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मऊ: प्रधानों को सुरक्षा के लिए चाहिए शस्त्र लाइसेंस, डीएम से उठाई मांग

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में ग्राम प्रधानों के संगठन ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. इसके माध्यम से ग्राम प्रधानों ने अपनी विभिन्न मांगों को सामने रखा. साथ ही उन्होंने प्रधानों को शस्त्र लाइसेंस दिए जाने की भी मांग की.

मऊ
जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
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Published : Jun 22, 2020, 7:02 PM IST

मऊ: कलेक्ट्रेट में सोमवार को राष्ट्रीय पंचायतरीज ग्राम प्रधान संगठन के द्वारा जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया. इसके माध्यम से कहा गया है कि मार्च से देश में फैली महामारी कोरोना वायरस से बचाव व सुरक्षा को लेकर शासन प्रशासन परेशान चल रहा है. इसमें ग्राम प्रधान भी अपने दायित्यों का निर्वहन कर रहे हैं.

ऐसे में सभी प्रधानों ने मांग उठाई है कि कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न समस्याओं को देखते हुए प्रवासी मजदूरों तथा गरीब मजदूरों को मनरेगा के तहत राहत देने के लिए अधिक से अधिक कार्य ग्राम पंचायतों में कराये जा रहे हैं. पंचायत का अंतिम वर्ष होने के कारण विपक्षियों की ओर से गलत शिकायत की जा रही है. ऐसे में इन शिकायतों की जांच शासनादेश के अनुसार हो.

जनपद में कार्यरत ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों की नई तैनाती गांव आवंटन क्लस्टर के अनुसार जिला प्रशासन करे. नहीं तो ग्राम पंचायत में हो रहे कार्यों के प्रति समस्या उत्पन्न हो सकती है. पंचायत चुनाव नजदीक है, इसलिए चुनाव तक इसे जारी रखा जाये.

इसके आगे प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष विवेकानन्द यादव ने कहा कि चौदहवां वित्त आयोग की धनराशि से जिन ग्राम पंचायतों में कायाकल्प योजना के तहत एक या दो कार्य कर दिया गया हो, उसे अन्य विकास कार्य करने की छूट दिया जाये. साथ ही अन्य जनपदों में ग्राम प्रधान के हत्याकांड को देखते हुए प्रधानों को शस्त्र लाइसेंस दिया जाये.

मऊ: कलेक्ट्रेट में सोमवार को राष्ट्रीय पंचायतरीज ग्राम प्रधान संगठन के द्वारा जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया. इसके माध्यम से कहा गया है कि मार्च से देश में फैली महामारी कोरोना वायरस से बचाव व सुरक्षा को लेकर शासन प्रशासन परेशान चल रहा है. इसमें ग्राम प्रधान भी अपने दायित्यों का निर्वहन कर रहे हैं.

ऐसे में सभी प्रधानों ने मांग उठाई है कि कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न समस्याओं को देखते हुए प्रवासी मजदूरों तथा गरीब मजदूरों को मनरेगा के तहत राहत देने के लिए अधिक से अधिक कार्य ग्राम पंचायतों में कराये जा रहे हैं. पंचायत का अंतिम वर्ष होने के कारण विपक्षियों की ओर से गलत शिकायत की जा रही है. ऐसे में इन शिकायतों की जांच शासनादेश के अनुसार हो.

जनपद में कार्यरत ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों की नई तैनाती गांव आवंटन क्लस्टर के अनुसार जिला प्रशासन करे. नहीं तो ग्राम पंचायत में हो रहे कार्यों के प्रति समस्या उत्पन्न हो सकती है. पंचायत चुनाव नजदीक है, इसलिए चुनाव तक इसे जारी रखा जाये.

इसके आगे प्रधान संघ के जिलाध्यक्ष विवेकानन्द यादव ने कहा कि चौदहवां वित्त आयोग की धनराशि से जिन ग्राम पंचायतों में कायाकल्प योजना के तहत एक या दो कार्य कर दिया गया हो, उसे अन्य विकास कार्य करने की छूट दिया जाये. साथ ही अन्य जनपदों में ग्राम प्रधान के हत्याकांड को देखते हुए प्रधानों को शस्त्र लाइसेंस दिया जाये.

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