ETV Bharat / state

मऊ: लॉकडाउन में बदल लिया रोजगार, अब बना रहे रंग-बिरंगे कपड़ों के मास्क

कोराना वायरस से बचने के लिए लोगों को मास्क पहनना जरूरी हो गया है. लॉकडाउन में रोजगार ठप होने के कारण कुछ लोगों ने डिजाइन और कपड़ों की मैचिंग के मास्क बनाना शुरू कर दिया. मास्क से लोगों की सुरक्षा हो रही है. वहीं बेरोजगार को रोजगार का एक जरिया भी मिला है.

रेयाज अहमद
रेयाज अहमद
author img

By

Published : Jun 8, 2020, 9:49 AM IST

मऊ: कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरा विश्व सहमा हुआ है. भारत की बात करें तो यहां आए दिन हजारों मरीज पाए जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए देश में पहले लॉकडाउन लागू हुआ और अब अनलॉक-1, लेकिन वायरस का फैलाव अब भी नहीं थमा है. करीब दो महीने तक चले लॉकडाउन में लाखों लोग बेरोजगार हो गए. सबसे अधिक समस्या मजदूर वर्ग को हुई. इस दौरान कुछ लोगों ने अपने रोजगार का स्वरूप बदल दिया है. लोगों को कोविड-19 से बचाने के लिए रंग-बिरंगे मास्क बनाने लगे. ईटीवी भारत ने यूपी के मऊ जिले में रंग-बिरंगे मास्क बना रहे रेयाज अहमद से बातचीत की.

रंगीन मास्क बने रोजगार का सहारा
मऊ के अली बिल्डिंग में रेयाज अहमद रंगीन मास्क बनाने का कार्य करते हैं. यहां पर रेयाज की एक छोटी सी दुकान है, जिसमें उन्होंने अपने हाथों से रंगीन मास्क बनाकर टांगे हुए हैं. यह मास्क देखने में काफी आकर्षक हैं. युवा वर्ग रेयाज के बनाए गए मास्क को खूब पसन्द कर रहे हैं. मास्क को बेचकर रेयाज कुछ रुपये भी कमा लेते हैं.

रेयाज अहमद ने मास्क बनाना शुरू कर दिया.

बाजार में रंगीन मास्क की मांग अब रेयाज के लिए रोजगार का सहारा बन गया है. आजकल शरीर पर अन्य कपड़ों की तरह मास्क ने भी एक स्थान ले लिया है. ऐसे में सुंदर और आकर्षक दिखने के लिए लोग कपड़ों की तरह मास्क भी मैचिंग के इस्तेमाल कर रहें हैं. रेयाज ने फैशन के इसी बाजार को समझते हुए रंग-बिरंगे मास्क बनाने का कारोबार शुरू कर दिया. रेयाज अब तक सैकड़ों मास्क बना चुके हैं.

रोजाना 200-300 रुपये की होती है बचत
रेयाज अहमद बताते हैं कि वह इससे पहले बुटीक और सिलाई का काम करते थे. कोरोना लॉकडाउन में ग्राहकों के न आने से सिलाई का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया. रेयाज ने बताया कि ढाई महीने किसी तरह परिवार की जीविका चली, लेकिन जब लॉकडाउन खुला तो बुटीक का काम नहीं मिल रहा था. ऐसे में विचार आया कि क्यों न रंगीन मास्क बनाया जाए.

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क की मांग बढ़ गई है. यही सोचकर रेयाज ने अली बिल्डिंग मऊ की मुख्य बाजार स्थित अपनी दुकान में रंगीन मास्क बनाना शुरू कर दिया. रेयाज बताते हैं कि रोज लगभग 30-40 मास्क बिक जाता है, जिसकी कीमत 50 रुपये है. इस काम में उन्हें रोजाना 200-300 रुपये की बचत भी हो जाती है.

मऊ: कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरा विश्व सहमा हुआ है. भारत की बात करें तो यहां आए दिन हजारों मरीज पाए जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए देश में पहले लॉकडाउन लागू हुआ और अब अनलॉक-1, लेकिन वायरस का फैलाव अब भी नहीं थमा है. करीब दो महीने तक चले लॉकडाउन में लाखों लोग बेरोजगार हो गए. सबसे अधिक समस्या मजदूर वर्ग को हुई. इस दौरान कुछ लोगों ने अपने रोजगार का स्वरूप बदल दिया है. लोगों को कोविड-19 से बचाने के लिए रंग-बिरंगे मास्क बनाने लगे. ईटीवी भारत ने यूपी के मऊ जिले में रंग-बिरंगे मास्क बना रहे रेयाज अहमद से बातचीत की.

रंगीन मास्क बने रोजगार का सहारा
मऊ के अली बिल्डिंग में रेयाज अहमद रंगीन मास्क बनाने का कार्य करते हैं. यहां पर रेयाज की एक छोटी सी दुकान है, जिसमें उन्होंने अपने हाथों से रंगीन मास्क बनाकर टांगे हुए हैं. यह मास्क देखने में काफी आकर्षक हैं. युवा वर्ग रेयाज के बनाए गए मास्क को खूब पसन्द कर रहे हैं. मास्क को बेचकर रेयाज कुछ रुपये भी कमा लेते हैं.

रेयाज अहमद ने मास्क बनाना शुरू कर दिया.

बाजार में रंगीन मास्क की मांग अब रेयाज के लिए रोजगार का सहारा बन गया है. आजकल शरीर पर अन्य कपड़ों की तरह मास्क ने भी एक स्थान ले लिया है. ऐसे में सुंदर और आकर्षक दिखने के लिए लोग कपड़ों की तरह मास्क भी मैचिंग के इस्तेमाल कर रहें हैं. रेयाज ने फैशन के इसी बाजार को समझते हुए रंग-बिरंगे मास्क बनाने का कारोबार शुरू कर दिया. रेयाज अब तक सैकड़ों मास्क बना चुके हैं.

रोजाना 200-300 रुपये की होती है बचत
रेयाज अहमद बताते हैं कि वह इससे पहले बुटीक और सिलाई का काम करते थे. कोरोना लॉकडाउन में ग्राहकों के न आने से सिलाई का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया. रेयाज ने बताया कि ढाई महीने किसी तरह परिवार की जीविका चली, लेकिन जब लॉकडाउन खुला तो बुटीक का काम नहीं मिल रहा था. ऐसे में विचार आया कि क्यों न रंगीन मास्क बनाया जाए.

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क की मांग बढ़ गई है. यही सोचकर रेयाज ने अली बिल्डिंग मऊ की मुख्य बाजार स्थित अपनी दुकान में रंगीन मास्क बनाना शुरू कर दिया. रेयाज बताते हैं कि रोज लगभग 30-40 मास्क बिक जाता है, जिसकी कीमत 50 रुपये है. इस काम में उन्हें रोजाना 200-300 रुपये की बचत भी हो जाती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.