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मऊः मुख्तार के करीबी तीन ठेकेदारों के लाइसेंस रद्द - मुख्तार के करीबी ठेकेदार

यूपी के मऊ जिला प्रशासन ने मुख्तार अंसारी के करीबी तीन ठेकेदारों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. जिला प्रशासन के मुताबिक इन लोगों ने तथ्यों को छुपाकर ठेकेदारी का लाइसेंस हासिल किया था. इसके साथ ही कई लोग परिजनों के नाम लाइसेंस लेकर खुद ठेकेदारी करते पाए गए हैं, जिन पर कार्रवाई की जा रही है.

एसपी
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Published : Oct 29, 2020, 6:39 PM IST

मऊः जिला और पुलिस प्रशासन कोर्ट के निर्देश पर मुख्तार अंसारी गिरोह के भू-माफिया, मछली माफिया, अवैध स्लाटर हाउस संचालक, कोल माफिया आदि पर लगातार कार्रवाई कर रहा है. वहीं अब जिला प्रशासन ने मुख्तार गिरोह से जुड़े ठेकेदारों को निशाने पर ले लिया है. इसी के तहत गलत तथ्यों के आधार पर पीडब्ल्यूडी, आरईएस, पीएमएसवाई आदि तमाम सरकारी विभागों में ठेका हासिल कर निर्माण कार्य कराने वाले तीन ठेकेदारों पर कार्रवाई करते हुए एसपी ने इनका लाइसेंस निरस्त कर दिया है.

गलत तथ्य पेश कर हासिल किया था लाइसेंस
पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अनुसार नगर कोतवाली के भीटी निवासी कमला सिंह को ठेकेदारी का लाइसेंस 18 अक्टूबर 2019 को जारी किया गया था. वहीं लाइसेंस प्राप्त करते समय कमला सिंह ने शपथ पत्र में अपने पुत्र का आपराधिक इतिहास नहीं दर्शाया था, जबकि कमला सिंह के पुत्र जयप्रकाश सिंह के विरुद्ध कई अभियोग पंजीकृत हैं. जांच में पाया गया कि कमला सिंह की उम्र 60 वर्ष के करीब है, जिनके नाम पर उनका पुत्र ठेकेदारी करता है.

फॉर्म में तथ्यों की चोरी
कोतवाली के भीटी निवासी हजारी सिंह की पत्नी माया सिंह का भी लाइसेंस 12 दिसंबर, 2017 को जारी किया गया था. प्रार्थना पत्र देते समय माया सिंह ने अपने सगे-संबंधियों पर आपराधिक मुकदमे न होने की बात का जिक्र किया था, जबकि उनके पति के विरुद्ध कोतवाली और थाना सरायलखंसी में 6 मुकदमे पंजीकृत हैं. वह अपनी पत्नी के नाम पर लाइसेंस बनवाकर खुद ठेकेदारी करता है.

वहीं सरायलखंसी थाना क्षेत्र स्थित आदेडीह निवासी बृजनाथ सिंह को ठेकेदारी का लाइसेंस 8 मार्च, 2018 को जारी किया गया था. जांच के दौरान पाया गया कि बृजनाथ सिंह के द्वारा ठेकेदारी का कार्य न कर उनके पुत्र हजारी सिंह के द्वारा किया जाता है, जबकि हजारी सिंह पर कोतवाली और थाना सरायलखंसी में 6 मुकदमे पंजीकृत हैं.

मऊः जिला और पुलिस प्रशासन कोर्ट के निर्देश पर मुख्तार अंसारी गिरोह के भू-माफिया, मछली माफिया, अवैध स्लाटर हाउस संचालक, कोल माफिया आदि पर लगातार कार्रवाई कर रहा है. वहीं अब जिला प्रशासन ने मुख्तार गिरोह से जुड़े ठेकेदारों को निशाने पर ले लिया है. इसी के तहत गलत तथ्यों के आधार पर पीडब्ल्यूडी, आरईएस, पीएमएसवाई आदि तमाम सरकारी विभागों में ठेका हासिल कर निर्माण कार्य कराने वाले तीन ठेकेदारों पर कार्रवाई करते हुए एसपी ने इनका लाइसेंस निरस्त कर दिया है.

गलत तथ्य पेश कर हासिल किया था लाइसेंस
पुलिस अधीक्षक कार्यालय के अनुसार नगर कोतवाली के भीटी निवासी कमला सिंह को ठेकेदारी का लाइसेंस 18 अक्टूबर 2019 को जारी किया गया था. वहीं लाइसेंस प्राप्त करते समय कमला सिंह ने शपथ पत्र में अपने पुत्र का आपराधिक इतिहास नहीं दर्शाया था, जबकि कमला सिंह के पुत्र जयप्रकाश सिंह के विरुद्ध कई अभियोग पंजीकृत हैं. जांच में पाया गया कि कमला सिंह की उम्र 60 वर्ष के करीब है, जिनके नाम पर उनका पुत्र ठेकेदारी करता है.

फॉर्म में तथ्यों की चोरी
कोतवाली के भीटी निवासी हजारी सिंह की पत्नी माया सिंह का भी लाइसेंस 12 दिसंबर, 2017 को जारी किया गया था. प्रार्थना पत्र देते समय माया सिंह ने अपने सगे-संबंधियों पर आपराधिक मुकदमे न होने की बात का जिक्र किया था, जबकि उनके पति के विरुद्ध कोतवाली और थाना सरायलखंसी में 6 मुकदमे पंजीकृत हैं. वह अपनी पत्नी के नाम पर लाइसेंस बनवाकर खुद ठेकेदारी करता है.

वहीं सरायलखंसी थाना क्षेत्र स्थित आदेडीह निवासी बृजनाथ सिंह को ठेकेदारी का लाइसेंस 8 मार्च, 2018 को जारी किया गया था. जांच के दौरान पाया गया कि बृजनाथ सिंह के द्वारा ठेकेदारी का कार्य न कर उनके पुत्र हजारी सिंह के द्वारा किया जाता है, जबकि हजारी सिंह पर कोतवाली और थाना सरायलखंसी में 6 मुकदमे पंजीकृत हैं.

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