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मऊ: जिला चिकित्सालय में एंटी रैबीज का नहीं है इंजेक्शन, भटक रहे पीड़ित

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Published : Mar 13, 2020, 5:04 PM IST

उत्तर प्रदेश के मऊ में जिला अस्पताल में एंटी रैबीज का इंजेक्शन न मिलने पर कई मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है. वहीं जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि जल्द ही एंटी रैबीज के इंजेक्शन उपलब्ध करा दिया जाएगा.

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जिला अस्पताल में नहीं है एंटी रैबीज का इंजेक्शन

मऊ : सूबे की योगी सरकार गरीबों को मुफ्त में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के तमाम दावा करती है, लेकिन जमीनी हालात दावे से इतर है. प्रदेश के अस्पतालों की हालत यह है कि डॉक्टर हैं तो दवा नहीं, दवा है तो डॉक्टर नहीं. अस्पताल में हैं तो सिर्फ पीड़ित मरीज, दर्द से कराहता व्यक्ति.

जिला अस्पताल का कराहता सिस्टम

  • मामला मऊ जनपद के जिला चिकित्सालय का है. जहां पर डॉक्टर हैं लेकिन दवा नहीं है.
  • एंटी रैबीज विभाग के पास 28 फरवरी से इंजेक्शन नहीं है. इसके कारण वार्ड में ताला लटक रहा है.
  • पीड़ित व्यक्ति गांव से अस्पताल की दूरी तय कर इलाज कराने के लिए आता है, लेकिन उसे निराश होकर वापस घर लौटना पड़ रहा हैं.
  • पीड़ित व्यक्ति है रामनरेश राजभर जिन्हें कुत्ते ने काटा है.
  • एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए 15 किलोमीटर दूर बहादुरगंज से आए हैं.
  • 26 फरवरी को पहला इंजेक्शन लगा था उसके बाद 29 को लगाना था लेकिन 28 फरवरी को ही इंजेक्शन खत्म हो गया.
    जिला अस्पताल में नहीं है एंटी रैबीज का इंजेक्शन

यह इंजेक्शन लगवाने के लिए 12 फरवरी से गुरुवार तक आठ बार आ चुके हैं, लेकिन दूसरी डोज नहीं लगी.


राम नरेश की तरह प्रतिदिन कई मरीज वापस लौट रहें हैं. आर्थिक हालात सही नहीं होने से ये निजी अस्पताल से इंजेक्शन खरीदने में सक्षम नहीं है. ऐसे में ये अपना इलाज कैसे करवाएं जब सिस्टम ही दर्द से कराह रहा है.

जिला अस्पताल में रोज 300 एंटी रैबीज इंजेक्शन की खपत है. स्टॉक कम होने पर हम लोगों ने 15 फरवरी को ही मेडिकल कॉरपोरेशन ऑफ उत्तर प्रदेश को ऑन लाइन रिक्वेस्ट भेज दी थी. फोन पर बात भी हुई थी, लेकिन वहां भी इस समय नहीं है जैसे ही आएगा भेजेगें.

बृज किशोर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक

मऊ : सूबे की योगी सरकार गरीबों को मुफ्त में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के तमाम दावा करती है, लेकिन जमीनी हालात दावे से इतर है. प्रदेश के अस्पतालों की हालत यह है कि डॉक्टर हैं तो दवा नहीं, दवा है तो डॉक्टर नहीं. अस्पताल में हैं तो सिर्फ पीड़ित मरीज, दर्द से कराहता व्यक्ति.

जिला अस्पताल का कराहता सिस्टम

  • मामला मऊ जनपद के जिला चिकित्सालय का है. जहां पर डॉक्टर हैं लेकिन दवा नहीं है.
  • एंटी रैबीज विभाग के पास 28 फरवरी से इंजेक्शन नहीं है. इसके कारण वार्ड में ताला लटक रहा है.
  • पीड़ित व्यक्ति गांव से अस्पताल की दूरी तय कर इलाज कराने के लिए आता है, लेकिन उसे निराश होकर वापस घर लौटना पड़ रहा हैं.
  • पीड़ित व्यक्ति है रामनरेश राजभर जिन्हें कुत्ते ने काटा है.
  • एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए 15 किलोमीटर दूर बहादुरगंज से आए हैं.
  • 26 फरवरी को पहला इंजेक्शन लगा था उसके बाद 29 को लगाना था लेकिन 28 फरवरी को ही इंजेक्शन खत्म हो गया.
    जिला अस्पताल में नहीं है एंटी रैबीज का इंजेक्शन

यह इंजेक्शन लगवाने के लिए 12 फरवरी से गुरुवार तक आठ बार आ चुके हैं, लेकिन दूसरी डोज नहीं लगी.


राम नरेश की तरह प्रतिदिन कई मरीज वापस लौट रहें हैं. आर्थिक हालात सही नहीं होने से ये निजी अस्पताल से इंजेक्शन खरीदने में सक्षम नहीं है. ऐसे में ये अपना इलाज कैसे करवाएं जब सिस्टम ही दर्द से कराह रहा है.

जिला अस्पताल में रोज 300 एंटी रैबीज इंजेक्शन की खपत है. स्टॉक कम होने पर हम लोगों ने 15 फरवरी को ही मेडिकल कॉरपोरेशन ऑफ उत्तर प्रदेश को ऑन लाइन रिक्वेस्ट भेज दी थी. फोन पर बात भी हुई थी, लेकिन वहां भी इस समय नहीं है जैसे ही आएगा भेजेगें.

बृज किशोर, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक

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