगपुर गांव का है. रविवार को दोपहर में ग्रामीण इकट्ठा होकर बैनर और स्लोगन लगा कर पूरे गांव में घूमें और जमकर नारेबाजी की. उन्होंने चेतावनी दे डाली कि मतदान के दिन हर घर से एक ताला चुनाव को बंद कराने के लिए पोलिंग बूथ पर जाएगा. वहीं, जिलाधिकारी ने बताया कि मामला सुलझा लिया गया है.

ग्रामीणों ने कहा कि आजादी के बाद भी गुलामी की जंजीरों में अभी हम ग्रामवासी जकड़े हुए हैं. विकास का एक भी काम इस गांव में नहीं हुआ है. गांव अंधेरे में है. भटक रहा है. मुख्य समस्या गांव के रास्ते का है. सड़क न बनने से पूरा गांव आक्रोशित है, जिसका नमूना हर घर के बाहर 'रोड नहीं तो वोट नहीं' या 'वोट फॉर नोटा' के पोस्टर से साफ दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगे नहीं पूरी हुई तो वह मतदान का बहिष्कार करेंगे.

मऊ के इस गांव में लोगों ने लोकसभा चुनाव का किया बहिष्कार, देखें वीडियो

क्या है लोगों की समस्या

रामधन राजभर ने बताया कि अपनी मांगों को कई बार जिला प्रशासन और राजनेताओं को बताया गया लेकिन राजनेता हर पांच साल में चुनाव के समय आते हैं और चुनाव जीत कर चले जाने के बाद वादा भूल जाते हैं. वहीं जिला प्रशासन भी आश्वासन देकर बात को टाल देता है. इस बार पूरा गांव एकजुट और एकमत है कि हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो पोलिंग के दिन हर घर से एक ताला पोलिंग बूथ में जाएगा और मतदान नहीं करने दिया जाएगा और ना ही वोट दिया जाएगा.

गांव के वृद्ध धीरज राजभर ने बताया 1952 से वोट दे रहे हैं लेकिन हमारा कोई विकास नहीं हुआ. इस बार हम लोगों ने मन बना लिए हैं कि पूरे गांव के लोग पोलिंग बूथों पर ताला लगाएंगे. वहीं, इस संबंध में जिला अधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि मामला प्रकाश में आया था. अब सुलझा लिया गया है और गांव वाले मतदान करने के लिए राजी हो गए हैं.

Intro:मऊ - आजादी के बाद से अब तक गांव में विकास ना होने के कारण आक्रोशित ग्रामीणों ने पूरे गांव में पोस्टर और बैनर से संदेश व स्लोगन के माध्यम से अपना आक्रोश व्यक्त किया कि 'रोड नहीं तो वोट नहीं ' साथ ही ' वोट फॉर नोटा '। पूरा मामला परदहा ब्लॉक के सनेगपुर गांव का है । रविवार को दोपहर में ग्रामीण इक्कठा हो कर बैनर और स्लोगन लगा कर गांव घुमा व आक्रोशित नारे लगाया, साथ ही चेतावनी दे डाला कि मतदान के दिन हर घर से एक ताला पोलिंग बूथ पर जाएगा लगाने व चुनाव को बंद करने के लिए । जिलाधिकारी ने बताया कि मामला सुलझा लिया गया है।


Body:आजादी के बाद भी गुलामी की जंजीरों में अभी हम ग्रामवासी जकड़े हुए हैं विकास का एक भी काम इस गांव में नहीं हुआ है । गांव अंधेरे में है भटक रहा है, मुख्य समस्या गांव के रास्ते का है जो विकास की कड़ी में जोड़ता है। पूरा गांव आक्रोशित है जिस का नमूना हर घर के बाहर रोड नहीं तो वोट नहीं या वोट फॉर नोटा का पोस्टर चस्पा है इससे यह दर्शाता है इस चुनाव में आक्रोशित ग्रामीण की मांगे नहीं पूरी हुई तो मतदान का बहिष्कार करेंगे। रामधन राजभर ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर कई बार जिला प्रशासन वह राजनेताओं से बताया गया है लेकिन राजनेता हर 5 साल में चुनाव के समय आते हैं और चुनाव जीत कर चले जाने के बाद वादा भूल जाते हैं वहीं जिला प्रशासन भी आश्वासन देकर बात को टाल देता है। इस बार पूरा गांव एकजुट एकमत है की हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो पोलिंग के दिन हर घर से एक ताला पोलिंग बूथ में जाएगा और पुलिंग नहीं करने दिया जाएगा ना ही वोट दिया जाएगा। गांव के वृद्ध धीरज राजभर ने बताया 1952 से वोट दे रहे हैं लेकिन हमारा कोई विकास नहीं हुआ ना ही हमारे गांव का कोई विकास हुआ इस बार हम लोग मन बना लिए हैं कि पूरे गांव के लोग पोलिंग बूथों पर ताला लगाएंगे। वह इस संबंध में जिला अधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि मामला प्रकाश में आया था सुलझा लिया गया है और राज़ी भी होगये है मतदान करने के लिए।


Conclusion:हर बार की तरह इस बार भी जिला प्रशासन ने आश्वासन देकर हमें बयान दे दिया कि मामला सुलझा लिया गया है लेकिन आक्रोशित ग्रामीण इनके इस आश्वासन पर सहमति नहीं जता रहे हैं अब देखना होगा 19 मई के पहले इनकी मांग पूरी होती है या नहीं।

बाइट - राम ध्यान राजभर- ग्रामीण
बाइट 2 - धीरज राजभर - ग्रामीण
बाइट- ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी -जिलाधिकारी मऊ

वेद मिश्र
मऊ
9415219385
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