मऊ: जनपद में किसानों की समस्या सुनने और समाधान करने के लिए गुरुवार को किसान दिवस का आयोजन किया गया. बैठक में किसान नेता व राष्ट्रीय लोक दल के महासचिव देवप्रकाश राय भी उपस्थित थे. इस बीच वह अधिकारियों से किसानों और गरीबों को बैंकों से ऋण न मिलने की शिकायत करते हुए भड़क उठे.
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी और योगी सरकार से मिलीभगत करके फसल बीमा कंपनियां किसानों को लूट रही हैं. बैठक में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, कृषि उप निदेशक, जिला कृषि अधिकारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे. हालांकि जब रालोद महासचिव अपनी बात रख रहे थे तब डीएम वहां मौजूद नहीं थे.
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इस वजह से भड़क उठे रालोद महासचिव
किसान दिवस की बैठक में किसानों की समस्या रखते हुए देवप्रकाश राय अचानक भड़क उठे. उन्होंने कहा कि किसानों, गरीबों और मजदूरों को बैंकों से ऋण नहीं मिल रहा है. बैंक का चक्कर लगाकर किसान परेशान हो जाता है. कई आवेदन बैंक अधिकारियों के पास रखे रह जाते हैं. कमीशन के लिए गरीबों को ऋण न देकर पैसा केवल पूंजपतियों को मिल रहा है. जनता को छोटे ऋण आसानी से मिलना चाहिए. इस मुद्दे को लेकर बैंक अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो.
बैंकों ने किसानों को दिया कम ऋण
मऊ के सहरोज गांव के रहने वाले किसान नेता व रालोद के महासचिव देवप्रकाश राय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बैंकों में गरीब, किसान और मजदूरों का पैसा भी बहुत पैसा जमा है. जबकि जमा किये गए पैसे की तुलना में जिले का ऋण अनुपात काफी कम है. जमा पैसे के सापेक्ष बैंकों ने ऋण बहुत कम दिया है. यह समस्या मेरे द्वारा बहुत पहले से उठाई जा रही है. केंद्र में चिदंबरम के वित्तमंत्री रहते हुए यूपी में बसपा के संसदीय दल के नेता और वर्तमान में मंत्री दारा सिंह चौहान से चिदंबरम को पत्र लिखवाया था. ऋण न बढ़ने से गरीबों की समस्या का हल नहीं होता. रिश्वत के लिए बैंक अधिकारी फाइल नहीं खोलते हैं.
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मोदी और योगी पर बोला हमला
मोदी और योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए किसान नेता देवप्रकाश ने कहा कि भाजपा सरकार की मिलीभगत से फसल बीमा कंपनियां करोड़ों के लूट का खेल कर रही हैं. किसानों के खाते से प्रीमियम काट लिए जाते हैं. पूरे देश में हर साल 20 हजार करोड़ रुपए का यह खेल खेला जा रहा है.
मोदी सरकार के खास लोग और पूंजीपति बीमा कंपनियां चला रहे हैं, ये लोग भाजपा को चंदा देते हैं. जिले में फसल बीमा कंपनी का कोई कार्यालय भी नहीं खोला गया है और न ही कोई कर्मचारी है. यह समस्या जिलाधिकारी को बताई है. बैठक में कंपनी का कोई अधिकारी भी नहीं आया था. प्रतिनिधि को डीएम ने डांटकर भगा दिया और अधिकारी को दफ्तर में लाने का आदेश दिया है.
- देवप्रकाश राय, महासचिव, रालोद