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मऊ: बीएसए के खिलाफ शिक्षकों ने किया विरोध प्रदर्शन, लगाया भ्रष्टाचार का आरोप - बीएसए के खिलाफ प्रदर्शन

यूपी के मऊ जिले में बीएसए के खिलाफ शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन कर मार्च निकाला. शिक्षकों ने बीएसए अधिकारी ओपी त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कार्रवाई करने की मांग की.

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बीएसए के खिलाफ शिक्षकों का प्रदर्शन
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Published : Dec 31, 2019, 8:36 AM IST

मऊ: उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले जनपद के समस्त शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन कर मार्च निकाला. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ये मार्च निकाला गया है. इस दौरान शिक्षकों ने जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम योगी को अपना मांग पत्र सौंपा. शिक्षकों का आरोप है कि जिला बीएसए नियम कानून को तोड़कर शिक्षकों को प्रताडि़त करते हैं.

बीएसए के खिलाफ शिक्षकों का प्रदर्शन.
  • उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले जनपद के समस्त शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन कर मार्च निकाला.
  • जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम योगी को मांग पत्र सौंपा.
  • शिक्षकों का आरोप है कि जिला बीएसए नियम कानून को तोड़कर शिक्षकों को प्रताड़ित करते हैं.
  • अधिकारी शासनादेश के विरुद्ध परिषदीय विद्यालयों के छात्रों में खराब ड्रेस वितरण करा रहे हैं.

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 20 दिसम्बर को वार्ता के समय अधिकारी ने रिवॉल्वर निकालकर जिलाध्यक्ष कृष्णानन्द राय और अन्य को जान से मारने की धमकी दी. धमकी की तहरीर थाना में दी गई, जिसकी एफआईआर अभी तक दर्ज नहीं की गई है. ये पूरा वाक्या कार्यालय कक्ष के सीसीटीवी में कैद हो गया, जिसे उस सबूत को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है. शिक्षकों को विभागीय भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुंह खोलने पर झूठे आरोपों में निलम्बित कर भय का वातावरण बनाया जा रहा है. शासनादेशों के विरुद्ध निलम्बन, बहाली और दंडित किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: मऊ: सीएए पर नए साल से बीजेपी शुरू करेगी जन जागरण अभियान

शिक्षकों के वेतन कटौती की बहाली, चयन वेतनमान और अन्य प्रार्थना पत्रों पर 15 महीनों में भी नियमानुसार कार्रवाई नहीं की जा रही है. इसलिए हम लोगों की मांग है कि जान से मारने की धमकी देने के आपराधिक प्रकरण में एफआईआर दर्ज करते हुए सभी आरोपों का निष्पक्ष जांच कराकर कार्रवाई की जाए.

मऊ: उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले जनपद के समस्त शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन कर मार्च निकाला. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए ये मार्च निकाला गया है. इस दौरान शिक्षकों ने जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम योगी को अपना मांग पत्र सौंपा. शिक्षकों का आरोप है कि जिला बीएसए नियम कानून को तोड़कर शिक्षकों को प्रताडि़त करते हैं.

बीएसए के खिलाफ शिक्षकों का प्रदर्शन.
  • उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले जनपद के समस्त शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन कर मार्च निकाला.
  • जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम योगी को मांग पत्र सौंपा.
  • शिक्षकों का आरोप है कि जिला बीएसए नियम कानून को तोड़कर शिक्षकों को प्रताड़ित करते हैं.
  • अधिकारी शासनादेश के विरुद्ध परिषदीय विद्यालयों के छात्रों में खराब ड्रेस वितरण करा रहे हैं.

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 20 दिसम्बर को वार्ता के समय अधिकारी ने रिवॉल्वर निकालकर जिलाध्यक्ष कृष्णानन्द राय और अन्य को जान से मारने की धमकी दी. धमकी की तहरीर थाना में दी गई, जिसकी एफआईआर अभी तक दर्ज नहीं की गई है. ये पूरा वाक्या कार्यालय कक्ष के सीसीटीवी में कैद हो गया, जिसे उस सबूत को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है. शिक्षकों को विभागीय भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुंह खोलने पर झूठे आरोपों में निलम्बित कर भय का वातावरण बनाया जा रहा है. शासनादेशों के विरुद्ध निलम्बन, बहाली और दंडित किया जा रहा है.

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शिक्षकों के वेतन कटौती की बहाली, चयन वेतनमान और अन्य प्रार्थना पत्रों पर 15 महीनों में भी नियमानुसार कार्रवाई नहीं की जा रही है. इसलिए हम लोगों की मांग है कि जान से मारने की धमकी देने के आपराधिक प्रकरण में एफआईआर दर्ज करते हुए सभी आरोपों का निष्पक्ष जांच कराकर कार्रवाई की जाए.

Intro:मऊ - जिले के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी के खिलाफ भष्ट्राचार का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले जनपद के समस्त शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन कर मार्च निकाला। साथ ही जिलाधिकारी के माध्यम से सीएम योगी को अपना मांग पत्र सौपा। शिक्षकों का आरोप है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी नियम कानून को तोङकर शिक्षकों को प्रताङित कर रहे है। शासनादेश के विरुद्ध परिषदीय विद्यालयों के छात्रों में खराब ड्रेस वितरण करा रहे है। Body:प्रदर्शन के दौरान शिक्षकों ने बताया कि 20 दिसम्बर को जब शिक्षक प्रतिनिधि उनके कार्यालय कक्ष में नियम विरुद्ध कार्यों एवं प्रताङना पर वार्ता कर रहे थे। उसी समय अपना आपा खोकर उन्होने रिवाल्बर निकालकर जिलाध्यक्ष कृष्णानन्द राय व अन्य को जान से मारने की धमकी दी। जिसकी तहरीर उसी दिन थाना सरायलखंशी में दी गयी। जिसकी एफआईआर अभी तक दर्ज नही किया गया। पूरा वाक्या कार्य़ालय कक्ष के सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड है, उसे भी खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। जिलाप्रशासन भी सहयोग कर रहा है। शिक्षकों को विभागीय भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुह खोलने पर झूठे आरोपों में निलम्बित कर भय का वातावरण बनाया जा रहा है। शासनादेशों के विरुद्ध निलम्बन, बहाली एवं दंडित किया जा रहा है।Conclusion:शिक्षकों के वेतन कटौती की बहाली, चयन वेतनमान एवं अन्य प्रार्थना पत्रों पर 15 महीनों में भी नियमानुसार कार्यवाही नही की जा रही है। इसलिए हम लोगों की मांग है कि रिवाल्वर से जान मारने की धमकी देने के आपराधिक प्रकरण में एफआईआर दर्ज कराते हुए सभी आरोपो का निष्पक्ष जांच कराकर कार्यवाही की जाये।

वाइट-1- अंजनी कुमार सिहं (शिक्षक)
वाइट-2- कृष्णानन्द राय (जिलाध्यक्ष)

वेद मिश्रा, मऊ - 9415219385
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