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मऊ: बगिया की शोभा बढ़ाने के बजाय नर्सरी में मुरझा रहे पौधे

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में नर्सरी में तैयार मौसमी फूल और पौधे लॉकडाउन के कारण न बिकने से मुरझा रहे हैं. इससे नर्सरी उद्योग को काफी नुकसान हो रहा है.

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सीजन के फूल न बिकने से सूख रहें हैं.
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Published : Apr 21, 2020, 5:00 PM IST

Updated : Apr 22, 2020, 1:54 PM IST

मऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश मे लॉकडाउन है, जिससे बाजार बंद हैं. लोग घरों से नहीं निकल रहें हैं तो नर्सरी में तैयार मौसमी फूल और पौधे मुरझा रहे हैं. जिन पौधों को बागवानी की शोभा बढ़ानी थी, वे नर्सरी में ही सूख रहे हैं. इससे नर्सरी उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है.

सीजन के फूल न बिकने से सूख रहें हैं.
नर्सरी में गर्मी के मौसम में बागवानी के लिए फूल और पौधे समय से तैयार हो गए हैं. अब इन पौधों को नसर्री से निकाल कर बागवानी में लगाने का समय हो गया है, लेकिन लॉकडाउन के चलते लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं. ऐसे में ये पौधे अब सूख रहे हैं. इन पौधों को ज्यादा दिन तक नर्सरी में नहीं रखा जा सकता है.


माली सतेंद्र पाल ने बताया कि लॉकडाउन के चलते कोई खरीदार नही आ रहा है. ऐसे में जो मौसमी पौधे हैं, वह नहीं बिकने के कारण सूख रहे हैं. फूल और हरियाली वाले पौधे समय से बिकेंगे तो उन्हें सूखना ही है.

माली सतेंद्र पाल ने कहा कि गर्मी के शुरुआती मौसम में फूलों की बिक्री अच्छी होती है. इसके चलते तैयारी की थी, लेकिन अब कोरोना से बचना ज्यादा जरूरी है. पौधें नहीं बिकने से 25 से 30 हजार का नुकसान होगा. स्थाई पौधों को जीवित रखने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन सीजन के फूल पौधे बिकने के बजाय सूख रहे हैं, जिससे काफी नुकसान हो रहा है.


ये भी पढ़ें- मऊ: कोपागंज हॉटस्पॉट पूरी तरह सील, एक-एक व्यक्ति की हो रही स्क्रीनिंग

मऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश मे लॉकडाउन है, जिससे बाजार बंद हैं. लोग घरों से नहीं निकल रहें हैं तो नर्सरी में तैयार मौसमी फूल और पौधे मुरझा रहे हैं. जिन पौधों को बागवानी की शोभा बढ़ानी थी, वे नर्सरी में ही सूख रहे हैं. इससे नर्सरी उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है.

सीजन के फूल न बिकने से सूख रहें हैं.
नर्सरी में गर्मी के मौसम में बागवानी के लिए फूल और पौधे समय से तैयार हो गए हैं. अब इन पौधों को नसर्री से निकाल कर बागवानी में लगाने का समय हो गया है, लेकिन लॉकडाउन के चलते लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं. ऐसे में ये पौधे अब सूख रहे हैं. इन पौधों को ज्यादा दिन तक नर्सरी में नहीं रखा जा सकता है.


माली सतेंद्र पाल ने बताया कि लॉकडाउन के चलते कोई खरीदार नही आ रहा है. ऐसे में जो मौसमी पौधे हैं, वह नहीं बिकने के कारण सूख रहे हैं. फूल और हरियाली वाले पौधे समय से बिकेंगे तो उन्हें सूखना ही है.

माली सतेंद्र पाल ने कहा कि गर्मी के शुरुआती मौसम में फूलों की बिक्री अच्छी होती है. इसके चलते तैयारी की थी, लेकिन अब कोरोना से बचना ज्यादा जरूरी है. पौधें नहीं बिकने से 25 से 30 हजार का नुकसान होगा. स्थाई पौधों को जीवित रखने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन सीजन के फूल पौधे बिकने के बजाय सूख रहे हैं, जिससे काफी नुकसान हो रहा है.


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Last Updated : Apr 22, 2020, 1:54 PM IST
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