मऊ: वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण के खतरे को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन चल रहा है. इस दौरान लगभग 40 दिनों से स्कूलों में ताले लटक रहे हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. ऐसे में बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो, इसके लिए शिक्षक सतीश सिंह घर-घर जाकर बच्चों को शिक्षण सामग्री दे रहे हैं और कोरोना के प्रति जागरूक कर रहे हैं.
कई विद्यालय लॉकडाउन के दौरान बच्चों को पढ़ाने के लिए ऑनलाइन क्लासेस चला रहे हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई उच्च स्तरीय निजी विद्यालयों, जागरूक और सम्पन्न अभिभावकों तक ही रह जा रही है. ऐसे में परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब घर के बच्चे शिक्षा से अछूते रह जा रहे हैं. इनके अभिभावक कम जागरूक हैं और अधिकांश लोगों के घरों में स्मार्ट फोन नहीं है, अगर फोन भी है तो गांव में नेटवर्क की समस्या है. इसी को ध्यान में रखते हुए जनपद के परदहां ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय रकौली के शिक्षक सतीश सिंह अपने सहयोगी के साथ गांव में पहुंचे. उन्होंने छात्रों को कॉपी पेंसिल सहित कार्यशीट दी, जिससे बच्चे घर पर ही रहकर की सीख सकें और अपनी शिक्षा को चालू रखें.
सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर
शिक्षक सतीश सिंह ने बताया कि स्कूल दो महीने से बंद है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभवित हो रही है. बच्चे फोन करके अपनी समस्याएं बताते हैं. उन्होंने बताया कि जिला ऑरेंज जोन में होने के कारण थोड़ी छूट मिली तो वह बच्चों के घर चले आए. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उनको किताब, कलम और वर्कशीट दी और कोरोना के प्रति जागरूक कर रहे हैं. इससे बच्चे लॉकडाउन में घर पर रहकर भी पढ़ाई करेंगे. उन्होंने कहा कि बच्चों को जो काम दिया जा रहा है, वह एक सप्ताह का है. एक सप्ताह बाद बच्चों से मिलकर वो दूसरा काम देंगे.