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मऊ: घाघरा नदी का कहर, खतरे के बीच पलायन करने को लोग मजबूर

मऊ जिले में सरयू नदी में बाढ़ आने के चलते आस-पास के कई गांव के लोग पलायन कर रहे हैं. बाढ़ प्रभावित लोगों का आरोप है कि प्रशासन सही तरीके से मदद नहीं कर रहा है. प्रशासन की लापरवाही के चलते लोगों की जान खतरे में है.

घाघरा नदी का बढ़ा जलस्तर.
घाघरा नदी का बढ़ा जलस्तर.
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Published : Aug 8, 2020, 11:32 AM IST

मऊ: नेपाल से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण सरयू नदी अपने ऊफान पर बह रही है. तटवर्ती गांवों में पानी भर आया है. लोग यहां से पलायन करने को मजबूर हैं. मधुबन व दोहरीघाट के बंधों पर खतरा मंडरा रहा है. मधुबन के गजियापुर स्थित रिंग बांध को नदी की लहरें लगातार काट रही हैं. वहीं दोहरीघाट के बीबीपुर-बेलौली बंधा भी खतरे के आगोश में है. बुधवार से गुरुवार तक नदी कई मीटर तक कटान कर चुकी है.

बाढ़ पीड़ितों से बातचीत.

बंधों के कटने से 20 से अधिक गांव बाढ़ के चपेट में आ चुके हैं. सैकड़ों लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थान पर पलायन कर रहें हैं, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते इनका जीवन हर पल खतरे में है. हालात यह है कि बड़ी नाव की व्यवस्था नहीं होने के चलते ग्रामीण छोटी नाव के सहारे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकल रहे हैं. ऐसे में दुर्घटना होती जा रही है. दो दिन में यहां नाव पटलने की घटना से 6 लोगों की मौत की खबर सामने आई है. ग्रामीणों के डूबने से मौत के बाद अब प्रशासन ने NDRF को बुलाया है.

घाघरा नदी का बढ़ा जलस्तर.
घाघरा नदी का बढ़ा जलस्तर.

दुबारी क्षेत्र में बाढ़ से घिरे 15 गांव के लोगों की हालत यह है कि प्रशासन की टीम गांव तक नहीं पहुंच रही है. ग्रामीणों का आरोप है कि लोग भूख से परेशान हैं. प्रशासन कोई बड़ी नाव की व्यवस्था नहीं कर रही है. ग्रामीण रामाश्रय ने बताया कि नाव की किल्लत के चलते गांव के लोग परेशान हैं. हालत यह है कि रात में कोई बीमार पड़ जाए तो इलाज के बिना ही मर जाना है.

बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के चलते खतरा बढ़ता जा रहा है. बार-बार शिकायत करने के बाद भी सिंचाई विभाग ने बांध का मरम्मत नहीं करवाया. बांढ़ से पानी रिसते रहने के कारण बांध टूट गया.

पलायन करने को मजबूर ग्रामीण.
पलायन करने को मजबूर ग्रामीण.

मधुबन क्षेत्र गजियापुर पहुंचे जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि घाघरा के बढ़ते जलस्तर से कई गांवों में पानी घुस आया है. गजियापुर बांध टूट गया था, जिसकी मरम्मत जारी है. बाढ़ में फंसे लोगों को निकलने का काम चल रहा है. बड़ी नाव की व्यवस्था के साथ एनडीआरएफ को भी बुलाया गया है. बाढ़ प्रभावित लोगों को राशन राहत सामग्री दिया जा रहा है.

मऊ: नेपाल से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण सरयू नदी अपने ऊफान पर बह रही है. तटवर्ती गांवों में पानी भर आया है. लोग यहां से पलायन करने को मजबूर हैं. मधुबन व दोहरीघाट के बंधों पर खतरा मंडरा रहा है. मधुबन के गजियापुर स्थित रिंग बांध को नदी की लहरें लगातार काट रही हैं. वहीं दोहरीघाट के बीबीपुर-बेलौली बंधा भी खतरे के आगोश में है. बुधवार से गुरुवार तक नदी कई मीटर तक कटान कर चुकी है.

बाढ़ पीड़ितों से बातचीत.

बंधों के कटने से 20 से अधिक गांव बाढ़ के चपेट में आ चुके हैं. सैकड़ों लोग घर छोड़कर ऊंचे स्थान पर पलायन कर रहें हैं, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते इनका जीवन हर पल खतरे में है. हालात यह है कि बड़ी नाव की व्यवस्था नहीं होने के चलते ग्रामीण छोटी नाव के सहारे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकल रहे हैं. ऐसे में दुर्घटना होती जा रही है. दो दिन में यहां नाव पटलने की घटना से 6 लोगों की मौत की खबर सामने आई है. ग्रामीणों के डूबने से मौत के बाद अब प्रशासन ने NDRF को बुलाया है.

घाघरा नदी का बढ़ा जलस्तर.
घाघरा नदी का बढ़ा जलस्तर.

दुबारी क्षेत्र में बाढ़ से घिरे 15 गांव के लोगों की हालत यह है कि प्रशासन की टीम गांव तक नहीं पहुंच रही है. ग्रामीणों का आरोप है कि लोग भूख से परेशान हैं. प्रशासन कोई बड़ी नाव की व्यवस्था नहीं कर रही है. ग्रामीण रामाश्रय ने बताया कि नाव की किल्लत के चलते गांव के लोग परेशान हैं. हालत यह है कि रात में कोई बीमार पड़ जाए तो इलाज के बिना ही मर जाना है.

बाढ़ प्रभावित लोगों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के चलते खतरा बढ़ता जा रहा है. बार-बार शिकायत करने के बाद भी सिंचाई विभाग ने बांध का मरम्मत नहीं करवाया. बांढ़ से पानी रिसते रहने के कारण बांध टूट गया.

पलायन करने को मजबूर ग्रामीण.
पलायन करने को मजबूर ग्रामीण.

मधुबन क्षेत्र गजियापुर पहुंचे जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि घाघरा के बढ़ते जलस्तर से कई गांवों में पानी घुस आया है. गजियापुर बांध टूट गया था, जिसकी मरम्मत जारी है. बाढ़ में फंसे लोगों को निकलने का काम चल रहा है. बड़ी नाव की व्यवस्था के साथ एनडीआरएफ को भी बुलाया गया है. बाढ़ प्रभावित लोगों को राशन राहत सामग्री दिया जा रहा है.

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