मऊ: समाजवादी पार्टी के कार्यकताओं ने 'मजबूर मजदूर अभियान' के तहत भीटी चौराहे पर प्रदर्शन किए है. इन्होंने कोरोना महामारी के सर्वाधिक प्रभावित मजदूर तबके के लिए सरकार से उचित व्यवस्था की मांग की है. साथ ही सरकार के कार्यप्रणाली की आलोचना की है.
मजबूर मजदूर अभियान
सपा नेता राजविजय यादव ने कहा कि शहरों से गांवों की ओर भारी संख्या में पलायन की ऐसी घटना स्वतंत्र भारत में पहली बार हुई है. केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के दिशाहीन और मनमाने रवैये से मजदूरों की समस्या बढ़ती जा रही है. रोजगार सृजन के नाम पर घोषणाओं को जमीन पर उतारने के लिए न तो समुचित संवाद हो रहा है और न ही ठोस कार्ययोजना है. सिर्फ सामूहिक लूट का एक नया व्यवस्थित तंत्र आकार लेता दिख रहा है. उन्होंने कहा कि मजदूर तबके की समस्या, चुनौतियों और मजबूरियों के निपटारे के लिए सत्ता तंत्र पर दबाव बनाने और उसे समाधान तक पहुंचाने की प्रदर्शन किया जा रहा है. आज के जनसत्याग्रह के माध्यम से हमारी मांगे मजदूरों के सवाल पर सरकार की बदहवास नीद तोड़ेगी.
जन सत्याग्रह के तहत मजदूरों के लिए निम्न मांग
सपा नेता अंकित ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकारों ने मजदूरों को उनके हाल पर छोड़ दिया, जिस वजह से लोग बीमारी से नहीं भूख, प्यास और सड़क, रेलवे ट्रैक जैसी दुर्घटनाओं में जाने गवाई हैं. घटना में जिन मजदूरों की जाने गई हैं. उनके प्रति हम संवेदना व्यक्त करते हैं और उनके परिवार वालों को यह भरोसा दिलाना चाहते हैं कि उनके के साथ पूरा देश खड़ा है. कोरोना से बचाव के लिए निर्देशित नियमों का पालन करते हुए यह सत्याग्रह मनुष्यता के बचे रहने के लिए जरूरी है.
समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं की मांग
- श्रम कानून बहाल करो.
- मजदूरों को उनके घर वापसी को सुनिश्चित करे सरकार.
- लॉकडाउन से बेरोजगार हुए मजदूरों के भरण पोषण के लिए न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित की जाए
- मजदूरों की लॉकडाउन में अथवा बेरोजगार होने अथवा बीमारी से मृत्यु होने पर मुआवजा सुनिश्चित किया जाए.